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Thread: व्यक्तित्व विकास

  1. #1

    व्यक्तित्व विकास

    व्यक्तित्व विकास


    युवाओं के लिए इस सूत्र को शुरू किया जा रहा है| आपका व्यक्तित्व ही आपकी पहचान है| व्यक्ति व्यक्तित्व से ही पहचाना जाता है| व्यक्तित्व का विकास कैसे किया जाये, जीवन में किस बात का ख्याल रखा जाये? प्रतिदिन दिनचर्या में क्या क्या करें जिससे व्यक्तित्वा हमारा स्वभाव बन जाये| यह सब अपने महापुरुषों के व्यक्तित्व के आधार पर रहेगा| सबसे विशिष्ट तौर पर युवाओं से अनुरोध है सूत्र से जुड़कर अपने व्यक्तित्वा का विकास करें| आप सब इस सूत्र पर अन्यों को प्रेरित भी कर सकते हैं |आइये मिलकर करें व्यक्तित्व विकास|

    शुरुवात यहीं से करते हैं|

    ए भोले नौजवान दो बात मेरी मान ले,
    एक बोलना ले सीख और शत्रु पहचान ले|


    इसे बार बार पढ़ें, व्याख्या करें|
    Last edited by ashokpaul; December 6th, 2017 at 04:23 PM.
    ए भोले इन्सान दो बात मेरी मान ले|
    एक बोलना ले सीख और शत्रु पहचान ले|

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    lrburdak (March 22nd, 2018), sukhbirhooda (December 7th, 2017)

  3. #2
    यहाँ तीन बातों का उल्लेख है :-

    १. मानना
    २. बोलना
    ३. पहचानना

    व्यक्तित्व विकास केये ये प्रारंभिक कार्य हैं|

    १. जो जानता है वही मानता है| इसलिए पहले
    ज्ञान आवश्यक है | इसके लिए पढना होगा| सर्वप्रथम स्वाध्याय की रुचि पैदा करें| जो विषय अच्छा लगता है वहीँ से शुरू करें|

    इसलिए आज से जो विषय आपको सबसे अधिक प्रभावित करता है, आपके समाज प्रभावित कर रहा है| शुरू कीजिये| आज से अभी से....
    ए भोले इन्सान दो बात मेरी मान ले|
    एक बोलना ले सीख और शत्रु पहचान ले|

  4. #3
    If you quote the words said earlier by a personality then please always mention the name who said it.


    Quote Originally Posted by ashokpaul View Post
    व्यक्तित्व विकास


    युवाओं के लिए इस सूत्र को शुरू किया जा रहा है| आपका व्यक्तित्व ही आपकी पहचान है| व्यक्ति व्यक्तित्व से ही पहचाना जाता है| व्यक्तित्व का विकास कैसे किया जाये, जीवन में किस बात का ख्याल रखा जाये? प्रतिदिन दिनचर्या में क्या क्या करें जिससे व्यक्तित्वा हमारा स्वभाव बन जाये| यह सब अपने महापुरुषों के व्यक्तित्व के आधार पर रहेगा| सबसे विशिष्ट तौर पर युवाओं से अनुरोध है सूत्र से जुड़कर अपने व्यक्तित्वा का विकास करें| आप सब इस सूत्र पर अन्यों को प्रेरित भी कर सकते हैं |आइये मिलकर करें व्यक्तित्व विकास|

    शुरुवात यहीं से करते हैं|

    ए भोले नौजवान दो बात मेरी मान ले,
    एक बोलना ले सीख और शत्रु पहचान ले|


    इसे बार बार पढ़ें, व्याख्या करें|
    Yoginder Gulia

  5. #4

    व्यक्तित्व विकास

    Quote Originally Posted by ygulia View Post
    If you quote the words said earlier by a personality then please always mention the name who said it.

    उत्तम विचार के लिए धन्यवाद| इसलिए उद्धृत नही किया क्योंकि हम सभी जानते हैं, चौधरी छोटूराम जी द्वारा यह व्यापक तौर पर प्रयुक्त किया जाता था| ve इसे किसानो के लिए यूँ प्रयोग करते थे:

    ए भोले किसान दो बात मेरी मान ले,
    एक बोलना ले सीख और दुश्मन पहचान ले|

    पुनः आपका धन्यवाद गुलिया जी|

    आइये ज्ञान की और बढ़ते हैं, जिससे मानना, बोलना, पहचानना सीखा जा सके|

    ज्ञान अपनी विरासत का, अपनी परंपरा का, अपने इतिहास का, अपने पूर्वजों के गुणों का, अपनी सभ्यता का, अपनी संस्कृति का....

    इसमें www.jatland.com का history, सामाजिक कार्यकर्ता, आर्य समाज सूत्र हमारा बहुत बड़ा सहभागी होगा|

    जैसे सूरजमल, छोटूराम, चरण सिंह आदि श्रेष्ठ पूर्वजों के बारे पढना शुरू कीजिये, उनके द्वारा किये गये कार्यों को जानिए| www.jatland.com कोई जातिवादी site नही है, व्यक्तित्व विकास हेतु अद्भुत site है | आप भी जब पढ़ें , केवल जातीय पूर्वज नही अपितु सभी श्रेष्ठ पूर्वजों को पढ़ें.... जैसे

    https://www.jatland.com/home/%E0%A4%...A4%A5%E0%A4%BE आदि आदि |
    ए भोले इन्सान दो बात मेरी मान ले|
    एक बोलना ले सीख और शत्रु पहचान ले|

  6. The Following 2 Users Say Thank You to ashokpaul For This Useful Post:

    lrburdak (March 22nd, 2018), neel6318 (December 17th, 2017)

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