Results 1 to 11 of 11

Thread: गुड स्टार्ट

Hybrid View

Previous Post Previous Post   Next Post Next Post
  1. #1

    गुड स्टार्ट

    चंडीगढ़ के गेंदबाज अजय दलाल, जिसे डिस्ट्रिक्ट में कुछ मैच खेलने क बाद साइड कर दिया गया था, उसको अॉस्ट्रेलिया में उसी खेल के दम पर डॉन ब्रैडमैन स्कॉलरशिप मिली है। 2013 में भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के बॉलर्स हंट में चंडीगढ़ के गेंदबाज अजय दलाल चुने गए थे। लेकिन उसके बाद भारत में तो उनके हुनर की पहचान नहीं हुई। इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ फॉलंगगॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस स्टडीज के स्टूडेंट अजय दलाल को वहां पर शानदार प्रदर्शन करने के बाद दी गई है। उनका खर्च अब फाउंडेशन उठाएगी और उन्हें इसी के साथ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेलने का भी मौका मिलेगा। अजय वहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो वे कंगारू टीम में जा सकते हैं। अजय को ये स्कॉलरशिप दिग्गज कंगारू खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट ने दी। डिस्ट्रिक्ट मैचों में भी दरकिनार होने पर अजय ऑस्ट्रेलिया पढ़ने चले गए थे। वहीं उन्हें अपना सपना सच करने का मौका मिल गया।

    लीडर्स क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग
    अजय 2010 में क्रिकेटर बनने का सपना लिए जींद से चंडीगढ़ आए। उन्होंने गवर्नमेंट स्कूल सेक्टर-26 की लीडर्स इन क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग शुरू की। उनके कोच राजेश पाठा थे और एकेडमी के सचिव दपिंदर सिंह छाबड़ा ने भी उन्हें हमेशा मदद की। छबड़ा के अनुसार वो एक शानदार खिलाड़ी था जो भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होता।

    2012 में शुरू हुई थी स्कॉलरशिप
    यूओडब्ल्यू ब्रैडमैन फाउंडेशन स्कॉलरशिप 2012 में भारत में लॉन्च हुई। जो भी भारतीय यहां पर पढ़ाई, खेल, सोशल स्किल्स और व्यवहार में अच्छा होता है उसे ये स्कॉलरशिप मिलती है। उसकी 50 प्रतिशत तक फीस माफ होती है। अजय ने कहा कि ये स्कॉलरशिप मेरे लिए अभी तक की सबसे बड़ी कामयाबी है।

    गिलक्रिस्ट बोले : चंडीगढ़ मेरे लिए खास
    गिलक्रिस्ट बोले कि अजय एक अच्छा खिलाड़ी है। वे चंडीगढ़ रीजन के हैं और इससे मुझे काफी लगाव है। मैं किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेला हूं और वहीं पर टीम का होम ग्राउंड था। इस स्कॉलरशिप को इसलिए देते हैं क्योंकि सर डॉन ब्रैडमैन हमेशा कहते थे कि एक युवा को मोटीवेट करो।

    http://www.bhaskar.com/news-ep/UT-CH...68133-PHO.html

  2. The Following 6 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    amitbudhwar (January 3rd, 2016), DrRajpalSingh (November 20th, 2015), hrdhaka (December 26th, 2015), neel6318 (September 29th, 2017), ssgoyat (January 1st, 2016), sukhbirhooda (December 28th, 2015)

  3. #2
    बहुत बहुत शुभ कामनाए
    Click image for larger version. 

Name:	jld-c2600787-large.jpg 
Views:	21 
Size:	106.2 KB 
ID:	17894

  4. The Following 4 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    amitbudhwar (January 3rd, 2016), hrdhaka (December 26th, 2015), ssgoyat (January 1st, 2016), sukhbirhooda (December 28th, 2015)

  5. #3
    इंटरनेशनल बॉक्सर बेटा खोया तो नाती को गोद ले बना रहे चैंपियन

    एकहड्डी तोड़ पंच ऐसा भी है, जिसे आज दुनिया का बॉक्सिंग जगत भूला चुका है। भिवानी के साई सेंटर में 2006 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इंटरनेशनल बॉक्सर सोनू चहल की कहानी अब कागजों में दफन होती जा रही है। यह केवल उस अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सर की ही कहानी नहीं है, बल्कि दास्तां है एक पिता के जज्बे, जुनून और जिद की। इकलौते बेटे की मौत के बाद भी हिसार के मदनहेड़ी निवासी पिता चरण सिंह चहल ने अपने सपनों काे बिखरने नहीं दिया। उन्होंने अपने गुस्से को पाला और ठान लिया कि बेशक उनका इंटरनेशनल बॉक्सर बेटा दुनिया से चला गया, लेकिन वे देश को एक स्टार खिलाड़ी जरूर देंगे। 55 वर्षीय इस पिता ने अपनी बेटी से 27 दिन के बच्चे को गोद लिया और अब उसे साेनू जैसी परवरिश देकर चैंपियन बनाने की ठान ली है। इसी परवरिश का नतीजा है कि छह वर्षीय एलेक्स ने स्कूल में एथलेटिक्स में तीन बार गोल्ड जीतकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं। ये वही चरण सिंह चहल हैं, जिन्होंने बॉक्सिंग जगत में चल रहे फर्जी दस्तावेजों के खुलासे के लिए पूरे छह वर्ष तक आरटीआई लगाकर साई सेंटर से सबूत जुटाए।

    60 मिनट में 400 मीटर के मैदान का पांच बार लगाता है चक्कर

    बेटेकी मौत के बाद पिता ने अपने नाती एलेक्स को गोद लिया। मामा जैसा चैंपियन बनने का सपना देखने वाला एलेक्स कक्षा दूसरी का छात्र है, लेकिन मैदान पर उसका स्टार्ट-अप 400 मीटर है। चरण सिंह रोज सुबह-शाम मैदान पर एलेक्स को प्रैक्टिस कराते हैं। यह जूनियर सोनू एक घंटे में पांच बार मैदान का पूरा चक्कर लगाता है। उम्र में छोटा, लेकिन जज्बा ऐसा कि मैदान पर एलेक्स बड़े-बड़े धावकों के साथ दौड़ता है। वह कहता है, मामा की तरह वो भी टीवी पर जरूर आएगा।

    साेनू ने तीन साल में 8 इंटरनेशनल मेडल जीते

    वर्ष2001 में बॉक्सर सोनू चहल ने पहला अंतर्राष्ट्रीय मेडल जर्मनी में जीता। इसके बाद वह रोमानिया, उजबेकिस्तान, दिल्ली, दुबई, रुस और अंत में जर्मनी में सबसे आगे रहा। वहीं 11 बार नेशनल चैंपियन बनने वाला सोनू चहल 57 60 किग्रा भारवर्ग में खेलता था। वहीं, एलेक्स भी अपने मामा के नक्शे कदमों पर चलते हुए 6 वर्ष की उम्र में ही स्कूल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेडल जीतने लगा है। मिलाथा हड्*डी तोड़ का खिताब : इंटरनेशनलबॉक्सर 18 वर्षीय सोनू चहल ने साई में रहते हुए अपनी प्रतिभा को निखारा और छह माह में ही उसे इंटरनेशनल लेवल पर हड्डी तोड़ पंच का खिताब भी मिल गया। उस समय विशेषज्ञों ने उसके स्वर्णिम भविष्य का पहले ही ऐलान कर दिया था, लेकिन वर्ष 2006 में रहस्यमय परिस्थितियों में उसका शव फंदे पर झूलता मिला। अब यह केस हत्या और आत्महत्या के बीच झूलकर रह गया है।

    {2006 में संदिग्ध हालात में हुई बेटी की मौत तो 27 दिन के नाती को फौलाद बनाने की ठानी

    {खुद करवाते हैं प्रैक्टिस, एथलेटिक्स में 6 वर्षीय एलेक्स दिखाने लगा है कमाल

    एलेक्स को ट्रेनिंग देते हुए चरण सिंह चहल।

  6. The Following 6 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    amitbudhwar (January 3rd, 2016), DrRajpalSingh (December 21st, 2015), hrdhaka (December 26th, 2015), ssgoyat (January 1st, 2016), sukhbirhooda (December 28th, 2015), vishalsunsunwal (January 4th, 2016)

  7. #4
    Wish best of achievements for the rising sports star !!!
    History is best when created, better when re-constructed and worst when invented.

  8. The Following 3 Users Say Thank You to DrRajpalSingh For This Useful Post:

    hrdhaka (December 26th, 2015), kannumix (December 23rd, 2015), sukhbirhooda (December 28th, 2015)

  9. #5
    सोनीपत(हरियाणा)। सोनीपत का एक पहलवान पहलवानी की पहचान को उस अंदाज में दुनिया को दिखाने जा रहा है जिसकी धमक अभी तक दि ग्रेट खली के रूप में ही नजर आई थी। लेकिन अब सतेंद्र डागर बड़े-बड़े फाइटरों से लड़ते हुए नजर आएंगे। तीन बार हिंद केसरी बन चुके सतेंद्र अब दिल्ली में 15 जनवरी को होने वाली वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) की फाइट में चुनौती पेश करेंगे।

    आयोजकों की ओर से मंगलवार को उनके नाम को हरी झंडी दिखाई गई। जून से लेकर अभी तक सतेंद्र अमेरिका में खुद को इस फाइट के लिए तैयार कर रहे थे।

    किसी से भी हो जाए फाइट मैं तैयार हूं
    मेरी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। हालांकि, मुकाबले में यह अभी तय नहीं हुआ कि मेरी फाइट किससे होगी, लेकिन मैं किसी से भी मुकाबले के लिए तैयार हूं, फिर सामने चाहे चैंपियन अंडरटेकर ही क्यों न हो।’’ सतेंद्र डागर

    फाइट को लेकर चिंतित था परिवार
    फाइट को लेकर परिवार में कुछ चिंता थी, क्योंकि इसमें मारधाड़ अधिक है। हालांकि, अमेरिका में लगातार ट्रेनिंग लेने के कारण परिजन भी अब आश्वस्त हैं।

    http://www.bhaskar.com/news-ep/HAR-S...03109-PHO.html


  10. The Following 5 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    amitbudhwar (January 3rd, 2016), AryanPoonia (January 1st, 2016), hrdhaka (December 26th, 2015), ssgoyat (January 1st, 2016), sukhbirhooda (December 28th, 2015)

  11. #6
    कुश्ती,एथलेटिक्स, कबड्*डी और बैडमिंटन जैसे खेलों में अग्रणी रोहतक जोन के खिलाड़ियों ने अब शूटिंग में भी धाक जमाना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता बलराज कुंडू के पुत्र विश्वा ने हाल ही में राजस्थान के जयपुर में राष्ट्रीय जूनियर शॉटगन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत इसे साबित कर दिखाया है। शुक्रवार को विश्वा के शहर आगमन पर जबरदस्त काफिला निकाला गया। तिलियार लेक से लेकर भिवानी स्टैंड सहित शहर के तमाम रास्तों से गुजरने वाले काफिला को देख हर कोई 15 वर्षीय विश्वा की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा था। ‘दैनिक भास्कर’ से विशेष बातचीत में विश्वा ने कहा कि डेढ़ वर्ष पहले गुड़गांव निवासी दोस्त से इंस्पायर होकर उसने शॉटगन थामी। पहले स्टेट और फिर नेशनल इसी बीच विश्वा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी दो सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। चंद माह की प्रैक्टिस में ही शीर्ष स्तर की प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करने वाले विश्वा के हौसले बुलंद हैं। 25 जनवरी से नई दिल्ली में होने जा रहे भारतीय टीम के ट्रायल के लिए उसने दम भरना शुरू कर दिया है।

    पापा का सपना देश के लिए लाऊं मेडल

    विश्वाकहते हैं, ‘पापा का सपना है कि मैं विदेशों से देश के लिए मेडल लेकर आंऊ। इस सपने को पूरा करने का वक्त भी नजदीक है। इसलिए अब मेरा पूरा ध्यान इंडियन टीम के ट्रायल पर है।’ उन्होंने उम्मीद जताई है कि वे टीम में जगह बनाकर ही रहेंगे। बता दें कि विश्वा आठवीं कक्षा से शॉटगन की प्रैक्टिस नई दिल्ली में कर रहे हैं। वे बसंतकुंज स्थित जीडी गोयनका स्कूल में 10वीं के छात्र हैं। कोच पीएस सोडी उरुसतम के मार्गदर्शन में विश्वा शूटिंग के गुर सीख रहा है। इससे पहले विश्वा ने फिनलैंड में हुई अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो सिल्वर दिल्ली में हुई स्टेट चैंपियनशिप में जीत हासिल की है।

    रोहतक. जयपुरसे राष्ट्रीय जूनियर शॉटगन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर लौटे खिलाड़ी विश्वा के स्वागत में निकलता काफिला।

    शहर के खिलाड़ियों के लिए

    प्रेरणा बना चैंपियन

    20दिसबंर को संपन्न हुई राष्ट्रीय जूनियर शॉटगन चैंपियनशिप में हरियाणा से भाली आनंदपुर निवासी विश्वा कुंडू ने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए पहली बार जिले को मेडल दिलाया। अभी तक दिल्ली से सटा इलाका शूटिंग को लेकर प्रसिद्ध था, लेकिन अब रोहतक के खिलाड़ियों में भी इसके प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। विश्वा के कारण शहर के खिलाड़ी भी इस खेल की ओर प्रेरित हो रहे हैं। भाजपा नेता बलराज कुंडू ने अपने बेटे की उपलब्धि पर अठगामा पंचायत भवन को एक लाख मोखरा गऊशाला को पचास हजार रुपए दान दिए। इस अवसर पर मास्टर धर्मपाल सिंह, जिले सिंह कुंडू, समुंद्र सिंह, कर्मवीर, परमवीर टेकना, राजेश कौशिक, मोती सिंह, पन बल्हारा, मुकेश कटारिया, रघुबीर सिंह युवा एकता मंच बहु अकबरपुर की तरफ से भी खिलाड़ी का स्वागत किया गया।

    http://www.bhaskar.com/news/HAR-ROH-...90546-NOR.html

  12. The Following 4 Users Say Thank You to kannumix For This Useful Post:

    amitbudhwar (January 3rd, 2016), hrdhaka (December 26th, 2015), sukhbirhooda (December 28th, 2015), vishalsunsunwal (January 4th, 2016)

Posting Permissions

  • You may not post new threads
  • You may not post replies
  • You may not post attachments
  • You may not edit your posts
  •