भाई मोदी भक्तो सीधी बात पर आ जाओ मैंने २०१४ चुनाव में खुल कर मोदी को समर्थन दिया था क्योंकि विचार एक था c for corruption crime and communism. बातों को चार साल हो गए मोदी के गियर नेहरू पे उलझ रहे हैं इस बतोलेबाज ने और कोई काम नहीं आज भी नेहरू इसने काम नहीं कारन दे रहा ! सवाल एक है और बिलकुल साफ़ है एक काम गिना दो जो मोदी ने ऐसा किया है की हम कहें वाह मोदी जी कमाल कर दिया ! चार साल में इनके पास एक ढंग का काम नहीं है दिखाने के लिए
कांग्रेस आयी एक काम होया था लोग हर चीज के रपिये गिनाँण लागे थे भाई फसल किसी होई २ लाख के धान हो गए
छोरे के जमीन कितनी आवे है गाम की धरती डेढ़ करोड़ की शहर का प्लाट पिचवन लाख का (उदहारण सामान्य हैं कोई क्लेम मान्य नहीं होगा )
मखा रे डाकुवा की सरकार आ गयी ये तो धरती ने बेच खावेंगे भाई इस गरीब ने मसीहा दिखया मोदी में भाई हाँगा लाया मोदी बनाया
फेर भाई बेटिया की योजना आयी भाई भोत बढ़िया होया चोखा ब्याज देवें माखा छोरिया का तोडा खत्म होवेगा पर उसका ब्याज भी घटाबढ़ी में ए रहया कोई ना फेर भी ठीक ए है !
बोले देश साफ़ होना चाहिए तो यारा ने ठा ली बुहारी और स्वच्छाग्रही बन गए (शील्ड पड़ी है कोई से ने चाहिए ले जइयो ) पर मरे बट्टे जो सफ़ेद कपडे आले थे खाली फोटू खिंचवान आये
फेर गरीबा के खाते खुले भाई बढ़िया काम होया
फेर जाट आरक्षण आले मामले में कत्तई जी खट्टा ही हो गया फेर आड़े भी सोच्या मतलबी नहीं बनना चाहिए म्हारे बुढला ने भतेरा दे दिया हम के मर जावांगे
मोदी के कई साल हो गए नोट बंदी होई मखा कट्या रोग बैरी ने कइया के गुदड़ बंधेंगे फेर देख्या ग़दर फंड रपिया आले ठाठ ले रहे और गरीब लाइन में लगे जान धन आल्या का और माडा हाल बिचारे जमा करवान जावें दस से फालतू जमा नहीं होने न्यू नहीं कर सकते न्यू नही रपिये मिलने इतने नहीं मिलने और सांझ ने बाउजी आवें बक्सा लेके और नोट भरके साहब के दफ्तर में !(ये भी देख्या न्यू न बूझियो कित भाईचारे नहीं बिगाड़ूँगा मोदी की बुराई खातिर मानो ना मानो थारी मर्ज़ी ) इसका हिसाब लगाना है तो मेरे ख्याल बैंक आल्या धोरे रिकॉर्ड होने चाहिए कि किस आधार कार्ड पर कितने रपिये जमा होये और पासबुक में एंट्री होनी चाहिए यु हिसाब कदे नहीं लिकड़ना
मखा कोई ना ईमानदार कोशिश थी देश ही डाकुवा का भरा पड़ा है
फेर भाई मोदी ने बंद करया बेरोजगारी का आंकड़ा मखा यु के होया और भाई मैं सोचण लाग्या यू हो के रहया है और भाजपाइयों के विचारो पर मंथन होना शुरू होया और निष्कर्ष पर पहुंचा
देश में कोई घटना दुर्घटना हो ज्या और मोदी झोला ठाके देश ते बाहर यू आदमी किसे काम की बात पे कुछ बोलता नहीं बाकि चुप नहीं होता और मुद्दे पर बोलता नहीं, बात की बात नहीं करणी, सर हो ज्यां हैं उस बावलीबूच के फेर तेरी दादी ने भी तो न्यू करा था! वो आड़ू है ही उसने बैंगन का बेरा नहीं भाई सध रही है कोए सै ए ना बोलणिया ढंग का खैर जाने दे सारे मिडिया आले चुप, कैग, सी बी आयी सुन्न कसूता ग़दर फण्ड माच रहया है
भाई इब बारी संघियाँ की तो मेरा निष्कर्ष लिकड्या की इनकी सोच है "जो श्रेष्ठ है सिर्फ उसको जीने का हक़ है " पेड़ सिर्फ बरगद पीपल और नीम होने चाहिए और आदमी सिर्फ फलानी धिकड़ी जात के होने चाहिए ! भाई इन कच्छाधारिया ने पूछे कोए अक तेरी माँ मर गयी तो उसने पीपल बरगद और नीम की लकड़ियाँ पे फूँक देगा ?सबकी अपनी जगह है और सबका अपना महत्व इस देश में जितने ब्राह्मण जरूरी हैं उतने ही जरूरी हरिजन हैं बल्कि उन से ज्यादा क्योंकि ये ही कमेरी कौम हैं !
रहे इब भाजपाई तो भाई इन ने तो किमे दीखता नहीं दोनू हाथा नोट कठ्ठे करण लाग रहे हैं और काम की कहते ही जवाब एक है कांग्रेस में भी तो न्यू ए होवें था तो सुण ल्यो भाई कांग्रेस हमने जड़ ते खो दी और हाल इबके थारा भी यू ही होना है !कब तक अगली योजना अगली योजना करेंगे कुछ तो धरातल पर करके दिखाना होगा और मेरे हिसाब से दिखाने लायक तो इब तक इनके धोरे कुछ नहीं
भाई भक्तगणों मेरी मोदी ने कोई झोटी ना खोल ली जो मैंने या बात कही है अगर गलत कहा हो तो बात करियो खामखा सर होण की अड्डास नहीं !
एक सवाल और है सबसे" थामने जो यू छो आवे है वो रोहिंग्या मुद्दा है वो मोदी भक्ति है या खिलाफत वो छो थम कित तारो हो ?क्यों आपस में सींग फसा रहे हो जिसका जिसको वोट देने का जी करे उसने दो और वो देंगे भी उसी को क्यों खामखा आवारा कुत्तो की तरह कार के पीछे भौंक रहे हो ????