मेहर सिंह की रागनी

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हे करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी होहो हो परदेसी ... गैल मेरे भी बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी होहो हो परदेसी ... गैल मेरे भी बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...


होए ससुर मेरा भी छोह मैं आवै .... सासु दे सै गाऴ मेरी ...

हो परदेसी तनै आण कै ....क्योना लई सम्भाऴ मेरी ...

ओढण-पेहरण और सिंगरण की ... कती छूटगी ढाऴ मेरी ...

मैं ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....

ओढूं-पहरूं तै ताने दे ... एक छोटी ननद चिंडाऴ मेरी ....

देखे रंग तैं हों सैं ... हो रंग तैं हों सैं ...

हां गैल पती के .. तूं घाल गोह्ज मैं लाड लेग्या

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...


छ: मिहने मैं ... छ: मिहने मैं तेरा बेरा पाटया ... चिट्ठी मिली फौज़ की थी ...

चिट्ठी मैं न्यु लिख राखी ... तेरी छुट्टी बीस रोह्ज की थी ...

सभ कुणबे कै चाव चढ्या ... मेरी उस दिन रात मौज की थी ...

चौद्दस पुरणमासी पड्वा ... तेरी पक्की बाट दौज की थी ...

चौद्दस पुरणमासी पड्वा ... तेरी पक्की बाट दौज की थी ...

हां चंदा बणकै ... हो चंदा बणकै ... बरस्या कोन्या क्यूं बादऴां की आड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...


हां सक्करपारे ... सक्करपारे गिरी छुहारे ... लाडू और सुहाऴी घी की ...

घर घर के मांह चालू हो रही ... लाड-कौथऴी पेटी घी की ...

कयोकर आवै सबर मेरे ... जिब मिटती नही तरसना जी की ...

आधा सामण बीत गया ... न्यू सब किमैं बाट देख रहया मिंह की ...

आधा सामण बीत गया ... न्यू सब किमैं बाट देख रहया मिंह की ...

सूकी तीज ... हो सूकी तीज ... मनाउ क्योकर ... मिंह का मौका साध लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...


हां भरती होउगा ... भरती होउगा ... या बेदन तेरे तन मैं थी ...

कुछ तै जोर करया करमां नै ... कुछ तेरे भी मन मैं थी ...

और तै के कहूं पती जी ... तेरी सुरती गोरमैंट अन मैं थी ...

घर तैं बाहर जाण की भरती ... इकताऴीस के सन मैं थी ...

घर तैं बाहर जाण की भरती ... इकताऴीस के सन मैं थी ...

कहै जाट मेहर सिंह ... हां जाट मेहर सिंह ..

घर कुणबे तै ... था भरती का चाढ लेग्या ....

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...

हो परदेसी ... गैल मेरे भी, बांध क्योंना हाड लेग्या ...

करकै घाल तडपती छोडी ... ज्यान क्योंना काढ लेग्या ...


Dndeswal 11:10, 16 August 2007 (EDT)


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फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये

फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥

अरै फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ तेरे बिना पिया इस घर मै दिखे घोर अँधेरा ।

गाम बरोड़े मै तेरे बिन दिखे उज्जड डेरा ।

चंदा बिना चकोरी सुनी सबने हो श बेरा ।

रही थान पै कूद बछेरी कित्त जा श छोड़ बछेरा ।


और फीका पड़ गया चेहरा मेरा

फीका पड़ गया चेहरा मेरा कित्त लुट्टे मेरे त्योंर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥1॥


अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ शाम सावेरी मन्ने एकली नै खेता मै जाणा हो ।

बदमास्याँ की टोली घुमै मुश्किल गात बचाणा हो ।

तेरी खातर रहूंगी जीवती जब तक पाणी दाणा हो ।

नहीं मौत का कोई भरोसा कद हो ज्या माल बिराणा हो ।


हाँ बिना मोरनी कौन नचावै

बिना मोरनी कौन नचावै रंग रंगीले मोर नै ।

अरै डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥2॥


अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ पतला गात बैद ज्यू लरजे पाड़ी खिली जोर की ।

होठ गुलाबी चमकै श जणू बिजली पुरे पोर की ।

काली गौ मै तेरी सु देखू सु बाँट खोर की ।

पतले पतले होठ मेरे जैसे बिजली पूरे पोर की ।


हाँ कठपुतली की तरियां नाचूँ

कठपुतली की तरियां नाचूँ जद तू हलावे डोर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥3॥


अर फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये तू अपनी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥


हाँ दरजी के तै सीमा दिए मेरा लेडी मिन्टन सूट पिया ।

पायाँ के मा मन्ने पराह ऊँची एड्डी के बूट पिया ।

छम छम कर कै चालूँगी जणू फौजी जा रंग रूट पिया ।

तेरे बिना क्यूकर जीउ कैसे भरू सब्र की घूँट पिया ।


हाँ मेहर सिंह तो भूल ना जाइये

मेहर सिंह तो भूल ना जाइये अपनी चित्त चोर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥4॥


फ़ौज मै जाकै भूल ना जाइये अपणी प्रेमकौर नै ।

डर डर कै मर ज्यांगी पिया मै देख कै घटा घोर नै ॥



रणभूमी के मैदान मै

रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ।

हेरी रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ॥


हेरी ध्यान लगा कै सुनती जाइये जंग की बताऊ बात ।

छमा छम गोली बरसै सामण कैसी हो बरसात ।

मोरच्यां मै रहना पडै आठ पहर दिन रात ।

हाय बिच्छु माचर डांच पापी छूटे छूटे खा जय गात ।

दुश्मन आला कीकर छूटै सिर फूटै और टूटै गात ।


गैस का गोला माणस के उप्पर कर दे धम आघात ।

हाय गोलयां की घमासान मै मिलै हड्डी का नाम नहीं ॥1॥


हेरी रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ।


हेरी जान हथेली पै धर कै रणभूमी मै शेर पडै ।

मारो मार कर कै दोनु दल के जवान लडै ।

घोड्या के दुलात्ते चालै छोरया का भी गात छिडै ।

भाई मोटर लारी फटा फट इन्चा गैल बैंक अडै ।

कट कट कट कट शीश पडै धरती पी जणू पात झडै ।


छमा छम गोली बरसै दमा दम बम्ब पडे ।

ये जहाज लडै आसमान मै जडै कुछ बी ध्यान नहीं ॥2॥


हेरी रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ।


हेरी बीरां नै तै होया करदी लड़ाई की खोटी कार ।

चाकू छूरी बरछे भाले खुकरी बेसुम्मार ।

बल्लम और सांग साटे छाती के मा होज्या पार ।

भाई तकवे और गंडासे कुहाड़े जिन्मै छुवा आंगल की धार ।

२२० पाईप तोब का गोला सूखे नै मचा दे गार ।


पिस्तोल्याँ के फायर छुटै हेरै छनक छनक चालै तलवार ।

हथ्यार के चलावानिया बीर का उद्दै असली नाम नहीं श ॥3॥


हेरी रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ।


भाई एक बोम्ब के गोले की तन्ने साड़ी सुनु मै करतूत ।

दरखत पर्वत पहाड़ फोड़ कै सारा बना दे चकनाचूर ।

बहुत घने तै घायल तड्पै बोहताँ का बहे जा खून ।

हेरै लड़ाई मै जावानिया डाट की ज्यूँ जाते भून ।

र्र घर कुनबे नै याद करके धरती के माँ मारे दून ।


डीके पानी पानी कर कै मर जय रोटियाँ की बुझै कौन ।

हाए मेहर सिंह के ध्यान मै सुख सुबह आर शाम नहीं री ॥4॥


रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ।

हेरी रणभूमी के मैदान मै बीरां का काम नहीं ॥


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