Buli

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Buli (बुलि)[1][2] is a Gotra of the Jats.

Origin

History

पावा ग्राम में चुन्द राम के लुहार के यहां का भोजन करने के पश्चात् अभक्ष्य पदार्थ ने बुद्ध भगवान के पेट में पीड़ा पैदा कर दी। उसी बीमारी में उन्होंने अपने प्रधान शिष्य आनन्द को भावी प्रोग्राम बताकर स्वर्ग प्रस्थान किया। कहा जाता है कि उनका निर्वाण ईसा से 478 वर्ष पूर्व हुआ था। अग्नि संस्कार के बाद उनके अस्थि समूह के आठ भाग करके मल्ल, मगध, लिच्छिवी, शाक्य, बुली, कोली, मौर्य, वेथद्वीप के ब्राह्ममण आदि आठ जातियों में बांट दिये। उन लोगों ने उन अस्थियों पर स्तूप बनवा दिये।[3]

Distribution

Notable persons

External links

References


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