Drumakulya

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Drumakulya (द्रुमकुल्य) was name of a lake belonging to the Lord of the waters mentioned in Ramayana. Abhiras and other forest tribes lived there and polluted it. Rama destroyed them with his Brahmastra and purified Drumakulya whose waters were sweet and pure again.[1]

Origin

Variants

History

द्रुमकुल्य

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...द्रुमकुल्य (AS, p.455) भारत और लंका के बीच के समुद्र के उत्तर की ओर स्थित एक देश था। रामायण काल में यहाँ आभीरों का निवास था। समुद्र की प्रार्थना पर श्रीराम ने अपने चढ़ाए हुए बाण को, जिससे वह समुद्र को दंडित करना चाहते थे, द्रुमकुल्य की ओर फेंक दिया था। जिस स्थान पर वह बाण गिरा था, वहाँ समुद्र सूख गया और मरुस्थल बन गया, किन्तु यह स्थान राम के वरदान से पुन: हरा-भरा हो गया- 'उत्तरेणावकाशोऽस्ति कश्चित् पुण्यतरो मम, द्रुमकुल्य इतिख्याता लोके ख्यातो यथा भवान्। उग्रदर्शनकर्माणाो बहवस्तत्र दस्यव:, आभीरप्रमुखा: पापा: पिबन्ति सलिलं मम। तैर्न तत्स्पर्शनं पापं सहेय पाकर्मिभि:, अमोघ: क्रियता राम अयं तत्र शरोत्तम:। तेन तन्मरुकान्तारं पृथिव्या किल विश्रुतम्, निपातित: शरो यत्र बज्राशिनसमप्रभ:। विख्यात त्रिषु लोकेषु मरुकान्तारमेवच, शोषयित्वात् तं कुक्षिं रामो दशरथात्मज:। वरं तस्मै [p.456]:ददौविद्वान् मखेऽमरविक्रम:, पशव्यश्चाल्परोगश्च फलमूलरसायुत:, बहुस्नेहो बहुक्षीर: सुगंधिर्विविधौषधि:' वाल्मीकि रामायण, युद्ध काण्ड 22, 29-30-31-33-37-38. अध्यात्म रामायण, युद्ध काण्ड 3, 81 में भी द्रुमकुल्य का उल्लेख है- 'रामोत्तरप्रदेशे तु द्रुमकुल्य इति श्रुत:'।

External links

References