आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के बाद महीनों तक हमारे देश में ही आराम से रहते हैं, जिस जगह हमला करना है उस जगह की रेकी करते हैं, हमारे देश में ही बैठकर प्लान बनाते हैं, फिर जब उनकी आतंकी घटना पूर्ण हो जाती है तब सरकारें "कड़ी निंदा" कर देती है,
लेकिन सवाल ये है की इन आतंकवादियों को भारत में ही पनाह देने वाले वाले वो गद्दार कौन हैं?? वो कौन हैं जो इन्हें अपना दामाद मानते हैं?? वो कौन हैं जो इनके लिए भी मोमबत्ती जलाते हैं?? वो कौन हैं जो इनके मानवाधिकारों के लिए लड़ते हैं?? वो कौन हैं जो इनको बचने के लिए आधी रात को भी भारत की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खड़खड़ाते हैं?? वो कौन हैं जो इन आतंकवादियों के मौत पर आसूं बहाते हैं??
पहले उन गद्दारों की चिन्हित कर चौराहे पर खड़ा कर के गोली मार देने की जरुरत है, नहीं तो आम जनता और सेना के जवान मरते रहेंगें और नेता कड़ी निंदा, मुहतोड़ जवाब, जैसे जुमले देकर जनता को बेवकूफ बनाते रहेंगें,,