Gunsara

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Veer Pakharia Smarak Gunsara

Gunsara (गुनसारा) is a village in tehsil Kumher of Bharatpur district in Rajasthan.

Jat Gotras

Location

Villages around Kumher

गुनसारा राजस्थान उत्तर प्रदेश सीमा पर बसा हुआ है। यहां मथुरा और भरतपुर की सीमाएं मिलती है। श्री गिरिराज धाम गोवर्धन यहाँ से 15 किमी दूर उत्तर-पूर्व दिशा में है।

History

इतिहास

गुनसारा गांव को महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय के पोत्र चौ. ज्ञानपालसिंह कुन्तल ने बसाया था। इनके वंशज चौ गेंदासिंह जी के नेतृत्व में जाटों ने 1304 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के दांत खट्टे कर दिये थे। जिस लाल किले के फाटक को महाराज जवाहर सिंह उखाड के लाये थे। उसकी कहानी भी इसी गांव से जुडी हुई है। जब भरतपुर रियायत की सेना में फाटक नही टूटने पर निराशा फैल गई तो गुनसारा के चौ. पुष्कर सिंह पाखरिया आगे आये। उन्होंने अपना शरीर लोहे की सलाखों से सटा दिया। जाट सेना ने फाटक टूटते ही मुगलों में हाहाकार मचा दिया। विजय के बाद चित्तौड़ के किबाड जो दिल्ली के लाल किले में लगे थे। उनको उखाड कर भरतपुर ले आये। जो आज भी भरतपुर की शोभा बढा रहे हैं। (स्रोत: हरवीरसिंह गुनसारा, 94133 00312)

सम्राट अनंगपाल द्वितीय की वंशावली

सम्राट अनंगपाल द्वितीय (1051ई.-1081 ई.): अनंगपाल द्वितीय ने 1051 ई.-1081 ई. तक 29 साल 6 मास 18 दिन तक राज्य किया। इनका वास्तविक नाम अनेकपाल था। इनकी मुद्राएँ तोमर देश कहलाने वाले बाघपत जिले में जोहड़ी ग्राम से प्राप्त हुई। लेख के अनुसार "सम्वत दिहालि 1109 अनंगपाल बहि "

इसका अर्थ है कि अनंगपाल ने सन 1052 ईस्वी में दिल्ली बसाई। पार्श्वनाथ चरित के अनुसार भी 1070 ईस्वी में दिल्ली पर अंनगपाल था। इंद्रप्रस्थ प्रबंध के अनुसार भी इस बात की पुष्टि होती है। महाराजा अनंगपाल तोमर की रानी हरको देवी के दो पुत्र हुए। बड़े सोहनपाल देव बड़े पुत्र आजीवन ब्रह्मचारी रहे। और छोटे जुरारदेव तोमर हुए जुरारादेव को सोनोठ गढ़ में गद्दी पर बैठे जुरारदेव तोमर के आठ पूत्र हुए -

1. सोनपाल देव तोमर - इन्होंने सोनोठ पर राज्य किया

2. मेघसिंह तोमर - इन्होंने मगोर्रा गाँव बसाया

3. फोन्दा सिंह तोमर ने फोंडर गाँव बसाया

4. गन्नेशा (ज्ञानपाल) तोमर ने गुनसारा गाँव बसाया

5. अजयपाल तोमर ने अजान गाँव बसाया

6. सुखराम तोमर ने सोंख

7. चेतराम तोमर ने चेतोखेरा गाँव

8. बत्छराज ने बछगांव बसाया

इन आठ गाँव को खेड़ा बोलते हैं। इन आठ खेड़ों की पंचायत वर्ष अनंगपाल की पुण्यतिथि (प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ला-पूर्णमासी ) पर कुल देवी माँ मनसा देवी के मंदिर अनंगपाल की समाधी और किले के निकट हज़ार वर्षो से होती आ रही है। इस का उद्देश्य पूरे वर्ष के सुख दुःख की बाते करना, अपनी कुल देवी पर मुंडन करवाना, साथ ही आपसी सहयोग से रणनीति बनाना था। वर्तमान में यह अपने उद्देश्य से दूर होता दिख रहा है। मंशा देवी के मंदिर पर प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ला-पूर्णमासी को एक विशाल मेला लगता है जिसमे सिर्फ तोमर वंशी कुन्तल जाते हैं। दिल्ली के राजा अनंगपाल ने मथुरा के गोपालपुर गाँव में संवंत 1074 में मन्सा देवी के मंदिर की स्थापना की। यह गाँव गोपालदेव तोमर ने बसाया। अनंगपाल तोमर/तँवर ने गोपालपुर के पास 1074 संवत में सोनोठ में सोनोठगढ़ का निर्माण करवाया। जिसको आज भी देखा जा सकता है। इन्होंने |सोनोठ में एक खूँटा गाड़ा और पुरे भारतवर्ष के राजाओं को चुनोती दी की कोई भी राजा उनके गाड़े गए इस स्तम्भ (खुटे) को हिला दे या दिल्ली राज्य में प्रवेश करके दिखा दे। किसी की हिम्मत नहीं हुई। इसलिए जुरारदेव तोमर के वंशज खुटेला कहलाये।

इनकी अन्य मुद्राओं पर श्री अंनगपाल लिखा गया है। इन्होने हरियाणा भाषा में भी नाम अणगपाल नाम सिक्कों पर अंकित करवाया है। इनके कुछ सिक्कों पर कुलदेवी माँ |मनसा देवी का चित्र भी अंकित है। ब्रज क्षेत्र और कृष्ण से प्रेम के कारन इन्होने कुछ सिक्को पर श्री माधव भी अंकित करवाया।

Ref - सम्राट अनंगपाल द्वितीय (1051ई.-1081 ई.) फेसबुक पर

Population

The Gunsara village has population of 5546 of which 2974 are males while 2572 are females as per Population Census 2011.[2]

Notable persons

External links

References

  1. Jat Samaj, Agra, March 2008
  2. www.census2011.co.in/data/subdistrict/510-kumher-bharatpur-rajasthan.html
  3. Pandav Gatha, page 262
  4. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.26-27



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