Hardeen Ram Goliya

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श्री हरदीन राम गोलिया


आप है नागौर जिले के गोवा खुर्द गांव के श्री हरदीनराम जी गोलीया । बेहद ही जानदार इंसान । इनके महान कर्म इतने कि शायद पढकर कईयोँ की नजरेँ झुक जाये ।

आपके पिता का नाम श्री भंवराराम जी गोलिया व माताजी का नाम श्रीमति माडीदेवी है । आप तीन भाई व एक बहिन है । आप सबसे बड़े हैँ । आपकी उम्र है 65 वर्ष ।

छोटे मगर असाधारण कार्य

अब एक नजर इनके छोटे मगर असाधारण कार्यों पर-

  1. आपने कुछ साल पहले अपने गांव स्थित बाबा रामदेव मंदिर की दशा बदलने का निश्चय किया । मंदिर परिसर मेँ दूब के साथ 60-70 पौधे लगाये । मंदिर से आधा किलोमीटर दूर नाडी (तालाब) से सुबह शाम सैँकड़ोँ घड़े सर पर लाके पेड़ पौधोँ को संवारा । आजकल रोजाना के चार टैँकर पानी लोन मेँ डलवाते हैँ । जिनका खर्च खुद अपनी जेब से उठाते हैँ । आज मँदिर मेँ स्थित बगीचे मेँ संध्या के समय सैँकड़ोँ जीव बैठकर विश्राम करते हैँ ।
  2. गाँव मेँ स्थित छोटी सी नाडी की जैठ माह मेँ साफ करने का कार्य श्री गोलिया जी अकेले करते है, ताकी सावण भादो मेँ जमा होने वाला पानी साफ रहे ।
  3. तीसरा सबसे प्रमुख कार्य किया है; नागौर शहर के गांधी चौक मेँ महिला शौचालय बनवाने हेतु उनका संघर्ष । पिछले पाँच सालोँ मेँ मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय नेताओँ व अधिकारियोँ को हजारोँ ज्ञापन दिये मगर किसी भी सफेदपोश व पढे लिखोँ ने इसमेँ रूचि नहीँ दिखायी । मगर सरदार भगतसिँह को अपना आदर्श मानने वाले श्री गोलिया जी ने हारना सीखा ही नहीँ है । अंत मेँ नागौर कलक्टर ने उनसे माफी मांगी व दूसरे दिन ही निर्माण कार्य शुरु हो गया । आप हर दूसरे दिन नागौर जा कर निर्माण कार्य देखते हैँ तथा पूरे दिन वहां बैठकर अवलोकन करते हैं ।

श्री गोलीयाजी बताते हैँ कि उनमेँ परसेवा का यह जज्बा शहीद भगतसिँह जी की जीवनी पढ़ने के पश्चात पैदा हुआ । जिस प्रकार भगतसिँह जी का जीवन पूरी तरह समाज व देश को समर्पित था उसी तरह मैँने भी अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया है । जहाँ एक तरफ आज का युवा भगतसिँह जी का नाम तक लेना पसंद नहीँ करता वहीँ इन बुजुर्गोँ की जिँदादिली देखकर मन हर्षित हो जाता है । हमारी कौम के इन महान समाजसेवी को हम बारम्बार नमन करते हैँ । तेजाबाबा इन्हेँ शतायु बनायेँ ।

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लेखक

References

  • 'Jat Privesh', July 2015,p. 19

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