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Thread: Pm के नाम एक दुखियारी भैंस का खुला ख़त

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    Pm के नाम एक दुखियारी भैंस का खुला ख़त

    प्रधानमंत्री जी,
    सबसे पहले तो मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं ना आज़म खां की भैंस हूं और ना लालू यादव की!
    ना मैं कभी रामपुर गई ना पटना! मेरा उनकी भैंसों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।
    यह सब मैं इसलिए बता रही हूं कि कहीं आप मुझे विरोधी पक्ष की भैंस ना समझे लें।
    मैं तो भारत के करोड़ों इंसानों की तरह आपकी बहुत बड़ी फ़ैन हूं।
    जब आपकी सरकार बनी, तो जानवरों में सबसे ज़्यादा ख़ुशी हम भैंसों को ही हुई थी।
    हमें लगा कि ‘अच्छे दिन’ सबसे पहले हमारे ही आएंगे, लेकिन हुआ एकदम उल्टा! आपके राज में तो हमारी और भी दुर्दशा हो गई।
    अब तो जिसे देखो वही गाय की तारीफ़ करने में लगा हुआ है। कोई उसे माता बता रहा है तो कोई बहन! अगर गाय माता है तो हम भी तो आपकी चाची, ताई, मौसी, बुआ कुछ लगती ही होंगी!
    हम सब समझती हैं। हम अभागनों का रंग काला है ना! इसीलिये आप इंसान लोग हमेशा हमें ज़लील करते रहते हो और गाय को सर पे चढ़ाते रहते हो!
    आप किस-किस तरह से हम भैंसों का अपमान करते हो, उसकी मिसाल देखिये।
    आपका काम बिगड़ता है अपनी गलती से और टारगेट करते हो हमें कि देखो गई भैंस पानी में गाय को क्यूं नहीं भेजते पानी में! वो महारानी क्या पानी में गल जाएगी?
    आप लोगों में जितने भी लालू लल्लू हैं, उन सबको भी हमेशा हमारे नाम पर ही गाली दी जाती है काला अक्षर भैंस बराबर माना कि हम अनपढ़ हैं, लेकिन गाय ने क्या पीएचडी की हुई है?
    जब आपमें से कोई किसी की बात नहीं सुनता, तब भी हमेशा यही बोलते हो कि भैंस के आगे बीन बजाने से क्या फ़ायदा!
    आपसे कोई कह के मर गया था कि हमारे आगे बीन बजाओ? बजा लो अपनी उसी प्यारी गाय के आगे!
    अगर आपकी कोई औरत फैलकर बेडौल हो जाये तो उसे भी हमेशा हमसे ही कंपेयर करोगे कि भैंस की तरह मोटी हो गई हो
    करीना; कैटरीना गाय और डॉली बिंद्रा भैंस! वाह जी वाह!
    गाली-गलौच करो आप और नाम बदनाम करो हमारा कि भैंस पूंछ उठायेगी तो गोबर ही करेगी हम गोबर करती हैं तो गाय क्या हलवा करती है?
    अपनी चहेती गाय की मिसाल आप सिर्फ़ तब देते हो, जब आपको किसी की तारीफ़ करनी होती है-
    वो तो बेचारा गाय की तरह सीधा है, या- अजी, वो तो राम जी की गाय है! तो गाय तो हो गई राम जी की और हम हो गए लालू जी के!
    वाह रे इंसान! ये हाल तो तब है, जब आप में से ज़्यादातर लोग हम भैंसों का दूध पीकर ही सांड बने घूम रहे हैं।
    उस दूध का क़र्ज़ चुकाना तो दूर, उल्टे हमें बेइज़्ज़त करते हैं! आपकी चहेती गायों की संख्या तो हमारे मुक़ाबले कुछ भी नहीं हैं। फिर भी, मेजोरिटी में होते हुए भी हमारे साथ ऐसा सलूक हो रहा है!
    प्रधानमंत्री जी, आप तो मेजोरिटी के हिमायती हो, फिर हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यूं होने दे रहे हो?
    प्लीज कुछ करो! आपके ‘कुछ’ करने के इंतज़ार में – आपकी एक तुच्छ प्रशंसक!
    कल्ली भैंस

  2. The Following 3 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    abhisheklakda (November 3rd, 2015), op1955 (October 30th, 2015), SandeepSirohi (November 16th, 2015)

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