Bhinw Raj Ranwan

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Bhinw Raj Ranwan

Bhinw Raj Ranwan (भींवराज रणवां) (1.9.1960-16.11.1999) became martyr on 16.11.1999 fighting with militants in Assam. He was from village Meghsar, Churu, Rajasthan. He was awarded Shaurya Chakra (posthumous) for his act of bravery. Unit: 1872 Light Regiment.

हवलदार भींवराज रणवां

हवलदार भींवराज रणवां

नं - 14344615A

01-09-1960 - 16-11-1999

शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

वीरांगना - श्रीमती भंवरी देवी

यूनिट - 1872 लाइट रेजिमेंट

रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी

आतंकवाद विरोधी अभियान

हवलदार भींवराज का जन्म 1 सितंबर 1960 को राजस्थान के चूरू जिले के मेघसर गांव में श्री मूलाराम रणवां के घर में एकमात्र संतान के रूप में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात 19 जनवरी 1980 को वह भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।

प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 1872 लाइट रेजिमेंट में गनर के पद पर नियुक्त किया गया था। अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए और क्रमशः पदोन्नत होते हुए वह हवलदार के पद पर पदोन्नत हो गए थे।

वर्ष 1999 में वह अपनी रेजिमेंट के साथ असम में ऑपरेशन राइनो में तैनात थे। 16 नवंबर 1999 को उल्फा उग्रवादियों के साथ हुई, भयानक मुठभेड़ में असाधारण साहस, दृढ़ निश्चय एवं वीरता से युद्ध करते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुए थे। उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र सम्मान दिया गया था।

राजस्थान सरकार द्वारा उनके सम्मान में गांव के राजकीय विद्यालय का नामकरण शहीद भींवराज रणवां सेकेंडरी स्कूल किया है। इनके पुत्रों द्वारा स्मृति में गाँव के बाहर चूरू की ओर जाने वाली सड़क के किनारे स्मारक निर्माण करवा कर प्रतिमा स्थापित करवाई गई है।

भींवराज रणवां का जीवन परिचय

मेघसर गाँव के स्व. मूलाराम रणवां के इकलौते बेटे भींवराज रणवां (जन्मतिथि 1.9.1960) भारतीय सेना में 19 जनवरी 1980 को भर्ती हुए। 1872 लाइट रेजिमेंट आर्टिलरी में तैनात यह बहादुर सैनिक 16 नवंबर 1999 को असम में उल्फा उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गया। इनके शौर्य व पराक्रम का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति ने इन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। राजस्थान सरकार ने उनकी शहादत का सम्मान प्रकट करते हुए गांव की स्कूल का नामकरण शहीद भींवराज रणवां सेकेंडरी स्कूल किया है। वर्तमान में इस स्कूल का भवन गांव के पक्के जोहड़े के पास स्थित है। शहीद की स्मृति में गाँव के बाहर से चूरू की ओर जाने वाली सड़क के किनारे प्रतिमा स्थापित कर स्मृति-स्थल का निर्माण उनके सुपुत्रों सत्यपाल व विजयपाल रणवां द्वारा करवाया गया है।

शहीद को सम्मान

भींवराज रणवां के शौर्य व पराक्रम का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति ने इन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। राजस्थान सरकार ने उनकी शहादत का सम्मान प्रकट करते हुए गांव की स्कूल का नामकरण शहीद भींवराज रणवां सेकेंडरी स्कूल किया है। वर्तमान में इस स्कूल का भवन गांव के पक्के जोहड़े के पास स्थित है। शहीद की स्मृति में गाँव के बाहर से चूरू की ओर जाने वाली सड़क के किनारे प्रतिमा स्थापित कर स्मृति-स्थल का निर्माण उनके सुपुत्रों सत्यपाल व विजयपाल रणवां द्वारा करवाया गया है।

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


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