Bhairi

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Bhairi (भैरी) Bhainri (भैंरी) Bhairee is Gotra of Jats found in Rajasthan and Madhya Pradesh.

History

रणमल सिंह[1] लिखते हैं कि दिसंबर 1945 को मोल्यासी गाँव में चौधरी दूदाराम नेहरा की ढाणी में प्रजा मण्डल की ओर से किसानों की मीटिंग रखी। इस मीटिंग को नहीं करने की जागीरदारों ने धमकी दी। मैं मोल्यासी पैदल ही जा रहा था। रास्ते में मैंने तासर बड़ी में गुमाना राम मंडीवाल के घर गुड मिला दूध पिया, खाना खाया, क्योंकि मेरे जुकाम हो रखी थी। यहाँ से पैदल मोल्यासी चला और वहाँ सरदाराजी भैरी की ढाणी में पहुंचा। चौधरी ने कहा कि हमारी जमीन मंदिर की है जिसे छुड़वा रहे हैं, अब कोई उपाय नहीं है, अतः गाँव छोडकर बीकानेर वाली में चले जाएंगे। उनका 13 वर्ष का बेटा था, तुलछा राम, उसने कहा, मर भले ही जाएँ परंतु जमीन व गाँव नहीं छोड़ेंगे। मुझे विश्वास हो गया था कि अब देश आजाद होकर रहेगा, क्योंकि नई पीढ़ी में हिम्मत और आत्मबल है। चाँदनी रात में एक तख्ते का मंच बनाकर मीटिंग शुरू की। मीटिंग में लगभग 150 किसान थे। मीटिंग के दौरान जागीरदारों के हथियार लैस 500 हमलावरों ने आक्रमण किया। सभामंच पर भाषण करने के दौरान मेरे ऊपर आक्रमण हुआ, इसमें मेरी नाक क्षतिग्रस्त हो गई एवं सिर में व हाथों पर धारदार हथियारों की चोटें आई। मैं गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान कन्हैयालाल जी, कुमार नारायण जी एवं लेखराम कसवाली भी मीटिंग में थे, इनपर भी आक्रमण हुआ। मुझे घायल अवस्था में सीकर के अस्पताल में लाये। मैं अस्पताल में जिस बेड पर था उसके पास वाले बेड पर मोल्यासी गाँव के ठाकुर दुरजनसिंह भी घायल होकर लेते थे। उनके गले में जनेऊ देखकर मैंने पूछा, महाराज (ब्राह्मण को सम्बोधन) आप यहाँ कैसे? तो उन्होने कहा कि मैं महाराज नहीं, मोल्यासी गाँव का ठाकुर दुरजनसाल सिंह हूँ। क्या विचित्र स्थिति थी, रात को मोल्यासी गाँव में हम आपस में संघर्षरत रहे और सुबह दोनों घायल होकर अस्पताल में बराबर चारपाई पर एक जगह लेटे इलाज करवा रहे थे।

Distribution in Rajasthan

Villages in Sikar district

Mailasi (15), Molyasi, Sihot Chhoti,

Villages in Churu district

Sujangarh (1), Ransisar Churu (2),

Distribution in Madhya Pradesh

Villages in Ratlam district

Villages in Ratlam with population of this gotra are:

Dhaturiya (1),

Notable persons

External links

Reference

  1. रणमल सिंह के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक - 'शताब्दी पुरुष - रणबंका रणमल सिंह' द्वितीय संस्करण 2015, ISBN 978-81-89681-74-0, पृष्ठ 57, 122

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