Gandharvadesha

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Gandharvadesha (गंधर्वदेश) was a country mentioned in Ramayana, defeated by Bharata, the brother of Rama. In Mahabharata period Arjuna defeated King Chitraratha of Gandharvas.

Origin

Variants

History

गंधर्वदेश

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...

1. गंधर्वदेश (AS, p.267): वाल्मीकि ने रामायण [उत्तर- 101,11] में गंधर्वदेश की स्थिति गांधार विषय के अंतर्गत बताई गई है और इसे सिंधुदेश का पर्याय माना गया है. गंधर्वदेश पर अयोध्यापति रामचंद्र जी के भाई भरत ने अपने मामा केकय-नरेश युधाजित् के कहने से चढाई करके गंधर्वों को हराया और इसके पूर्वी तथा पश्चिमी भाग में तक्षशिला और पुष्कलावत या पुष्कलावती नामक नगरियों को बसाकर वहाँ का राजा क्रमश: अपने पुत्र तक्ष और पुष्कल को बनाया. 'तक्षंतक्षशिलायां तु पुष्कल पुष्कलावते, गंधर्वदेशे रुचिरे गांधारविषये य च स:' उत्तर.101,11

रघुवंश 15,87-88 में भी गंधर्वों के देश को सिंधुदेश कहा है-- 'युधाजितश्च संदेशात्सदेशं सिंधुनामकस्, ददौ दत्तप्रभावाय भरताय भृतप्रज:। भरतस्तत्र गंधर्वान्युधि निर्जित्य केवलम् आतोद्यं ग्राहयामास समत्याजयदायुधम्'.

वाल्मीकि रामायण 101, 16 में वर्णित है कि 5 वर्षों तक [p.268]: वहां ठहरकर भरत ने गंधर्वदेश की इन नगरियों को अच्छी तरह बसाया और फिर वे अयोध्या लौट आए. इन दोनों नगरियों की समृद्धि और शोभा का वर्णन उत्तर 101, 12-15 में किया गया है--'धनरत्नौध संकीर्णे काननैरूपशोभिते, अन्योन्य संघर्ष कृते स्पर्धया गुणविस्तरै:, उभे सुरुचिरप्रख्ये व्यवहारैरकिल्बिषै:, उद्यानयान संपूर्णेसुविभक्तरापणे, उभेपुरवरेरम्ये विस्तारैरूपशोभिते, गृहमुख्यै: सुरुचिरै विमानैर्बहु शोभिते'.

तक्षशिला वर्तमान तकसिला (जिला रावलपिंडी, पाकिस्तान) और पुष्कलावती वर्तमान चरसड्डा (जिला पेशावर, पाकिस्तान) है. रामायण काल में गंधर्वों के यहाँ रहने के कारण ही यह गंधर्वदेश कहलाया. गंधर्वों के उत्पात के कारण पड़ोसी देश केकय के राजा ने श्री रामचंद्र जी की सहायता से उनके देश को जीत लिया था. जान पड़ता है पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में बचे हुए लड़ाकू कबीले रामायण के गंधर्वों के ही वंशज हैं.

2. गंधर्वदेश (AS, p.268): महाभारत काल में मानसरोवर या कैलास पर्वत का प्रदेश तिब्बत भी जिसे हाटक कहा गया है, गंधर्वदेश के नाम से प्रसिद्ध था. सभा पर्व 28,5 में अर्जुन की दिग्विजय के संदर्भ में गंधर्वों का उनके द्वारा पराजित होना वर्णित है-- सरॊ मानसम आसाद्य हाटकान अभितः प्रभुः, गन्धर्वरक्षितं देशमजयत पाण्डवस्ततः' प्राचीन संस्कृत साहित्य में गंधर्वों का विमानों द्वारा यात्रा करते हुए वर्णन है. गंधर्वों की जल-क्रीड़ा के वर्णन भी अनेक स्थलों पर हैं. चित्ररथ गंधर्व को अर्जुन ने हराकर उसके द्वारा कैद किए दुर्योधन को छुड़ाया था. गंधर्व देश के नीचे, किंपुरुष या किन्नर देश -- संभवत:वर्तमान हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा के निकटवर्ती इलाके की स्थिति थी.

In Mahabharata

Gandharvadesha (गंधर्वदेश) Mahabharata (II.25.5)

Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 25 mentions the countries Arjuna subjugated in the North, Arjuna arrives to conquer Harivarsha. Gandharvadesha (गंधर्वदेश) is mentioned in Mahabharata (II.25.5).[2]...Pandavas endued with great energy, crossing the White mountains, subjugated the country of the Kimpurushas ruled by Darunaputra, after a collision involving a great slaughter of Kshatriyas, and brought the region under his complete sway. Having reduced that country, the son of Indra (Arjuna) with a collected mind marched at the head of his troops to the country called Hataka, ruled by the Guhyakas. Subjugating them by a policy of conciliation, the Kuru prince beheld (in that region) that excellent of lakes called Manasa and various other lakes and tanks sacred to the Rishis. And the exalted prince having arrived at the lake Manasa conquered the regions ruled by the Gandharvas that lay around the Hataka territories.

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.267-268
  2. सरॊ मानसम आसाद्य हाटकान अभितः प्रभुः, गन्धर्वरक्षितं देशं वयजयत पाण्डवस ततः (II.25.5)