Ashva River

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Ashva River (अश्व नदी) is mentioned Mahabharata and by Panini in Ashtadhyayi.

Origin

Variants

Mention by Panini

Ashva (अश्व) is mentioned by Panini in Ashtadhyayi. [1]


Ashva Nadi (अश्व-नदी) is a River mentioned by Panini in Ashtadhyayi. [2]

History

अश्व नदी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...अश्व नदी (AS, p.50) अश्व नामक नदी का उल्लेख महाभारत में चर्मण्वती की सहायक नदी के रूप में है। नवजात शिशु कर्ण को कुंती ने जिस मंजूषा में रखकर अश्व नदी में प्रवाहित कर दिया था वह अश्व से चंबल, यमुना और फिर गंगा में बहती हुईं चंपापुरी (ज़िला भागलपुर-बिहार) जा पहुंची थी- 'मंजूषा त्वश्वनद्या: साययौं चर्मण्वतीं नदीम् चर्मण्वत्याश्च यमुनां ततो गंगां जगाम है। गंगाया: सूतविषयं यम्पामनुययै पुरीम्।'[4]

अश्व नदी का नाम शायद इसके तट पर किए जाने वाले अश्वमेध यज्ञों के कारण हुआ था। अश्वमेधनगर इसी नदी के किनारे बसा हुआ था, इसका उल्लेख महाभारत सभा पर्व 29 में है। यह नदी वर्तमान कालिंदी हो सकती है जो कन्नौज के पास गंगा में मिलती है।

अश्वतीर्थ

विजयेन्द्र कुमार माथुर[5] ने लेख किया है ...अश्वतीर्थ (AS, p.50) प्राचीन भारतवर्ष में कान्यकुब्ज देश में कन्नौज के निकट गंगा-कालिन्दी संगम पर स्थित एक तीर्थ स्थान था। अश्वतीर्थ का वर्णन महाभारत, वन पर्व के तीर्थपर्व के अंतर्गत है- 'तत्रदेवान् पितृन विप्रांस्तर्पयित्वा पुन: पुन:, कन्यातीर्थेऽश्वतीर्थे च गवां तीर्थे च भारत। (वन पर्व महाभारत 95, 3)

यह स्थान कान्यकुब्ज या कन्नौज, उत्तर प्रदेश के निकट गंगा कालिंदी संगम पर स्थित था। कान्यकुब्ज को इस उल्लेख में कन्या तीर्थ कहा गया है। यहाँ गाधि का तपोवन था। स्कंद पुराण नगरखण्ड 165,37 के अनुसार ऋचीक मुनि को वरुण ने एक सहस्र अश्व दिए थे, जिनको लेकर उन्होंने गाधि की पुत्री सत्यवती से विवाह किया था। इसी कारण इसे अश्वतीर्थ कहा जाता था- 'तत: प्रभृति विख्यातमश्वतीर्थं धरातले, गंगातीरे शुभे पुण्ये कान्यकुब्जसमीपगम्'।

महाभारत, अनुशासन पर्व अनुशासन पर्व, 4,17 में भी इसी कथा के प्रसंग में यह उल्लेख है- 'अदूरे कान्यकुब्जस्य गंगायास्तीरमुत्तमम्, अश्वतीर्थं तदद्यापि मानवै: परिक्ष्यते'।

बाद में कान्यकुब्ज का ही एक नाम 'अश्वतीर्थ' पड़ गया था। वास्तव में यह दोनों स्थान सन्निकट रहे होंगे।

External links

References

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