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Thread: Sanghi Refugee khattar is against Haryanvi people.

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  1. #1

    Sanghi Refugee khattar is against Haryanvi people.

    CM of Haryana and his BJP/Sangh pets seems to create a rift among Haryana nowadays. Khattar said that,'' हरयाणवी सिर्फ कंधो के नीचे से मजबूत होते हैं उपर से नहीं !''

    A sheer insult to the land and natives where these got the shelter.
    "All I am trying to do is bridge the gap between Jats and Rest of World"

    As I shall imagine, so shall I become.

  2. The Following 6 Users Say Thank You to Samarkadian For This Useful Post:

    bharti (September 27th, 2015), desijat (January 7th, 2016), ManjeetS (October 2nd, 2015), prashantacmet (September 23rd, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015), saurabhjaglan (September 28th, 2015)

  3. #2
    If he has really said it then I do not think he has any right to continue as CM of Haryana. He must quit right away and Mr. Modi should not keep such CM in his team.
    Quote Originally Posted by Samarkadian View Post
    CM of Haryana and his BJP/Sangh pets seems to create a rift among Haryana nowadays. Khattar said that,'' हरयाणवी सिर्फ कंधो के नीचे से मजबूत होते हैं उपर से नहीं !''

    A sheer insult to the land and natives where these got the shelter.
    Yoginder Gulia

  4. The Following 7 Users Say Thank You to ygulia For This Useful Post:

    ayushkadyan (September 23rd, 2015), baljeetgathwala (December 27th, 2015), bharti (September 27th, 2015), desijat (January 7th, 2016), prashantacmet (September 23rd, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015), saurabhjaglan (September 28th, 2015)

  5. #3
    Now they are threatening. LOL.


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    "All I am trying to do is bridge the gap between Jats and Rest of World"

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  6. #4
    Quote Originally Posted by ygulia View Post
    If he has really said it then I do not think he has any right to continue as CM of Haryana. He must quit right away and Mr. Modi should not keep such CM in his team.
    They are making fool of us, modi is no less , he put khattar in chair with cunning plan, Haryana public must start some moment against the CM

  7. #5
    I have gone through the copy of memorandum submitted by so self designate Haryana Punjabi.. and found the contents far from facts
    They allege Mr Sangwan has called Mr CM as Pakistani repeatedly; it is untrue as Mr Sangwan has used the word
    ‘पाकिस्तान मूल के’ , there seems no sense of calling as Pakistani ;
    -In a proper sense we all Haryanvis are also Punjabis because we were part of Punjab before creation of Haryana, secondly using the word Punjabi for this group creates confusion, as it is used used for present Punjab residents also.
    -The memorandum on the other hand has admittedly mentioned that there is a separation (अलगाव) between (their used term) ‘Hindu’ and Muslims; I don’t see any such social difference in Haryanvi society and its culture. If any treats me as Hindu I admit that in my mind and soul I have no separate line for Muslims
    The matter is being aired to create another bifurcation in the existing social set up horizontally as well, as they are publically declaring that the vertical social division between Hindu and Muslims already exists in their minds.
    Mr Sangwan should have avoided such issues; even if it was started by Mr CM indirrectly. but in no way, the deeds of other party are good.

  8. The Following User Says Thank You to RKhatkar For This Useful Post:

    cooljat (September 26th, 2015)

  9. #6
    हरयाणा का मुख्यमंत्री हों कर औरों को हरयाणवी बताता है खुद को नहीं ! सही जवाब दिया सांगवान साहब ने ! इन्होने हरयाणा ही नहीं पुरे उत्तर भारत में सांस्कृतिक व सामाजिक प्रदूषण फैला रखा है !
    "All I am trying to do is bridge the gap between Jats and Rest of World"

    As I shall imagine, so shall I become.

  10. The Following 3 Users Say Thank You to Samarkadian For This Useful Post:

    desijat (January 7th, 2016), rohittewatia (October 18th, 2015), saurabhjaglan (September 28th, 2015)

  11. #7
    गुस्ताकी माफ़ हरयाणा CM चाचू:
    आपका ब्यान- "हरयाणवी कंधे से नीचे मजबूत और ऊपर कमजोर होते हैं!"
    हरियाणा के लोगों के कंधो से ऊपर देखने के लिए देखने वाले का कद भी तो हरियाणा के लोगों की तरह 6 फुट से ऊपर होना चाहिए ना। सो पहले अपना कद-वद बढ़ाओ फिर जो मजबूती आप कंधे से नीचे की देख रहे हो फिर कंधो से ऊपर की भी नजर आ जाएगी।
    वैसे आप कन्धों से नीचे की मजबूती देखने के इतने माहिर कैसे हुए, कहीं गे-वे वाला तो कोई चक्कर नहीं? हो भी सकता है क्योंकि आपके माई-बाप संगठन में मर्द-मर्द को राखी बांधता है|
    रेस्ट लॉजिक की बात बता दूँ, हमें महाराष्ट्र के मराठों की तरह बिहारी-पूर्वांचलियों को भाषावाद-क्षेत्रवाद और नश्लवाद के नाम पे हरयाणा में बसे गैर-हरयाणवी भाइयों को पीटना तो आता नहीं, अगर आप इसी को कंधे से ऊपर की मजबूती मानते हों तो?
    मतलब आप अकेले अनोखे ऐसे मुखिया हो एक राज्य के जो अपनी जनता के लिए इतने शर्मशार कर देने वाले शब्द प्रयोग किया है| मतलब आज भी आप खुद को गैर-हरयाणवी ही मानते हो, वरना हरयाणवियों का इतना भद्दा मजाक तो नहीं बनाते|
    लगता है अब हरयाणवियों को मराठियों से कंधे से ऊपर वाली अक्ल सीख ही लेनी चाहिए!
    सही कहा आपने हममें वाकई अक्ल नहीं वरना हरयाणा ही पूरे देश में एक इकलौता ऐसा राज्य नहीं होता जहां का सीएम कोई गैर-हरयाणवी हो (अब तो आपको गैर-हरयाणवी ही कहूँगा, वरना अपने हर्याणवियों के लिए ऐसा बोलते हुए आपकी जीभ एक बार तो जरूर ठहरी होती)| महाराज कृपया करके हर्याणवियों की लोकतांत्रिकता की इतनी भी कम कीमत मत आंकिए कि आपको गैर-हरयाणवी होते हुए भी सीएम स्वीकार कर लिया तो कंधे से ऊपर कमजोर कहोगे|
    हिम्मत हो तो जरा महाराष्ट्र जैसे राज्य में एक बिहारी (गैर-मराठी) को सीएम बनवा के दिखा दो, पता लग जायेगा कि आपके कन्धों से ऊपर कितनी ताकत है|
    आप जैसे लोगों के लिए मेरी दादी जी कहा करती थी कि "अगला शरमान्दा भीतर बड़ गया बेशर्म जाने मेरे से डर गया!" यानी हम तो अपना-अपना कहने और समझने में मर लिए और आप हमारी इस दरियादिली को हमारी कन्धों से ऊपर की कमजोरी ठहरा गए| कोई ना 'नाई के मेरे बाल कोड्ड, बल्या जजमान आगे ही आ जावेंगे!'
    Phool Malik
    One who doesn't know own roots and culture, their social identity is like a letter without address and they are culturally slave to philosophies of others.

    Reunion of Haryana state of pre-1857 is the best way possible to get Jats united.

    Phool Kumar Malik - Gathwala Khap - Nidana Heights

  12. #8
    बड़ा ही दहकता हुआ शीर्षक है इस तागे का..वैसे तो मुख्यमंत्री स्तर के व्यक्ति को ऐसे बेतुके बयान शोभा नहीं देते है। फिर भी कोई टिप्पणी करने से पहले उनके बयान के सन्दर्भ को जानना भी ज़रूरी है।
    ऐसा प्रतीत होता है उनका यह बयान हरयाणवी मानस द्वारा हर काम को ताकत और दिल से करने की तरफ है बजाय दिमाग का प्रयोग करने से।
    तभी उन्होंने कहा कि हरयाणवी लोग कंधे से नीचे ही मज़बूत होते है क्योंकि वो अपना दिमाग का प्रयोग नहीं करते बल्कि हर चीज़ को इमोशनल होके ताक़त के बल पर हासिल करने की कोशिश करते है।
    यह उनका नजरिया है ज़रूरी नहीं है कि हम उनकी बातो को सही मान ले।
    ईश्वर उन्हें सद्बुद्दी दे।
    I have a fine sense of the ridiculous, but no sense of humor.

  13. #9
    मनोहर लाल खट्टर नैतिकता और सैद्धांनितक आधार पर इस्तीफा दे : सांगवान
    चण्डीगढ़, 25 सितम्बर। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश
    अध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवा सिंह सांगवान ने यहां जारी एक बयान में कहा
    है कि देश के 28 राज्यों में से दो राज्य जाति के आधार पर 14 राज्य
    क्षेत्र के आधार पर और 12 राज्य भाषा के आधार पर बने हैं, जिसमें हरियाणा
    और पंजाब राज्य भाषा के आधार पर है। पंजाबियों के लिए पंजाब और हरियाणा
    के मूल निवासियों के लिए हरियाणा बना। देश के 68 साल के प्रजातांत्रिक
    इतिहास में उत्तराखण्ड राज्य बनने पर हरियाणा के मूल निवासी एडवोकेट
    नित्यानंद स्वामी जो स्थाई रूप से देहरादून में रहते है को उत्तराखण्ड का
    पहला मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन जब वहां के मूल निवासियों को स्वामी
    जी के मूल का पता चला तो जनता के दवाब में उन्हे 6 महीने में हटा दिया
    गया। इसके अतिरिक्त सभी राज्यों में वही के मूल निवासी व भाषाई
    मुख्यमंत्री बनते रहे है। लेकिन हरियाणा इसका अपवाद है। हरियाणवी मूल
    निवासी जिनकी संख्या 94 प्रतिशत है को मुख्यमंत्री न बनाकर एक हिन्दु
    पंजाबी को मुख्यमंत्री बनाया गया, जो हरियाणावासियों के साथ सरासर अन्याय
    है। इसलिए मनोहर लाल खट्टर से सैद्धांतिक और नैतिकता के आधार पर इस्तीफा
    लेकर किसी हरियाणवी मूल के आदमी को मुख्यमंत्री बनाया जाए। सांगवान ने
    आगे कहा कि मनोहर लाल खट्टर का ये बयान देना कि हरियाणा के लोग कंधे तक
    मजबूत है और उपर से कमजोर है। जो अप्रत्यक्ष रूप से स्पष्ट दर्शाता है कि
    वे स्वयं हरियाणवी मूल के नहीं है और हरियाणवी दिमागी तौर पर दिवालिये
    है। इसलिए हम हरियाणवी लोगों को अपनी अंर्तआत्मा की आवाज पर एकजुट होकर
    उन्हे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करें। और किसी मूल निवासी को
    मुख्यमंत्री बनाया जाए।
    "All I am trying to do is bridge the gap between Jats and Rest of World"

    As I shall imagine, so shall I become.

  14. #10

    कमाडेंट साहब के एक बयान पर कल से काफी बवाल मचा हुआ है , जिनके लिए बयान दिया है उन लोगों ने तो खैर इस बवाल काटना ही है पर कुछ जाट भी काफी जोश में आ रखे है कि ऐसा नहीं बोलना चाहिए था ! ऐसे जोशीले जाटों से कहूँगा के कोई बात या ज्ञान देने से पहले पूरी बात पढ़ लिया करो , सांगवान साहब का जो भी बयान मीडिया में दिया जाता है उसकी असल कॉपी उनकी फेसबूक पर भी होती है | जैसे परसों उन्होने जो बयान दिया उसमे कमाडेंट साहब ने पाकिस्तानी नहीं पाकिस्तानी मूल शब्द का इस्तेमाल किया है जिसे मीडिया ने सिर्फ पाकिस्तानी कर दिया , और इसी शब्द का इस्तेमाल कल एक टीवी चैनल पर डिबेट में किया था जिस पर राजकुमार सैनी और चौहान काफी तैश में आ गए थे | पूरी बात ना कोई सुनता ना कोई पढ़ता बस ज्ञान देना जरूरी ! कमाडेंट साहब ने जो कहा वो इस प्रकार है " पाकिस्तानी मूल के हिंदुस्तानी नागरिक " , अब कोई बता दे इसमे गलत या झूठ क्या है ? या हो सकता है लोग मूल का अर्थ समझने में गलती कर रहे हो , मूल का अङ्ग्रेज़ी में मतलब ऑरिजिन (Origin) होता है और आज उस जगह को जहा से ये लोग आए है पाकिस्तान नाम से ही जाना जाता है |
    इस बयान पर लोगों कि कई तरह के प्रतिक्रियाएँ आ रही है , इस बयान से इनेलो के अरोड़ा साहब को भी दर्द हुआ , उनका कहना है इससे प्रदेश का भाईचारा बिगड़ेगा , सांगवान सैनी जैसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो ! इन लोगों से मेरा यहीं सवाल है कि क्या आप लोग पाकिस्तानी मूल के नहीं हैं ? यदि नहीं है तो फिर ये दिल्ली गुड़गाँव जैसे शहरों में मियांवाली , डेरावाला , मुलतानी , सिंधी नाम से कालोनिया बसाने का मतलब ? अगर आप लोग हरियाणा के हो तो फिर इस पंजाबियत का मतलब समझा दो जो रेवड़ी कह रहे है ? यह रेवड़ी जी का चुनाव के दौरान दिया गया बयान है , रेवड़ी ने जाटों के लिए ये जो शब्द बरते तब तो ना अरोड़ा के मरोड़े लगे ना किसी और के ? क्यो ? क्योंकि जाट ऐरे गैरे है जिस किसी के जो मन में आए बोल जाए ? जाट-गैर जाट की बात चले तब किसी अरोड़ा ने मीडिया में कोई आपत्ति नहीं जताई ? सच्चाई कह दी सब तिलमिला उठे ! अगर हरियाणवी हो तो फिर हरियाणा में यह पंचनद समारक वाला क्या खेल खेल रहे हो ? पंचनद समारक बनाना है तो बनाओं पंजाब में , भारत में भी तो एक पंजाब है वहाँ क्यों नहीं बनाते ? अगर आप लोग हरियाणवी है तो फिर सब जगह आप लोगों कि जाति पंजाबी ही क्यों लिखी मिलती है ? ये लोग हरियाणा में कुछ करें कुछ बोले भाईचारे को कोई खतरा नहीं ! हमारे बोलते ही भाईचारा खतरे में आ गया ? जाट के बोलते ही देश के बँटवारे की नौबत आ गई ? बाकी अरोड़ा साहब चिंता ना करें सांगवान साहब ने आप लोगों कि भारतीय नागरिकता पर कोई सवाल नहीं किया , उन्होने आपको हिंदुस्तानी नागरिक ही बताया है बस पीछे का पाकिस्तानी मूल से बताया है जो सच्चाई है, नहीं है तो आप बता दो आप लोग कहा से है ? भारतीय पंजाब के तो हो नहीं ! और हो सके रेवड़ी के इस बयान पर भी अपनी प्रतिक्रीया देना !
    सांगवान साहब ने पाकिस्तानी मूल शब्द का इस्तेमाल क्या कर दिया सब तिलमिला उठे ! ये संघी आए दिन कहते रहते है जाओ पाकिस्तान , तब कोई नहीं तिलमिलाता इतना ? जबकि ये लोग तो हिंदुस्तानी नागरिकों को ही यहा से जाने की कहते है , सांगवान साहब ने तो किसी को यहाँ से जाने के लिए नहीं कहा सिर्फ उनके पुरखों के ऑरिजिन के बारे में ही बताया है !
    बात तो अभी शुरू हुई है अभी तो बहुत दूर तक जाएगी , हरियाणा वाले सिर्फ कंधों से नीचे ही नहीं कंधों से ऊपर भी मजबूत है बस फर्क इतना है हम थोड़े जज्बाती ज्यादा होते है जिसका आप लोग नाजायज फायदा उठाते हो |
    बाकी जो जाट जोश में आ रहे है वह शांति रखे यह सब आरएसएस के शुरू किए राष्ट्र निर्माण का ही हिस्सा है |
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  15. #11

    ये देखो अजब-गज़ब हरियाणवी , इनकी हरियाणा में तीसरी चौथी पीढ़ी चल रही है पर आत्मा से आजतक ये हरियाणवी नहीं हो पाए है ! अपने आप को आज भी पंजाबी बताते है , हालांकि पंजाबी कोई जाति नहीं होती | पंजाबियत का चौला औढ कर क्या साबित करना चाहते है ? इस पंजाबियत की आड़ में जाति छुपाने के पीछे क्या राज है ? यह सब जानते है कि यह लोग इस पंजाब के तो है नहीं फिर कौन से पंजाब के है ? अगर आप लोग पंजाबी हो तो फिर 1981 की जनगणना में पंजाब में हिन्दी बोली तो हरियाणा में पंजाबी वाला क्या खेल था ? वहाँ पंजाबी बोली क्यों नहीं ? बँटवारे के वक़्त उस पार से हमारे जाट व दूसरे किसान कमेरी जातियों के भाई भी आए थे तो क्या इस ' पंजाबी' समाज में हमारे ये भाई भी शामिल है ? जहां तक मेरी जानकारी है ऐसा बिलकुल नहीं है क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले रोहतक में एक बत्रा नाम के किसी पंजाबी नेता ने पंजाबियों की रैली कर रखी थी जिसमे कोई बत्रा खन्ना , सचदेवा आदि सब तो थे पर मैंने वहाँ कोई विर्क , मान , ढिल्लों संधु नहीं देखा , हाँ एक मान जरूर देखा था , गुरदास मान , पर उन्हें वहाँ गायक के रूप में बुला रखा था | भाईचारे की बात करते है और खुद ये बोली आधार पर बांटने का खेल खेल रहे है ! कमाल का भाईचारा कायम कर रहे है !

    जाट-गैर जाट का गंदा खेल खेलते है और ऊपर से अब राजनीति करने वाले जाटों को खामियाजा भुगतने की धमकी भी दे रहे है !
    एक जाट ने इनको पाकिस्तानी मूल का क्या बता दिया के तिलमिला उठे ? जाट-पंजाबी भाईचारे को बिगाड़ने की नसीहत दे रहे हैं ? ये भाईचारा तब नहीं बिगड़ रहा था जब 5 मई 2015 को रोहतक में पंजाबी सभा के अध्यक्ष मनमोहन आज़ाद ने कहा कि जाट आरक्षण के हकदार नहीं हैं , सरकार को जाटों के आरक्षण की सिफ़ारिश नहीं करनी चाहिए अगर सरकार ने ऐसा किया तो उन्हे मजबूर हो कर आंदोलन करना पड़ेगा ? हम जाटों से ये कैसा भाईचारा कायम करना चाहते हों ? जैसा भाईचारा कभी आप लोगों ने पंजाब के जट्टों के साथ किया था वैसा ?
    इस ज्ञापन में भी बाज नहीं आए सभी मुख्यमंत्रियों के नाम गिनवा कर आखिर में सभी हरियानवीयों को भ्रष्ट बता ही दिया ? और उनके फैलाए भ्रष्टाचार को मिटाने पंजाबी समुदाए का मुख्यमंत्री आया है ! पाकिस्तानी मूल का बताने से आप लोगों का मानसिक उत्पीड़न हो गया ? और आप लोग जो आए दिन हरियानवीयों का और जाटों का कर रहे है उसका हिसाब कौन लें ?
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

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    bharti (September 27th, 2015)

  17. #12

    लो जी एक शर्मा जी को इस टिप्पणी से दिक्कत हुई पर शर्मा जी को खट्टर की उस टिप्पणी से कोई एतराज नहीं जिसमें खट्टर ने पूरे हरियाणवी समाज को दिमागी तौर पर दिवालिया बताया ! खट्टर साहब का कहना है के ' हरियाणवी कंधे से नीचे मजबूत है , कंधे से ऊपर नहीं ' | अब इस से किसी हरियाणवी के जमीर को चोट ना लगे तो समझो वो गुलाम है उसने अपना जमीर मार रखा है |
    समझ नहीं आता के आज इनको ये तेल के छींटे किस बात के लग रहे है ? अगर पाकिस्तानी मूल के नहीं तो फिर कौन से मूल के हो वो बता दो ? क्योंकि जो पंजाबी तुम बोलते हो वो भारत के पंजाब में कहीं नहीं बोली जाती | वैसे तो अगर और पीछे इतिहास में जाए तो तुम पाकिस्तानी भी नहीं यूनानी मूल के हो |
    एक यह काजला खाप जो दो-तीन साल पहले ही वजूद में आई है , आज ये बताएगी की कौन जाट आरक्षण का समर्थक है और कौन नहीं ! अगर तुम ऐसे ही समर्थक थे तो 2008 से पहले कहा थे ? यह मुद्दा तो 1991 से लटका पड़ा था , 17 साल कहा सो रहे थे ? जिनके लिए यह बयान दिया वे तिलमिला रहे है उनका समझ आता है पर ये काजला खाप वाले क्यों तिलमिलाए इनका समझ नहीं आया ?
    कई भाई कह रहे है इससे भाईचारा बिगड़ सकता है ! कमाल के है जाट है भी ! किसी दूसरे के बारे में कुछ कह दिया , कुछ भी क्या सच्चाई कह दी तो हर कोई फिक्रमंद हो उठा , भाईचारा खतरे मे आ गया ! भाईचारे के फिक्रमंद इन जाटों से पुछे के जब ये लोग सरे आम मीडिया में भी जाट- गैर जाट की बात करते है या तालिबानी बोलते है तब भाईचारा कहा जाता है ? तब भाईचारे को कोई खतरा नहीं ? या फिर इन लोगों ने जाट मरा मान लिया के जाट के बारे में कुछ बोलो कोई दिक्कत नहीं पर दूसरों के बारे में नहीं क्योंकि दूसरे जिंदा लोग है ! जिंदा कौम ही स्वाभिमान पर चोट लगने से करहाती है मुर्दा कौमे नहीं और जाट मूर्छित है , ऐसे ही रहे तो मुर्दा होता वक़्त नहीं लगेगा |
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


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    bharti (September 27th, 2015)

  19. #13

    सही कहा है , शरीर की मौत मौत नहीं होती , जमीर की मौत असल मौत होती है |
    सांगवान साहब ने एक सीधा सा बयान दिया के ' पाकिस्तान मूल के भारतीय नागरिक ' , जिस पर हर तरफ बवाल मच गया , जिनके लिए बयान दिया उन्होने तो ढोंग करना ही था क्योंकि बात सच्ची है और उनके कलेजे में लगी है पर ये जो हरियाणवी लोग सांगवान साहब के बयान पर बौखलाए फिर रहे है इनका समझ नहीं आया के इस बयान में गलत क्या कह दिया ? इनको सांगवान साहब का बयान अमर्यादित लगा , इनके अनुसार इससे प्रदेश के विकास में भी रोड़ा अटकने का खतरा हो गया ! पर इन महानुभावों को मुख्यमंत्री खट्टर के बयान पर कोई तकलीफ नहीं , जिन्होने ढाई करोड़ हरियानवीयों को कंधे से ऊपर कमजोर बता दिया ! क्या यह बयान मर्यादित है ? खट्टर साहब ने बड़े प्यार से हरियानवीयों को चूँटी काटी और मीडिया ने इसे चुटकी बता दिया ! ऐसी चूँटी और चुटकी सिर्फ वही ले सकता है जो आत्मा से हरियाणवी ना हो |

    एक नई नई खाप बनी है उसे तो सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है ! उस नई नवेली खाप को शायद ज्ञान नहीं के जिन लोगों के लिए उन्हें आज प्रेम आ रहा है कभी यहीं लोग हमारी खापों के वीरुध कोर्ट गए थे ! आज खापों की जो तस्वीर बन रखी है उसमें इनका बहुत बड़ा हाथ है |

    अपने आप को पंजाबी जाति का बताने वाले (हालांकि ऐसी कोई जाति नहीं है) लोगों को पाकिस्तानी मूल का क्या बता दिया पूरे सूबे के पंजाबी (इसमे इनके साथ जट्ट , कंबोज आदि नहीं है ) लोगों को एक साथ दर्द हुआ , मानहानि का दावा करने की बात करते है , पर बड़े अफसोस की बात है कि मुख्यमंत्री सरे-आम ढाई करोड़ हरियानवीयों पर चुटकी लेते है उन्हें दिमागी तौर पर पदल बताते है , किसी हरियाणवी को कोई दर्द नहीं ? कोई मानहानी नहीं ? मतलब साफ है कि सिर्फ जाट ही नहीं आज के समय पूरा हरियाणवी समाज (36 बीरदारी) ही मुर्दा है ! पूरी 36 बीरदारी का जमीर मर चुका है ! शायद हरियानवीयों का कोई मान नहीं तभी कोई हानी नहीं ! कभी इनकी संस्कृति से मखौल तो कभी इनकी बोली से तो कभी मानसिक स्तर पर चुटकी पर ताज्जुब कोई चूँ तक नहीं करता ! किसी को कोई दर्द नहीं ! कितनी ही चूँटी काटो मुर्दों को दर्द नहीं हुआ करता इसलिए काटी गई चूँटी चुटकी बन जाती है ! यदि हरियाणवी समाज जिंदा होता तो अब तक इस बयान के लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग चुका होता |
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


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    bharti (September 27th, 2015), rohittewatia (October 18th, 2015)

  21. #14

    की मैं झूठ बोल्या !
    जो पंजाबी स्वाभिमान सभा वाले कल तक सांगवान साहब को माफी मांगने के लिए कह रहे थे , उनके खिलाफ मुकदमे की कह रहे थे , क्या वे अब मक्कड़ साहब से भी माफी के लिए बोलेंगे ? क्या इनके खिलाफ भी मुकदमे के लिए ज्ञापन देंगे ?
    जो पाकिस्तानी मूल के हिन्दू पंजाबी कल सांगवान साहब का पुतला जला रहे थे क्या वे अब मक्कड़ साहब का भी पुतला जलाएंगे ?
    ठीक कहा है सच्चाई कड़वी होती है !
    जो लोग अब तक सांगवान साहब के बयान को अमर्यादित बता रहे थे शायद उन्हें भी समझ आ गई होगी के सच्चाई शब्दो के जाल बुन कर छुपाई नहीं जा सकती ! अमर्यादित बयान तो हरियानवीयों को दिमागी तौर पर कमजोर बताने वाला था जिसे छुपाने के लिए गुलाम लोग सांगवान साहब के बयान को आगे कर रहे थे |
    खट्टर साहब ने हरियानवीयों के कंधो से ऊपर कमजोर होने पर चुटकी ली थी , जब हमने हमारे कंधो से ऊपर की मजबूती दिखाई तो खट्टर साहब की सारी ही बीरदारी तिलमिला उठी ! जनाब चुटकी लेनी सिर्फ आपको ही नहीं हमें भी आती है , फर्क इतना है आपकी चुटकी होती है और हमारी चुटकी फिर चुटका बन जाता है जो और भी ज्यादा दर्द करता है |
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

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    bharti (September 27th, 2015)

  23. #15

    कमांडेंट हवा सिंह सांगवान ने सच्चाई क्या बयान कर दी पलवल से पंचकुला , फ़तेहाबाद से बहादुरगढ़ तक के पाकिस्तानी मूल के हिन्दू पंजाबी तिलमिला उठे | इनके बारे में कुछ कह दिया तो आज ये जात-पात बैर की दुहाई दे रहे है , जब जाटों के बारे में इनके अखबार लिखते है तब कोई जात-पात नहीं ? क्यों जाटों को मुर्दा मान रखा था ? सांगवान साहब के इस बयान से एक बात तो हो गई अब तक हमारे लोग इन तथाकथित पंजाबियों को और हमारेपंजाब के जट्ट व दूसरे भाइयों को लेकर भ्रमित रहते थे वह तस्वीर तो साफ हो गई | ये खुद ही अपने बयानों में मानने लगे है कि ये ' पंजाबी ' अलग है और पाकिस्तान से आए जाट , बनिए , ब्राह्मण , बिशनोई आदि सब अलग है | अब यह समझ नहीं आया के ये सब भाई इनसे अलग कैसे आए तो ये सब भी पंजाब से ही थे ? वहाँ से आने के बाद हमारे ये सब भाई जाट , बनिए , ब्राह्मण , बनिए , बिशनोई आदि हरियाणवी हो गए तो फिर आप लोग आजतक पंजाबी कैसे रह गए ? आज ये सांगवान साहब को सिरफिरा बता रहे है जबकि सांगवान साहब के बयान का समर्थन खुद मक्कड़ साहब ने भी किया पर ये लोग उनके खिलाफ ऐसे शब्द नहीं बरतेंगे ! जिस तस्वीर में ये लोग सांगवान साहब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है उसमे इनके नाम देख सकते है कि ये कौन लोग है ! इन नामों में कोई मान , संधु , विर्क ढिल्लों जाटों के नाम नहीं सिर्फ अरोड़ा खत्री ही पंजाबी है ! एक भाई ने बताया कि हिसार में एक ग्रोवर नाम का पंजाबी कल तक अपने आप को जट्ट बताता था पर जब सांगवान साहब का बयान आया तो इसकी असलियत सामने आई यह तो शेर कि खाल में भेड़िया था !
    एक बयान से ही ये लोग अपनी शहादत गिना रहे है , मेहनत से कमा कर खाने वाली कौम कि दुहाई दे रहे है | कुछ हमारे भाई भी इनकी मेहनत वाली बात का समर्थन करते रहते है | मैं भी इनकी मेहनत का कायल हूँ और इनकी बीरदारी के कुछ मेहनती लोगों के नाम और कारनामे सबसे सांझा करता हूँ ताकि आप सब भी इनकी मेहनत के कायल हो !
    अब ये कहेंगे कि ये सब मेहनत से हुआ है। कल तक अशोक मल्होत्रा जिसके पास 17 विदेशी महंगी गाडियां और करोड़ों की जायदाद मिली उसको भी ये लोग मेहनती कह रहे थे। लेकिन दैनिक जागरण का दिनांक 8 अगस्त, 2007 का अंक तो इन्हें 'देशद्रोही' लिख रहा है। जबकि यही मल्होत्रा जी पहले दिल्ली की सड़कों पर छोले-भटूरे बेचा करते थे। पकड़े गए तो लुटेरे वरना ये कल तक कमेरे थे। अब इसी 4 जून को एक मेजर मल्होत्रा की 63 घपलों में सात साल की जेल हुई है वरना ये भी परसों तक मेहनती अफसर थे और जनरल बन जाते। मैंने पहले लिखा कि देश का कौन सा घपला है जिससे ये भाई लोग नहीं जुडे़ हैं चाहे बिहार के चारा काण्ड में सचिव कपूर, बम्बई बम्ब धमाकों में (सन 1993) में आत्महत्या करने वाला 'खुराना’, पुर्लिया हथियार ड्रोपिंग काण्ड में दिल्ली का 'गुलाटी’, किक्रेट सटटों में 'चावला’, टेलीफोन काण्ड में रोहतक का 'धवन’, सटटा किंग 'मदान’, कमीशनखोर कर्नल 'जोहल’, 'गगनेजा’, 'चौपड़ा’ व 'चडढा’ आदि। पेपर लीक मामलों में 'कालरा’ व 'बिन्द्रा' आदि। तकनीकी शिक्षा में रिश्वतखोर 'भाटिया', नकली सर्टिफिकेट रैकेट में 'कालरा’, नकली हस्ताक्षर में एक साथ दो 'मुदगिल’, मारुति के घोटालों मे 'कोहली’ डी.पी.एस. एम.एम.एस काण्ड में 'बजाज’, पर्चा लीक में 'मेहरोत्रा’ और 'चुघ’ और डाकघर घोटालों में 'बतरा’, भ्रष्टाचार के नायाब तरीकों में 'चौपड़ा’, डी.डी.ए. के घपलों में 'खटटर’ व एम.सी.आई. में धोखाधड़ी के मामलों में 'नैय्यर’ और 'चौपड़ा जी’ आज का ताजा समाचार (30-8-2007 प्रेस में बैठै-बैठै) दिल्ली में मैडम उमा खुराना अपने ही स्कूल की लड़कियों की अश्लील एस.एम.एस. बनाते हुए पकड़ी गई, जिसके कारण अभिभावक सड़कों पर आ गए हैं। बाद में यह रिपोर्ट अर्थात स्टिंग आप्रेशन झूठा निकला। लेकिन यह स्टिंग आप्रेशन करने वाले भी इनके भाई वीरेन्द्र अरोड़ा थे। इन भाई लोगों ने एक से बढ़ कर एक घोटाले किए हैं। पाठकों को याद होगा कि तत्कालीन पंजाब के गवर्नर सुरेन्द्रनाथ (मल्होत्रा) का हवाई जहाज जो हिमाचल की पहाडि़यों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो पहाडि़यों पर नोट पर नौट बिखर गए। जब उसके घर पर जांच हुई तो उसके बैडरूम से 600 करोड़ रुपये की अकूत सम्पत्ति बरामद हुई। लेकिन उनके बेटे जम्मू में तत्कालीन जिलाधीश ने कहा कि वे अपने पिता जी से कई सालों से नहीं मिले हैं। इसके बाद दूसरे पूर्व राज्यपाल श्री छिब्बर एक आर्थिक घोटाले में अपने सहयोगियों छाबड़ा व दो साहनियों के साथ जेल ही चले गए। इतने बड़े व्यक्ति और वरिष्ठ अधिकारी होते हुए भी इन्हें घपला करने में कोई शर्म नहीं है। वहीं दूसरी ओर इसी वर्ग से अभिनय बिन्द्रा निशानेबाजी में ओलिंपिक गोल्ड मैडल लेकर आया तो बेचारी दिल्ली पुलिस इसको सम्मान मिलने तक इसके पिता जी ए.एस. बिन्द्रा की काली करतूतों को छिपाए बैठी रही और अंत में धारा 420 के तहत उसके फार्म हाउस से गिरफ्तार करना पड़ा और कहा कि उन्हें एक आर्थिक अपराध के कारण गिरफ्तार करना पड़ा। ये लोग आर्थिक अपराध ही तो करते हैं, मार पिटाई व कत्ल तो बहुत कम। अशोक भरानी ने 12 लाख का हीरा चोरी करके खा लिया जिसे बाद में आप्रेशन करके निकाला गया। (आज तक टी.वी. 21-1-2008) ये लोग पैसा कमाने के लिए इतने अंधे हो चुके हैं कि हर बात में सौदाबाजी करते हैं। इण्डिया टी.वी. ने बतलाया कि अम्बाला में उमेश साहनी अपनी दुकान “लवली फूड प्लाजा अम्बाला” से बराती, नाती और भाती सभी किराए पर देते हैं। वह दिन दूर नहीं जब ये लोग दुल्हा और दुल्हन को भी किराये पर देने लगेंगे। इतिहासकार तो यहां तक लिखते हैं कि अंग्रेजों ने हिन्दू पंजाबी अमीचन्द की कोठी पर रहकर नवाब सिराजुदौला के खिलाफ षडयन्त्र रचा जिस कारण अंग्रेज नवाब और फिर भारत को जीत पाए। इसलिए प्रख्यात पत्रकार खुशवन्त सिंह ने एक दिन मजाक में कहा था -

    इन लोगों से हाथ मिलाने के बाद अपनी उंगलियों को गिन लेना चाहिए अर्थात इनको मौका मिले तो हाथ मिलाने के बहाने आपके हाथ की उंगुलियों में से किसी उंगली को रख लेंगे।
    :- अधिक जानकारी के लिए आप ' असली लूटेरे कौन ? ' किताब का अध्याय 'जाटों ने चौधरी छोटूराम की शिक्षाओं को भुलाया तो कष्ट उठाया' पढ़ें | बूक का लिंक - http://www.jatland.com/home/Asli_Lutere_Koun/Part-II


    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

  24. #16
    Mr. Khattar is not a politician or any no knowledge about social activities.So., that BJP May change some other person in the interest of Party/Haryana progress.

  25. #17
    हरियाणवी धरती माता को कब्रगाह बनने से बचाया जाए : सांगवान
    राष्ट्रीय दलित पिछड़ा एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने एक प्रेस बयान में कहा कि कुरुक्षेत्र में सन् 1947 में जो हिंदू पाकिस्तान में मारे गए, उनके लिए एक स्मारक बनने जा रहा है, जिसका हरियाणा की धरती पर बनाए जाने का कोई भी औचित्य नहीं है क्योंकि इन हिंदुओं का हरियाणा से किसी प्रकार का कोई लेना देना नहीं था। यदि फिर भी इनके लिए स्मूारक बनना आवश्यक है, तो उसे पाकिस्तान या पंजाब में बनाया जाए क्योंकि वे सभी पंजाबी थे। यदि हरियाणा में ही ऐसा कोई स्मारक बनाना है तो उन हरियाणवी मुसलमान भाईयों के लिए बनाना चाहिए, जिनको हमने भावुकता में आकर सन् 1947 में शहीद कर दिया था।
    सांगवान ने आगे बतलाया कि इस पर तुरंत काम बंद कर दिया जाए वर्ना हरियाणवी लोगों को आंदोलन करना पड़ेगा। यदि हरियाणा सरकार फिर भी इसे बनाने में सफल होती है, तो इससे प्रमाणित होगा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणवी को दिमागी तौर पर कमजोर बतलाकर सच्चा बयान दिया है। सांगवान ने यह भी बतलाया कि 80 के दशक में पंजाब में उग्रवाद के समय पंजाब की हिंदू जनसंख्या पांच प्रतिशत घटी। वह सारे की सारी हरियाणा की भूमि में राष्ट्रीय राजमार्ग एक के साथ-साथ कस्बों और शहरों में बस गई, जिस कारण आज आधा हरियाणा मिनी हिंदू पंजाब बन चुका है। परिणामस्वरूप, हरियाणा के सीमित संसाधन भारी दबाव में हैं। सांगवान ने जोर देकर कहा कि ये आश्चर्यजनक बात है कि पंजाब के नेता तो अपने भाषणों में बार-बार पंजाबियत का उल्लेख करते रहते हैं, लेकिन हमारे हरियाणवी नेताओं को अपने हरियाणवी होने का जरा भी गर्व क्यों नहीं है? ये प्रश्र आने वाले समय में हरियाणवी जनता इन नेताओं से अवश्य पूछेगी कि ये कायरता क्यों?
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

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    ManjeetS (November 7th, 2015)

  27. #18
    हरियाणवी नेताओं को बिहारी नेताओं से सीखना होगा : सांगवान
    राष्ट्रीय दलित पिछड़ा एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने एक प्रेस बयान में कहा है कि बिहार के नेताओं ने महागठबंधन बनाकर अभी हाल के चुनावों में बाहरी और बिहारी के नारे के साथ बिहार में चुनाव लड़ा और भारी जीत हासिल की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, जो पाकिस्तानी मूल के हैं, ने साफ-साफ हरियाणवी लोगों को चैलेंज करते हुए बयान दिया कि हरियाणवी लोगों के दिमाग कमजोर होते हैं। इसके बावजूद भी अभी तक किसी हरियाणवी नेता ने इस पर अपना कोई एतराज दर्ज नहीं जताया। इससे लगता है कि हरियाणवी नेताओं का स्वाभिमान मर चुका है।
    सांगवान ने आगे बतलाया कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां किसान की हालत वर्तमान में सबसे अधिक दयनीय है। लेकिन हरियाणवी नेता ये सब सहन करते जा रहे हैं और हरियाणवी लोगों के दिमाग में ये बात डाल दी गई है कि उन्हें इस सरकार को पांच साल के लिए सहन करना ही होगा। जबकि चुनाव अवश्य पांच साल के लिए होते हैं, लेकिन यदि सरकार लोगों की अपेक्षाओं पर खरी नही उतर रही हो, तो उसे बदलने का प्रयोजन करना नेता लोगों का काम है, इसलिए विपक्ष के सभी हरियाणवी नेताओं को त्यागपत्र देकर दोबारा से चुनाव करवाकर कोई हरियाणवी नेता को मुख्यमंत्री बनाएं, वर्ना इन्हें भी हरियाणवी जनता माफ करने वाली नहीं है।
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


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  28. #19
    "कर्म हैं जिसका भगवान, कौम वतन पर हैं जो कुर्बान |
    पगड़ी का जो रखे मान सच्चे जाट की यह पहचान ||


    कुछ हमारे संग चले आये गे .कुछ देख के रंग ढंग चले आये गे .बाकी बचे होके तंग चले आये गे !

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    rohittewatia (December 26th, 2015)

  30. #20

    खट्टर सरकार का नारा '' सबका साथ सबका विकास ...मूल हरियानवीयों का करो यहाँ से निकास "
    हम बोलेगा तो बोलोगे की बोलता है .... लो जी अब तो अखबारों ने भी बोलना शुरू कर दिया है | यहाँ पर जाट-गैर जाट का नारा संयुक्त महा पंजाब के समय से लगता रहा है और इस मुद्दे को अगर सही तरीके से किसी ने भुनाया था तो वो चौधरी भजन लाल ने , इसी कारण जाट चौधरी भजन लाल से खफा रहते थे हालांकि चौधरी भजन लाल ने इस मुद्दे को सि
    र्फ वोट लेने तक सीमित रखा था पर भाजपा की खट्टर सरकार ने तो इस मुद्दे को दिली रूप से अंजाम दिया | लोग खट्टर को ईमानदार बता रहे है और खट्टर साहब सरेआम जातिवाद पर उतारू है , कमाल की परिभाषा है इनकी ईमानदारी की भी ! बात जाट - गैर जाट की भी नहीं छोड़ी यहाँ तो बात हरियाणवी बनाम हिन्दू पंजाबी अरोड़ा खत्री कर दी पर क्या मजाल 96% हरियानवीयों में से कोई चूँ भी करे ! खट्टर को देश का पहला पंजाबी मुख्यमंत्री बता प्रचार कर रहे है , अगर खट्टर देश का पहला पंजाबी मुख्यमंत्री है तो फिर पंजाब प्रदेश का मुख्यमंत्री क्या बंगाली है ?
    #JaiYoddhey
    " जाट हारा नहीं कभी रण में तीर तोप तलवारों से ,
    जाट तो हारा हैं , गद्दारों से दरबारों से
    |"

    " इस कौम का ईलाही दुखड़ा किसे सुनाऊ ?
    डर हैं के इसके गम में घुल घुल के न मर जाऊँ || "
    ...........................चौ.छोटूराम ओहल्याण

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