एक गाम मै दो मोहले थे , एक ज्ञाटा का और एक मुसलमाना का ,
ज्ञाटा ने भूरा कुत्ता पाल रखा और मुसलमाना ने काला कुत्ता पाल रखा था ,
एक दिन ज्ञाटा के कुत्ते ने काले कुत्ते को आपने मोहले मै न्योता दे क
बुला लिया , इब काला कुत्ता आगा . दोनु मोहले मै किसे भी घर के आगे
जावे , कही घर के आगे राबड़ी धरी मिल जा , कही रोटी , कही छाछ
मिलज्या . दोनों साँझ तक छिक लिए . अब चलते टाइम उस काले कुत्ते
नै भी इतवार का उसको न्योता दे दिया . इतवार को भूरा कुत्ता पहुच
गया उसके मोहले मै . सुबह से रात होगी पुरे मोहले मै कुछ भी न पाया
खावन नै . दोनों मरे भूखे , जाटा का कुत्ता बोल्या ,, क्यों पडा है इस मोहले
मैं , मेरे पास आजा तू भी . थोडी देर बाद एक मुसल्मान्नी आपनी छोरी
नै गाल देन लाग रही की -- तने काले कुत्ते के ब्याहुगी .
काला कुत्ता न्यू बोल्या -भाई जीना जाना तो कीमे अपना आप तो इसे आस में जी रहे हैं देखो रिश्ता हो ज्या तै