भभूतो काको अर चार कॉटरिया

एक समय री बात हैं भभूतो काको दारू सूं फूल टुन्न हो अर आपरी बोलेरो में जोधपुर जा रिह्या हा ,
पुलिस री नाकाबंदी लागुड़ी ही बोलेरो री स्पीड घणी ही जिण कारण सूं भभूते काके रे गाड़ी कब्जे सूं बाहर होयगी
अर पुलिस रे लगाएड़ा पाइपां रे जोर रो भसीड़ मारियो,
अब थानेदार घमण्डाराम जी घमंड सुं भरयोडा रीस रे मायने आपरी गाडी सूं बाहर निकल्या
थानेदार बोल्या - अरे डोकरा गाड़ी सुं बाहर निकळ
भभूतो काको बोल्या - गलती होगी थानेदार साहब माफ़ कर दियो सा एड़ी गलती भळें कोणी करूँ सा
थानेदार बोल्या -बिना अक्ल रा बारदान दारू पीवने गाड़ी चला रिह्या हैं थारो मुण्डो खोल.
भभूतो काको बोल्या - साहब आज छोड़ दो चार कॉटरिया पियोडा हैं म्हारी लुगाई धापुड़ी री सोगन अबे घुंटीयो नी पिऊंला।