सूती थी रंग महल में

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सूती थी रंग महल में, सूती ने आयो रे जंजाळ,

सुपना रे बैरी झूठो क्यों आयो रे।

कुरजां तू म्हारी बैनडी ए, सांभळ म्हारी बात,

ढोला तणे ओळमां भेजूं थारे लार।

कुरजां ए म्हारो भंवर मिला देनी ए।


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