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Thread: Population of Jats in joint Punjab, 1931

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  1. #1

    Population of Jats in joint Punjab, 1931

    1931, संयुक्त पंजाब में हिन्दू, सिक्ख, मुस्लिम जाट आबादी -

    -राकेश सिंह सांगवान

    1931 संयुक्त पंजाब मेँ मुसलमानों की कुल आबादी ? 1,49,29,896
    पंजाब मेँ मुस्लिम धर्म मेँ मुख्य जातियाँ ?
    Jat ? 29,40,849 (19.70%)
    Rajput ? 17,18,532 (11.52%)
    Arain ? 13,28,532 (8.90%)
    Bloch ? 6,24,691 (4.18%)
    Julaha ? 6,12,570 (4.11%)
    Awan ? 5,38,755 (3.61%)
    Gujjar ? 5,21,347 (3.49%)
    Kumhar ? 4,23,430 (2.84%)
    Mussalli ? 4,17,205 (2.79%)
    Seikh ? 4,07,554 (2.73%)
    Tarkhan ? 3,46,829 (2.32%)
    Pathan ? 3,45,402 (2.31%)
    Teli ? 3,38,295 (2.27%)
    Machhi ? 3,14,791 (2.11%)
    Sayad ? 2,93,302 (1.96%)
    Faqir ? 2,53,969 (1.70%)
    Mirasi ? 2,41,660 (1.62%)
    Lohar ? 2,41,576 (1.61%)
    Nai ? 2,35,855 (1.58%)
    Qasab ? 1,27,198 (0.85%)
    Meo ? 1,24,795 (0.83%)
    Jhiwar ? 1,10,960 (0.74%)

    :- मुस्लिम अहीर? 2308, (815 सिक्ख अहीर थे), मुस्लिम अग्रवाल? 30, मुस्लिम अरोड़ा- 88, मुस्लिम खत्री? 95, मुस्लिम ब्राह्मण? 96

    (source ? Census of India, 1931. Vol-XVII, Punjab, Part-II, Tables. Page 278, 282-300)

    1931, संयुक्त पंजाब में सिख धर्म की कुल आबादी 40,71,624 थी।
    सिख धर्म में कुछ मुख्य जातियों की आबादी –
    जाट – 21,34,598 (52.43%)
    वाल्मीकि – 1,69,247 (4.16%)
    तरखान – 1,59,103 (3.91%)
    चमार – 1,48,735 (3.90%)
    अरोड़ा – 1,14,329 (2.81%)
    कंबोह – 1,01,866 (2.50%)
    सैनी – 86,688 (2.13%)
    रामदसिया – 60,080 (1.48%)
    झिवर – 57,683 (1.42%)
    खत्री – 55,112 (1.24%)
    राजपूत – 50,312 (1.24%)
    नाई – 39,157 (0.96%)
    कुम्हार – 34,499 (0.85%)
    सुनार – 26,071 (0.64%)
    छिम्बा – 17898 (0.44%)
    लोहार – 16,935 (0.42%)
    बावरिया – 16,326 (0.40%)

    सिख गुर्जर की आबादी 4,646 थी। ब्राह्मण की आबादी 6,986 (0.17%)। 1684 अग्रवाल सिख भी थे। सिक्ख अहीर 815 थे। इस जनगणना में सांसी सिख कुल 1238 थे।

    (source – Census of India, 1931. Vol-XVII, Punjab, Part-II, Tables. Page 278, 282-300)

    1931, संयुक्त पंजाब में हिन्दू की कुल आबादी – 85,99,730 (34.22%)
    हिन्दू धर्म में बड़ी आबादी की जातियाँ –


    Brahman – 10,51,382 (12.23%)
    Jat – 9,92,309 (11.54%)
    Chamar – 6,84,963 (7.96%)
    Arora – 6,58,848 (7.66%)
    Rajput – 5,73,374 (6.68%)
    Khatri – 4,60,851 (5.36%)
    Valmiki – 3,68,224 (4.28%)
    Aggarwal – 3,47,120 (4.35%)
    Kanet – 300429 (3.47%)
    Ahir – 2,17,512 (2.53%)
    Jhiwar – 1,86,673 (2.17%)
    Dagi &Koli -1,81,370 (2.11%)
    Gujjar – 1,70,429 (1.98%)
    Kumhar – 1,56,913 (1.82%)
    Tarkhan – 1,,46,727 (1.71%)
    Rathi – 1,34,075 (1.56%)
    Ghirath – 1,22,503 (1.42%)
    Nai – 1,01,140 (1.18%)
    Sunar – 99026 (1.15%)
    Saini – 78,379 (0.91%)
    (source – Census of India, 1931. Vol-XVII, Punjab, Part-II, Tables. Page 278, 282-300)





    " जाट हारा नहीं कभी रण में तीर तोप तलवारों से ,
    जाट तो हारा हैं , गद्दारों से दरबारों से
    |"

    " इस कौम का ईलाही दुखड़ा किसे सुनाऊ ?
    डर हैं के इसके गम में घुल घुल के न मर जाऊँ || "
    ...........................चौ.छोटूराम ओहल्याण

  2. #2
    1881 से 1931, संयुक्त पंजाब में जाटों की आबादी में उतार-चढ़ाव-
    1881 से 1931, जाटों की कुल आबादी 47.3% बढ़ी।
    इन 50 साल दौरान में -
    हिन्दू जाट आबादी = -31.3% घटी।
    सिक्ख जाट आबादी = +90.1% बढ़ी।
    मुस्लिम जाट आबादी = +90.4% बढ़ी।

    ब्रिटिश टेर्रिटोरी में सबसे ज्यादा सिक्ख जाट आबादी में बढ़ोतरी हुई +111.7%
    तो पंजाब स्टेट्स में सबसे ज्यादा मुस्लिम जाट आबादी में बढ़ोतरी हुई +167.7%
    हिन्दू जाट आबादी दोनों में ही घटी। ब्रिटिश टेर्रिटोरी में -31.2% घटी तो पंजाब स्टेट्स में -31.7% घटी।

    (Census Of India, 1931, Vol-XVII, Punjab, Part-I, Page 342)









    " जाट हारा नहीं कभी रण में तीर तोप तलवारों से ,
    जाट तो हारा हैं , गद्दारों से दरबारों से
    |"

    " इस कौम का ईलाही दुखड़ा किसे सुनाऊ ?
    डर हैं के इसके गम में घुल घुल के न मर जाऊँ || "
    ...........................चौ.छोटूराम ओहल्याण

  3. #3
    1881-1931 के दौरान भारी अदला-बदली हुई थी।
    1881 के आंकड़े देखें और फिर 1931 के, जबर्दस्त बदलाव हुआ था। अंबाला जिले में 1881 में हिन्दू व सिक्ख जाटों की संख्या देखें और फिर 1931 में, 1931 में हिन्दू जाट लगभग आधे हो गए, सिक्ख जाटों की संख्या बढ़ी परंतु जिस अनुपात में हिन्दू जाट संख्या घटी उस अनुपात में सिख जाट संख्या नहीं बढ़ी, तो फिर ये संख्या किधर गई? मुस्लिम में? वैसे इन पचास सालों मेँ मुस्लिम व सिख जाटों की संख्या मेँ भारी संख्या मेँ बढ़ोतरी हुई थी।

    वैसे 1881-1931 के दौरान हिन्दू जाटों की संख्या लगभग -31% घटी थी।
    1921-1931, इस दस साल के दौरान हर जिले में हिन्दू जाटों की संख्या कितनी बढ़ी, कितनी घटी-
    ब्रिटिश टेर्रिटोरी में हिन्दू जाटों की संख्या 61,578 कम हुई (-7.4%)
    पंजाब स्टेट्स में हिन्दू जाटों की संख्या 1488 कम हुई (-0.7%)

    (टेबल में पंजाब स्टेट्स में 1921 में हिन्दू जाटों की संख्या लिखने मेँ गलती हुई है, यह संख्या थी 2,21,521)

    इन पचास सालों में बड़ी तेजी से अदला बदली हो रही थी। ये कुछ उस कूण पकड़ने वाले खेल के जैसा था जैसा हम गाँव में बालकपण में खेला करते, कि फटाफट अपनी कूण (कोना) पकड़ लो, जो नहीं पकड़ पता वो आउट।

    आजकल जो लोग एक प्रोपगैंडा के शिकार हैं वे एक बार इन अदला बदली के आंकड़ों को समझने की कोशिश जरूर करें।

    (Census Of India, 1931, Vol-XVII, Punjab, Part-I, Page 340)




















    " जाट हारा नहीं कभी रण में तीर तोप तलवारों से ,
    जाट तो हारा हैं , गद्दारों से दरबारों से
    |"

    " इस कौम का ईलाही दुखड़ा किसे सुनाऊ ?
    डर हैं के इसके गम में घुल घुल के न मर जाऊँ || "
    ...........................चौ.छोटूराम ओहल्याण

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