Hajari Mal Saharan

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Hajari Mal Saharan

Hajari Mal Saharan (Born:08.02.1934-25.2.2000) (हजारीमल सहारण) is a social worker from Khejara village in Sardarshahar tahsil of Churu district in Rajasthan. He was elected Sarpanch in 1957, Pradhan of Sarsarshahar Panchayatsamiti 1959-1965, 1965-1977. He was in jail for 19 months during emergency period.

जीवन परिचय

हजारीमल सहारण नाम है एक कर्मठ, लगनशील, ईमानदार धरतीपुत्र, असाधारण व्यक्तित्व का....1934 में चूरू जिले की सरदारशहर तहसील के खेजड़ा गांव के एक सामान्य किसान परिवार में हजारीमल जी का जन्म हुआ। जिस वक्त क्षेत्र में शिक्षण व्यवस्था अपने शैशवावस्था में थी, उस वक्त गांधी विद्या मंदिर, सरदारशहर में कक्षा 10 में एक किसान परिवार के बालक का प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना किसी अजूबे से कम नही था।

अपने मधुर व्यवहार, जनसमस्याओं के समाधान का कार्य औऱ आंदोलनकारी स्वभाव के चलते ग्रामीणों ने युवावस्था में ही 1957 में प्रथम बार सरपंच चुन लिया। आपके व्यक्तित्वकौशल एवं जनसहभागिता के कार्यों के चलते देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने भी आपको 1959 में पंचायती राज के उद्धाटन में नागौर में आयोजित समारोह में सम्मानित किया।

1959 में पंचायती राज की व्यवस्थित स्थापना के बाद श्री हजारीमल जी सहारण सरदारशहर पंचायत समिति के प्रधान चुन लिए गए। 1959 से 1965 तक प्रधान के दो कार्यकाल पूरे करने के बाद 1965 में तीसरी बार प्रधान चुने गए जिसके कार्यकाल का विस्तार 1977 तक रहा। प्रधान पद पर रहते हुए 1975 में देश मे आपातकाल लागू कर दिया गया। हजारीमल जी अपने स्वभाव के अनुरूप लोकतंत्र की हत्या होते नही देख सके और तानाशाही के विरुद्ध छिड़ी जंग की अगुवाई करते हुए यातनाएं झेली और 19 महीने तक जेल में रहे।

जेल से बाहर आने के बाद जून 1977 में श्री हजारीमल जी विधायक चुन लिए गए। उस वक्त राजनैतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे थे और उन्हीं बदलावों के तहत तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भैरों सिंह जी शेखावत नई राजनैतिक बिसात बिछाने में लगे हुए थे। श्री भैंरों सिंह जी ने दौलतराम जी सहारण को मंत्री बनाने का विचार किया। श्री दौलतराम जी ने अपने साथ डॉ हरिसिंह एवं गोपाल सिंह खंडेला को भी साथ मे मंत्री बनाने की शर्त रखी। भैरोंसिंह जी ने इस शर्त को दरकिनार करते हुए श्री हजारीमल जी को मंत्री बनाने का कहा, पर हजारीमल जी ने स्पष्ठ इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा संभव नही है। मंत्रिपद की बात होते ही खुद के मन मे विचलन ना आ जाये, इसलिए उसी रात सरदारशहर आ गए। हजारीमल जी सहारण के इस राजनैतिक प्रतिबध्दता और साहस की पूरे राजस्थान में चर्चा हुई।

खुद के कपड़े खुद धोना, और बिना प्रेस के खादी के कपड़े पहनना तथा केवल दो जोड़ी धोती कुर्ते पास रखना इनकी पहचान थी। स्वावलंबन, मितव्ययिता एवं परिश्रम आज भी श्री हजारीमल जी की जीवनशैली के अभिन्न अंग बन हुए हैं।

अब तक हजारीमल जी चूरू जिले की राजनीति की दिशा तय करने वाले सिरमौर बन चुके थे। 1988 में जब आप प्रधान बनने के लिए फिर से राजनीति के मैदान में उतरे तो स्थितियां एकदम विपरीत थी। राजनीति के धुरंधर चंदनमल जी बैद, दौलतराम जी सहारण, भंवरलाल जी शर्मा, और बहादुर सिंह जी शेखावत अपने साथी उम्मेद सिंह जी शिमला को प्रधान बनाने के लिये दिन रात एक किये हुए थे। इधर हजारीमल जी सहारण के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता और हजारीमल जी के अभिन्न मित्र भीमनाथ जी सिद्ध भी जुटे हुए थे। हजारीमल जी सहारन की लोकप्रियता ही थी की उस वक्त सभी बडे नेताओं की इच्छा के विपरीत 6 वोट से चुनाव जीत कर प्रधान निर्वाचित हुए।

नाम और फ़ोटो मशहूर करने की इच्छा से दूर रहकर केवल जनसमस्याओं के समाधान में व्यस्त रहने वाले हजारीमल जी ने ईमानदार राजनीति में कई आयाम स्थापित किये।

ये एक संयोग ही था कि 2005 में श्री हजारीमल जी चूरू के जिलाप्रमुख के सशक्त एवं निश्चित दावेदार थे परंतु जिलापरिषद सदस्य के चुनाव में बदकिस्मती से हार गए। उसके बाद 2010 पंचायत चुनाव में भी प्रधान के निश्चित दावेदार थे परंतु इस बार भी पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में हार गए।

आज 85 वर्ष की उम्र में यद्यपि हजारीमल जी का स्वास्थ्य अनुकूल नही है, यहां तक कि पुरानी बातें भी याद दिलाने पर मुश्किल से याद आ पाती हैं, उसके बावजूद हजारीमल जी द्वारा स्थापित आयाम आज भी युवाओं के प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। जीवन के उच्च मूल्य, राजनैतिक शुचिता के अनुसरण एवं सादगी के साथ उच्च विचारों के धनी श्री हजारीमल जी सहारण की उपलब्धियों को सलाम, एवं स्वस्थ होने की कामनाओं सहित.....

स्वर्गवास

किसान केशरी, निर्भिक व्यक्तित्व श्री हजारीमल जी सारण, पूर्व विधायक, सरदारशहर, का निधन 25.2.2000 को हो गया जो क्षेत्र की जनता के लिए अपूरणीय क्षति है। आप सन् 1977 -80 में सरदारशहर के विधायक , 21 वर्ष प्रधान , पंचायत समिति, सरदारशहर एवं सन् 1995 - 2000 उप प्रमुख ,जिला परिषद ,चूरु और अनेक संगठनों के पदों पर सुशोभित रहे हैं।

चित्र गैलरी

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ



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