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Thread: जमाना बदल गया - मारवाड़ी

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  1. #1

    जमाना बदल गया - मारवाड़ी

    भाईचारो मरतो दीखे,
    पईसां लारे गेला
    होग्या।

    घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
    चोर उचक्का चेला होग्या,


    चंदो खार कार
    में घुमे,
    भगत मोकळा भेळा होग्या।

    कम्प्यूटर को आयो जमानो,
    पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,


    पढ़ी-लिखी लुगायां ल्याया
    काम करण रा फोङा होग्या ।


    घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
    जेब-जेब मोबाईल होग्या।


    छोरयां तो हूंती आई पण
    आज पराया छोरा होग्या,


    राल्यां तो उघड़बा लागी,
    न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।


    इतिहासां में गयो घूंघटो,
    पाऊडर पुतिया मूंडा होग्या,


    झरोखां री जाल्यां टूटी,
    म्हेल पुराणां टूंढ़ा होग्या।


    भारी-भारी बस्ता होग्या,
    टाबर टींगर हळका होग्या,

    मोठ बाजरी ने कुछ पूछे,
    पतळा-पतळा फलका होग्या।


    रूंख भाडकर ठूंठ लेयग्या
    जंगळ सब मैदान होयग्या,


    नाडी नदियां री छाती पर
    बंगला आलीशान होयग्या।


    मायड़भाषा ने भूल गया,
    अंगरेजी का दास होयग्या,


    टांग कका की आवे कोनी
    ऐमे बी.ए. पास होयग्या।


    सत संगत व्यापार होयग्यो,
    बिकाऊ भगवान होयग्या,

    आदमी रा नाम बदलता आया,
    देवी देवता रा नाम बदल लाग्या

    भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
    धरम बेच धनवान होयग्या।


    ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
    सासु सुसरा चौखा होग्या,


    सेवा रा सपनां देख्या पण
    आंख खुली तो धोखा होग्या।


    बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
    लुगायां रा राज होयग्या,


    दूध बेचकर दारू ल्यावे,
    बरबादी रा साज होयग्या।


    तीजे दिन तलाक होयग्यों,
    लाडो लाडी न्यारा होग्या,


    कांकण डोरां खुलियां पेली
    परण्या बींद कंवारा होग्या।

    बिना रूत रा बेंगण होग्या,
    सियाळा में आम्बा होग्या,


    इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
    फूल-फूल कर लम्बा हो गया


    दिवलो करे उजास जगत में
    खुद रे तळे अंधेरा होग्या।


    मन मरजी रा भाव होयग्या,
    पंसेरी रा पाव होयग्या,


    Last edited by SALURAM; October 6th, 2017 at 03:05 PM.
    जय भारत

  2. The Following 2 Users Say Thank You to SALURAM For This Useful Post:

    dndeswal (October 9th, 2017), neel6318 (October 8th, 2017)

  3. #2
    भारी-भारी बस्ता होग्या,
    टाबर टींगर हळका होग्या,

    ye baat to humare jamane ki hai, lekin ab to bacchon ke bhi lockers ho gaye

  4. #3
    Quote Originally Posted by neel6318 View Post
    भारी-भारी बस्ता होग्या,
    टाबर टींगर हळका होग्या,

    ye baat to humare jamane ki hai, lekin ab to bacchon ke bhi lockers ho gaye
    न ऐसा कोई बदलाव मुझे तो नजर नहीं आ रहा हैं, मेरा बेटा lkg में पढ़ रहा है सब नोट्स बुक्स और बुक्स मिलाकर २५ बुक्स लेके जाता हैं जबकि फ़िलहाल तो उसको सिर्फ स्लेट की जरूरत हैं। हम तो तीसरी में भी स्लेट से काम चला लिया करते थे।
    वैसे हमारे ज़माने से क्या मतलब ? आप क्या हिटलर की दादी की परदादी के ज़माने की हो क्या ??
    जय भारत

  5. #4
    Quote Originally Posted by SALURAM View Post
    न ऐसा कोई बदलाव मुझे तो नजर नहीं आ रहा हैं, मेरा बेटा lkg में पढ़ रहा है सब नोट्स बुक्स और बुक्स मिलाकर २५ बुक्स लेके जाता हैं जबकि फ़िलहाल तो उसको सिर्फ स्लेट की जरूरत हैं। हम तो तीसरी में भी स्लेट से काम चला लिया करते थे।
    वैसे हमारे ज़माने से क्या मतलब ? आप क्या हिटलर की दादी की परदादी के ज़माने की हो क्या ??
    fir to school old fashioned hai.....aur wo bhi karnataka mein......itna pichhda hua place hai

  6. #5
    Quote Originally Posted by neel6318 View Post
    fir to school old fashioned hai.....aur wo bhi karnataka mein......itna pichhda hua place hai
    cbse स्कूलों में भी यही हाल हैं यहां तो।
    जय भारत

  7. #6
    Quote Originally Posted by SALURAM View Post
    cbse स्कूलों में भी यही हाल हैं यहां तो।
    tabhi, I never find interesting Karnataka

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