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Thread: अगर यूँ ईमारत पूजने से भगवान मिलें, तो मैं च&a

  1. #1

    अगर यूँ ईमारत पूजने से भगवान मिलें, तो मैं च&a

    अगर यूँ ईमारत पूजने से भगवान मिलें, तो मैं चौपाल क्यों ना पूजूँ:

    जिसमें हर जाति-सम्प्रदाय का आदमी बेरोकटोक आ-जा सकता है, उठ-बैठ सकता है, सदियों से अपने झगड़े-दुखों का हल और न्याय पाता रहा है| इन चढ़ावा चढ़ाने वाली इमारतों में क्या मिलता है सिवाय कहीं "दलित प्रवेश निषेध" की तख्तियों के या अपनी गाढ़ी कमाई एक वर्ग विशेष को चढ़ा आने के?

    हालाँकि मैं ऐसी संस्कृति में पला-बढ़ा हूँ जहां "दादा खेड़ा" के बाद "चौपाल" को ही सबसे पवित्र स्थल माना जाता है| हमारे यहां "दादा खेड़ा" के बाद जहां पर सामूहिक रूप से विभिन्न त्योहारों पर साफ़-सफाई या दिए लगाए जाते हैं वो "गाँव की चौपाल यानी परस" ही होती है; इसलिए यह अपने आपमें ही पूजनीय है| फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें चढ़ावा नहीं चढ़ाया जाता| यहां तक कि इसमें बैठ के समाज के झगड़े निबटाने वाले कोई शुल्क भी नहीं लेते| देर-सवेर कोई राहगीर आ के इसमें ठहर जाए तो उसकी जाति-सम्प्रदाय नहीं पूछा जाता|

    मुझे गर्व है हमारी संस्कृति पर जिसके तहत यह "चौपालें-परसें" बनी| पूरे भारत में यह संस्कृति सिर्फ प्राचीन विशाल हरयाणा क्षेत्र में ही मिलती हैं| और विदेशों में इनको बनाने के लिए किसी प्रधानमंत्री विशेष को स्पेशल कहना नहीं पड़ता, क्योंकि भारत में इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे विश्व में यह कहीं "सेंट्रल हॉल", तो कहीं "होटल-दु-विल" आदि के नाम से अमेरिका से ले के इंग्लॅण्ड-फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया तक फैली हुई हैं|


    इसलिए हमारी संस्कृति को मानने वाले याद रखें कि आपकी संस्कृति स्वत: ही इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड की है| इसमें खामियां हो सकती हैं, परन्तु इतनी बड़ी नहीं कि आप उनको सुधार के आज के अनुसार एडिटिंग करके फिट बनाने की बजाये; इनको छोड़ने या त्यागने की सोचें|


    जय यौद्धेय! - फूल मलिक
    Last edited by phoolkumar; December 28th, 2015 at 05:37 PM.
    One who doesn't know own roots and culture, their social identity is like a letter without address and they are culturally slave to philosophies of others.

    Reunion of Haryana state of pre-1857 is the best way possible to get Jats united.

    Phool Kumar Malik - Gathwala Khap - Nidana Heights

  2. The Following 2 Users Say Thank You to phoolkumar For This Useful Post:

    amitbudhwar (December 29th, 2015), sukhbirhooda (January 2nd, 2016)

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