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Thread: किसान आंदोलन

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  1. #1

    किसान आंदोलन

    जाट मरा तब मानिए जब तेहरवी हो जाए।

    ये कहावत है जाटों की फ़ाइटिंग स्पिरिट को बताने के लिए। उस “नेवर गिव-अप” ऐटिट्युड के लिए जो आख़िरी दम तक लड़कर बाज़ी पलट देता है।

    हमने वो बाज़ी पलटती देखी है किसान आंदोलन में। जहाँ एक -एक करके किसानो ने बोरिया-बिस्तर समेटने शुरू कर दिए थे। वही एक जाट किसान नेता अपनी ज़िद पर अड़ा था। वो सम्मान के साथ वापस लौटना चाहता था। लेकिन सरकार उसकी अक़्ल ठिकाने लगाना चाहती थी। एक तरफ़ हज़ारों की तादाद में फ़ोर्स और पुलिस। दूसरी तरफ़ बीजेपी के स्थानीय विधायक के लोग। जो फ़र्ज़ी राष्ट्रवाद का झंडा लेकर किसानो पर डंडा बरसाना चाहते थे।

    फिर एक चेहरा दिखता है। टीवी पर। सोशल मीडिया पर। एक जाट किसान। वो भावुक है। आंखें नम हैं | गला रुँधा हुआ है | वो ग़ुस्से में भी है। वजह है सरकार। बिना लड़े हार जाने की टीस।
    इमोशन और अग्रेशन का मिक्स्चर जाटों को घातक बना देता है। वही हुआ। जाट घरों से निकल पड़े। महापंचायत हुई। पहुँच गए अपने किसान नेता के पास। एक ख़त्म होता आंदोलन फिर से उठ खड़ा हुआ। और बाज़ी पलट गयी...


    अब फिर से धीरे-धीरे पढ़िए। जाट मरा तब जानिए, जब तेहरवी हो जाए।

    जय जाट । जय किसान


    Dedicated to all Jats..You can share the text on your social media.
    I have a fine sense of the ridiculous, but no sense of humor.

  2. #2

    Farmers and future of India

    Who is Ram? How Ram is with farmers of India.
    https://wp.me/p9MUGM-ii

    India at crossing point.
    https://wp.me/p9MUGM-ig

    What is awareness?
    https://wp.me/p9MUGM-ia
    Last edited by sandeepverma; February 27th, 2021 at 07:33 PM.

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