रोहतक, 24 अक्टूबर। आज स्थानीय छोटूराम धर्मशाला में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवा सिंह सांगवान, युवा के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुदीप कलकल, प्रदेश महासचिव कैप्टन जगवीर सिंह मलिक व जिला अध्यक्ष धर्मपाल हुड्डा ने एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले कई दिनों से जाटों के विरोध में मनोवैज्ञानिक अभियान छेड़ रखा है। जिसमें जाटों को बार-बार डराया-धमकाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि उनसे मिर्चपुर कांड का हर्जाना तथा दूसरे जाट आंदोलनों में हुए सरकारी नुक्सान की भरपाई जाटों से की जायेगी। इसके अतिरिक्त हरियाणा सरकार के मंत्री भी बार-बार बयान दे रहे हैं कि यदि जाटों ने आंदोलन किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
इस बारे में हमारा स्पष्ट कहना है कि जब तक जाट आंदोलनों से पहले जितने भी देश व प्रदेश में आंदोलनों के दौरान सरकारी नुक्सान की भरपाई नहीं करवाई जाती तब तक कोई भी जाट एक धेला भी नहीं देगा। इससे भी बढक़र सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में रहते हुए देशव्यापी हड़ताल कर चुकी है। जिससे सरकार का चार हजार करोड़ से ज्यादा का नुक्सान हुआ था। इसके अतिरिक्त तेलंगाना आंदोलन, गुर्जर आंदोलन, गुजरात आंदोलन, डॉक्टरों की हड़ताल, पायलटों की हड़ताल यहां तक कि हरियाणा में भी भाजपा हड़ताल कर चुकी है। इन सबसे बढक़र भारतीय संसद जो भारतीय प्रजातंत्र की सर्वोपरि संस्था है को बार-बार ठप्प करके करोड़ों-अरबों का नुक्सान हो चुका है। जिसकी आज तक एक पैसे की भी भरपाई नहीं करवाई जा सकी है। इसलिए जाट समाज का स्पष्ट फैसला है कि वे एक पैसा भी जुर्माने के रूप में भरने को तैयार नहीं हैं। इसलिए जाट समाज को डराने की आवश्यकता नहीं है। जहां तक जाट समाज को मंत्रियों द्वारा धमकी देने की बात है तो जब जाट आरक्षण आंदोलन का समय आयेगा तब सरकार जितनी चाहे सख्ती कर ले उसे पूरी छूट है। प्रजातंत्र में आंदोलन करना जनता का अधिकार है और जाट समाज जब भी आंदोलन करेगा, शांतिपूर्वक करेगा। इसके बावजूद भी सरकार अगर जाटों के साथ कोई छेड़छाड़ करती है तो वो होने वाले नुक्सान की स्वयं जिम्मेवार होगी।
जाट नेताओं ने कहा कि आज जिस प्रकार से देश व प्रदेश में जाट अधिकारियों से लेकर किसान तक सबके सब सरकार के दमनचक्र से बुरी तरह त्रस्त हैं और आने वाले समय में सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाया जायेगा। जिसमें पूरी तरह से सरकार का बहिष्कार किया जायेगा। इसके अलावा सरकार की सभी नीतियों का विरोध किया जायेगा जिनसे जाट समाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने जाट आरक्षण की लड़ाई को उच्च स्तर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर युवा प्रधान हरेन्द्र पहलवान, एडवोकेट राजनारायण पंघाल, एडवोकेट विक्रम नेहरा, सतबीर सांघी, जगराम खिड़वाली, बलवन्त चमारिया, विजय अहलावत, रविन्द्र दलाल, शमशेर नेहरा, चांदराम फौगाट, महावीर सांघी आदि मौजूद रहे।