एक तरफ जहाँ बीजेपी विपक्षी पार्टियों को ख़त्म करने पर आमादा है| वही गैर-बीजेपी दल खुद ही बिखराव का शिकार है| अभी बिहार में नीतीश ने पलटी मारी और जद(यू) को टूटने के कगार पर पहुंचा दिया| उधर दूसरी खबर हरियाणा से है| हुड्डा और मोदी की मुलाकात हुई है पिछले दिनों| वो भी संसद के गलियारे में| तमाम कयास है| लेकिन ऊपरी तौर पर यह हुड्डा का सियासी दांव ज्यादा लगता है| जो कांग्रेस आलाकमान को प्रेशर में लाने के लिए खेला गया है| हरियाणा कांग्रेस दो फाड़ है| हुड्डा खेमा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर तंवर को नहीं देखना चाहता|
मीडिया में चल रही अटकलों पर हुड्डा ने खुद सफाई दी| और मोदी से मुलाकात को महज़ शिष्टाचार भेंट बताया| वैसे ज्यादातर कांग्रेसी मोदी से दूर ही रहते है| लेकिन हुड्डा का इस प्रकार मोदी से मिलना अपने आप में एक बड़ा सवाल है| राजनीति के रंग हज़ार| कौन जाने कब किस पर किसका रंग चढ़ जाये| किसने सोचा था मोदी के नाम पर गठबंधन तोड़ने वाले नीतीश बाबू एक दिन फिर से पाला बदलेंगे|