Amritasya Putri Amrita Devi
अमृतस्य पुत्री : अमृतादेवी
मारवाड़ रियासत में सन् 1730 में अभयसिंह शासन कर रहे थे ।उनको महल बनाने के लिए चुना पकाने के लिए लकड़ियों की आवश्यकता थी। उन्होंने रियासत के हाकिम गिरधारी दास भंडारी के नेतृत्व में कार्मिकों को खेजड़ी काट कर लाने के लिए भेजा । खेजड़ली गांव में जैसा कि इसके नाम से ही विदित है खेजड़ियां खूब थी । वह बिश्नोई बहुल गांव था ।जाम्भो जी के अनुयाई बिश्नोई प्रकृति प्रेमी होते हैं तथा प्रकृति की रक्षा के लिए 29 नियमों का पालन करते हैं ।उस जमाने में गिनती 20 तक ही आती थी इसलिए 20+9=29 अर्थात् बिश्नोई कहलाए। रियासत के कार्मिकों ने जब खेजड़ी का पेड़ काटना चाहा तो सर्वप्रथम अमृता देवी बिश्नोई ने इसका विरोध किया परन्तु कार्मिकों के नहीं मानने पर वह खेजड़ी के पेड़ से लिपट गई और कहा 'सिर साटै रूंख रहे तो भी सस्तो जाण' अर्थात् सिर के बदले पेड़ रहता है तो भी सस्ता जानो । पेड़ के साथ अमृतादेवी बिश्नोई बलिदान हो गई । ।अमृतादेवी के बाद उनसे प्रेरित होकर उनकी तीनों लड़कियां आसू,भागू और रत्नी भी पेड़ों के साथ कट गई ।इस पर भी रियासत के कार्मिक नहीं माने । यह खबर जब आसपास के गांव में पहुंची तो बिश्नोई समाज के 83 गांवों के 363(69 महिला ,294 पुरुष )नर- नारी पेड़ों के साथ कटकर शहीद हो गए । विश्व के इतिहास में पेड़ों की रक्षा के लिए बलिदान का ऐसा उदाहरण अन्य देखने को नहीं मिलता ।
- तरु रक्षा बलिदान की, घटना जग विख्यात।
- मृत अमृत 'देवीअमृता ',त्रिशत त्रिसठ मनु साथ ।।
- बिश्नोई प्रेमी प्रकृति ,जीव-जड़ी रक्षान ।
- 'दयाराम 'शत -शत नमन, नरु अरु तरु बलिदान।।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है- वयं अमृतस्य पुत्रा: अर्थात हम सब ईश्वर की संतान है । अमृतादेवी अमृत हैं।
आदरणीय श्री लक्ष्मणसिंह जी बुरड़क सेवानिवृत्त (आईएफएस) जाटलैंड वेबसाइट को संचालित करते हैं। वे सोशल मीडिया के माध्यम से समाज की अच्छी सेवा कर रहे हैं ।उनके द्वारा उपलब्ध करवाए गए 363 शहीदों का गोत्रवार विवरण निम्न अनुसार है ।गोत्र अंग्रेजी से हिंदी में लिखे गए हैं ।अतः लेखन में त्रुटि हो सकती है-
निम्न प्रत्येक गोत्र से एक: ऐचरा, भढ़ाडरा, चोटिया, डिगिपाल, डूडी , गिला, गोयल, जनवार,जेवलिया ,झूरिया, कालीरावणा, खावी, खीचड़ ,कूपासिया, लांबा, माल, रणवां ,सीगड़, टांडी वासु
निम्न प्रत्येक गोत्र से दो: अदीना,भड़ियासा, बोला, जांगू ,मांजू, पूनिया, थालोड़
निम्न प्रत्येक गोत्र से तीन: भनवाला, बुरड़क ,चाहर, धेतरवाल, पोटलिया ,राड़, सियोल
निम्न प्रत्येक गोत्र से चार: भड़िया,धायल, इसराण ,कड़वासरा
निम्न प्रत्येक गोत्र से पांच: बांगड़वा, डूकिया
निम्न प्रत्येक गोत्र से छह: खावा,खिलरी,लोल,नैन,साहू,सिंनवार, ढ़ाका, डारा
निम्न प्रत्येक गोत्र से दस: डूडी,कसवां,खोड,खोखर, पंवार,सिहाग,जाणी,सारण,बाबल,अस्पष्ट,बेनीवाल,भादू, गोदारा
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