आगे बढ़ने, संसाधन और निर्णयों में अपना आधिपत्य बनाये रखने की बात है:
किसान को अपने उत्पाद का मूल्य खुद निर्धारित करने दिया जाने की बात चलती है तो मंडीवर्ग इसका एकमुश्त विरोध करता है, साथ ही किसान वर्ग भी एकमत नहीं दीखता| किसान परिवेश के बच्चों और बड़ों को आज इस पर खुलकर चर्चा करने की जरूरत है| आईये इस पहलु के कुछ इफ और बट्स पर चर्चा करें और अपने विचार आदान-प्रदान करें कि:
यह अधिकार किसान को ना मिलने के क्या-क्या नुकसान और नफे हैं?
यह अधिकार किसान को मिलने के क्या-क्या नुकसान और नफे हैं?
यह अधिकार किसान को ना मिलने के मंडी-फंडी को क्या-क्या नुकसान और नफे हैं?
यह अधिकार किसान को मिलने के मंडी-फंडी को क्या-क्या नुकसान और नफे हैं?
जय यौद्धेय! - फूल मलिक