हाँ, यह सरकार की सोची समझी रणनीति का हिस्सा हैं।
नहीं, कुछ महीने बाद स्तिथि सामान्य हो जाएगी।
कह नहीं सकते,
SALURAM (October 9th, 2017)
hahahaha.......logon ko to ban hone mein bhi sharm aati hai........kar denge to window guest ban jaaungi kuchh din ke liye.....ungli nahi hum anguthe ka istemaal karte hain, down thumb kah lo lekin aadar-satkar ke liye karte hain. Life ne do mauke diye hain abhi tak......UGC Panel Members ka welcome (year 2010) aur uske baad seedha US return dulhe ka welcome(year 2013). Lekin yaad sirf pahle wala rahta hai by God's grace
SALURAM (October 9th, 2017)
Off topic post would be deleted so avoid the same.
It's better to be alone than in a bad company.
SALURAM (October 9th, 2017)
SALURAM (October 9th, 2017)
जीएसटी व नोटबंदी ने छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाया : मार्क टुली
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के बाद अब प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय पत्रकार मार्क टुली ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
पूर्व आईएएस एमएन बुच की स्मृति में गवर्नेंस की चुनौतियां विषय पर आयोजित लेक्चर में टुली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी का क्रियान्वयन असरकारक नहीं रहा। इसने भारत के छोटे व्यापारियों का भी खूब नुकसान किया है। टुली ने कहा कि मैं अर्थशास्त्री तो नहीं हूं, लेकिन सामान्य व्यक्ति के तौर पर इन फैसलों के दुष्प्रभाव सामने दिख रहे हैं।
टुली बोले कि जो लोग ये सोचते या कहते हैं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ, वे गलतबयानी कर रहे हैं। भारत और चीन आजादी के वक्त सबसे गरीब देश थे। इन सत्तर सालों में भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि यह देश आज भी लोकतांत्रिक है। वहीं तरक्की के बारे में चीन से तुलना करें तो हमें इस बात पर गौर करना होगा कि भारत ने शांतिपूर्वक विकास किया है।
टुली ने कहा कि भारत और इसके नागरिक आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन परिणाम अपेक्षा के मुताबिक नहीं मिले हैं। उसका कारण भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत नहीं होना है। मौजूदा व्यवस्था भारत के लिए नहीं बनी है। ये सभी ब्रिटिश राज के संस्थान हैं।
नौकरशाह व्यवहारिक पक्ष नहीं देखते
टुली ने नौकरशाहों को उनके सामने ही खूब खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि नौकरशाह व्यवहारिक पक्ष पर काम नहीं करते। भारत के पास सर्विंग नहीं, बल्कि गवर्निंग पुलिस है। कलेक्टर्स किताबी ज्ञान से आगे नहीं निकल पाते। ब्रिटिशराज में उन्हें सिर्फ राजस्व अधिकारी बनाया था। अब उनके ऊपर कई सारे काम थोप दिए गए। कलेक्टर ऑफिस का सेटअप चेंज नहीं हुआ।
राजनीतिक हस्तक्षेप इसलिए बढ़ा, क्योंकि अनुमति दी
टुली ने नौकरशाहों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में गवर्नेंस की सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हस्तक्षेप इसलिए बढ़ा, क्योंकि नौकरशाहों ने ऐसा होने दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में भ्रष्टाचार समस्या नहीं है। यह खराब शासन व्यवस्था का एक लक्षण है। टुली ने न्यायिक व्यवस्था पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कई बार जज अपनी भूमिका से आगे बढ़कर सरकार को बताते हैं कि क्या करना चाहिए? न्यायालय को सिर्फ इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कानून का राज बना रहे।
आधार कार्ड जैसी तकनीक सफल नहीं हो सकती
टुली ने कहा कि राशन की दुकान पर बूढ़ी महिलाओं को फिंगरप्रिंट देने में करीब 15 दिन लग जाते हैं। कोई भी दुकानदार यह बर्दाश्त नहीं करेगा और महिला को भगा देगा। ऐसे में आधार कार्ड से राशन देने जैसी तकनीक सफल नहीं हो सकती।
http://naidunia.jagran.com/madhya-pr...k-tuli-1341628
जय भारत