एक ताऊ किसे गाँव त भैस खरीद के ल्यावे था...
पैदल चलते चलते दोपहर हो गई... तेज़ धुप थी।
एक सीसम के पेड तले भैस बांददी और ताई ने चूरमा
बना के दे राख्या था उसने खान लाग्ग्या...
इतनी खेतां में तें 6-7 छोरी आगी...
आर ताऊ त सवाल करण लागगी..
एक छोरी:-- ताऊ भैस लिआया ?
ताऊ :- हाँ
दूसरी :- कितने की ल्याया ?
ताऊ: 40 की...
तीसरी :- क दांती से?
ताऊ :- 2
चौथी: पूछड में सफ़ेद बाल स ?
ताऊ :- सें
पंचमी:- खारकी स के दुजन ?
ताऊ:- दुजन..
छठी:- कुन्सी नसल की स ?
ताऊ:- मुर्रा,,,
आर ताऊ का पारा चढ़ लिया दुखी हो लिया उनके सवाला त...चूरमा भी ढंग त ना खान दिया...
फिर सातवी बोलली:- धिणे हो री स ?
ताऊ:- गुस्सा में भरके:----- ना...चूरमा खा के करूँगा....