सात सहेल्यां रे झूलरे

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सात सहेल्यां रे झूलरे, पणिहारी जीयेलो मिरगानेणी जीयेलो

पाण्यू चाली रे तालाब, बाला जो

काळी रे कळायण उमडी ए*पणिहारी जीयेलो, मिरगानेणी*जीयेलो,

छोटोडी बूंदां रो बरसे मेह, बालाजो।

आज धराऊं धूंधलो ए पणिहारी..........

मोटोडो धारां रो बरसे मेह, बाला जो।

भर नाडा भर नाडयां ए पणिहारी..........

भरियो-भरियो समंद तलाब, बाला जो।


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