1931, यूनाइटेड प्रोविन्स (उत्तर प्रदेश) में जाटों की आबादी ?
ब्राह्मणिक हिन्दू जाट ? 7,12,803
मुस्लिम जाट ? 19,689
आर्य जाट ? 47,027
ब्रह्मों जाट ? 4
राधा स्वामी जाट ? 59
जैन जाट ? 217
सिक्ख जाट ? 30,595
कुल जाट आबादी = 8,10,394
उस समय यूनाइटेड प्रोविन्स की कुल आबादी का 1.95% थे।
(Source ? Census of India, 1931; Part-II; Imperial and Provincial Tables; Page- 509, 525, 539, 546)
ब्रह्मों समाज राजा राममोहन राय ने शुरू किया था। संयुक्त पंजाब में जाटों में इस ब्रह्मों समाज से प्रथम जुडने वालों में से बड़ा नाम सरदार दयाल सिंह मजीठीया का था। सरदार दयाल सिंह मजीठीया ने अपनी सारी संपत्ति ट्रस्ट के नाम कर दी थी। दी ट्रिब्यून अखबार, दिल्ली का दयाल सिंह कॉलेज, इसके ईलवा करनाल में दयाल सिंह कॉलेज, लाहौर में लाइब्रेरी आदि सब उन्हीं के हैं। इन पर बाद में बंगालियों का कब्जा हो गया था। इस बारे में उस समय जाट महासभा के एक अधिवेशन में चौधरी छोटूराम ने एक प्रस्ताव भी रखा था कि दी ट्रिब्यून अखबार एक जाट के पैसे से शुरू किया गया अखबार है जिस पर दूसरों ने कब्जा कर लिया है, यह वापिस कैसे लेना है इस पर विचार करना होगा।
आर्य जाट, यह लिखवाना एक तरह से जाटों का खुद को हिन्दू धर्म (जिसे अंग्रेजों ने इस जनगणना में ब्राह्मणिक हिन्दू लिखा है) से अलग दिखाना था। हालांकि, था यह भी एक तरह से हिन्दू का ही हिस्सा, पर अलग दिखाना कैसे था इस पर अलग से पोस्ट लिखुंगा। खास बात यह थी कि जाटों में हिन्दू धर्म से पलायन बड़े पैमाने पर संयुक्त पंजाब में हुआ, उसके बाद पश्चिमी उत्तरप्रदेश में।
-राकेश सिंह सांगवान