Dheerasar

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Dheerasar (धीरासर) (Dhirasar) is a small village in Jhunjhunu tahsil & district in Rajasthan.

Founders

Manda Jats

Jat Gotras

Population

The Dheerasar village has the total population of 888, of which 446 are males while 442 are females (as per Population Census 2011).[1]

History

मण्डा गोत्र का इतिहास और धीरासर

मारवाड़ में राठोड़ों के आगमन के समय जोधपुर के उत्तर में बसे वर्तमान मण्डोर ग्राम व मण्डोर गारडन के पास मण्डा गोत्र के जाटों का दुर्ग था और मारवाड़ के बड़े भू-भाग पर मण्डा जाटों का गणराज्य था। इतिहासकारों की मान्यता है कि रावण के श्वसुर राजा मन्द से ही मण्डा गोत्र का विकास हुआ है। राजा मन्द की पुत्री मन्दोदरी रावण की चरित्रवान पत्नी थी। मण्डा गोत्र के जाट किसी समय सिंध-बलोच प्रदेश में शक्तिशाली शासक रहे और पश्चिमी एशिया और यूरोप तक उपनिवेश बसाये। ऐसी भी मान्यता है कि ब्रिटेन का जार्ज वंश मण्डा से सम्बंधित है। मारवाड़ में राठोड सर्वप्रथम पाली में पालीवालों के शरणागत के रूप में आये थे तथा जार-जार हो चुके मण्डोर के मण्डा जाटों पर आक्रमण करके उनको वहां से बेदखल कर दिया। मण्डा वासणी, चुण्डासरिया, धीरासर, मान्डेता आदि गाँव उस समय मण्डा गोत्र के जाटों ने आबाद किये थे। सुजानगढ़ के पास मान्डेता नामक गाँव है जिसकी थेह में एक खेजड़े का पेड़ था। इस पेड़ से मण्डा गोत्र के जाटों का हाथी बंधता था। इस कारण यह पेड़ हाथी वाला खेजड़ा कहलाता था जिसका व्यास पांच हाथ मोटाई का था और पंद्रह हाथ अर्थात 25 फुट लम्बी रस्सी की लपेट की मोटाई उस खेजड़े के पेड़ की थी।[2]

Notable persons

  • रामू राम धीरासर - 15 जून 1946 को झुंझुनू में किसान कार्यकर्ताओं की एक बैठक चौधरी घासी राम ने बुलाई. शेखावाटी के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया. अध्यक्षता विद्याधर कुलहरी ने की. इसमें यह उभर कर आया कि भविष्य में समाजवादी विचारधारा को अपनाया जाये. जिन व्यक्तियों ने किसान सभा का अनुमोदन किया उनमें आप भी सम्मिलित थे. (राजेन्द्र कसवा, p. 201-03).
  • Col. Bhagirath Singh Sigar - 126, Officers Campus Extn, Sirsi Road, Jaipur, Ph:0141-2350120, Mob:09413285089

External links

References

  1. http://www.census2011.co.in/data/village/70874-dheerasar-rajasthan.html
  2. भीमसिंह आर्य:जुल्म की कहानी किसान की जबानी (2006), मरुधर प्रकाशन, सुजानगढ़ (चूरू),p.206-207

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