वगतो आपरी लुगाई धापुड़ी सूं बोल्यो -
आज कीतो प्यारो मौसम हो रिह्यो हैं
कोई ऐड़ी बात करां के म्हारा पग धरती माथे ही नी टीके।
धापुड़ी फुल्का बणावती रसोईं मायने थी बोली -
करम फुट्योड़ा फाँसी खायले। ।