Braj Kesari Raja Hathi Singh/Lekhak Kathan
This chapter was converted into Unicode by मानवेन्द्र सिंह |
लेखक कथन |
राजा हठी भारतीय संस्कृति वो रक्षक है|जिन्होंने ब्रज के खोये हुए वैभव को पुनः स्थापित किया था।लेकिन लंबे समय तक देश में राष्ट्र विरोधी विदेशी ताकतों का शासन रहने के कारण इन जैसे अनेको मातृभूमि के सपूतो को लेखकों ने अपनी कलमा से सम्मान नही दिया है।जनमानस के मन में आज भी ऐसे वीरो की देवतुल्य छवि ह्रदय में समाई हुई है।ऐसे वीरो को नमन करते हुए मैं लेखन कार्य प्रारंभ करता हूँ।
ब्रज केसरी राजा हठी सिंह, पृष्ठान्त-4
सर्वप्रथम में कुलदेव परशुराम जी का वंदन करते हुए मैं अपना कथन प्रारंभ करता हूँ। राजा हठी सिंह के बारे में मैं ने अपने पूर्वजो से सुना था।हमारे पूर्वज राजा हठी सिंह के पूर्वजो के समय से कुलगुरु है।राजा हठी सिंह ने मुगलो का सफल प्रतिरोध करते हुए सनातन संस्कृति का पालन पोषण किया था।जिस तरह राजा हठी सिंह के पूर्वज महावीर अर्जुन ने महाभारत के युद्ध मे दृष्टो का संहार करके युगों युगों तक शांति का राज्य कायम किया था। उसी तरह ब्रज से मुगल रूपी दानवों का संहार राजा हठी सिंह ने किया था।ऐसे वीर राष्ट्र नायक के ऊपर लिखने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ है।
ब्रज केसरी राजा हठी सिंह, पृष्ठान्त-5