Hemraj Jat (Nitharwal)

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Hemraj Jat (Nitharwal)

Hemraj Jat (Nitharwal) (5.7.1996-1.9.2019) was from village Bhadoon of Roopangarh Tehsil in Ajmer district, Rajasthan. He became martyr on 1.9.2019 during the unprovoked ceasefire violation by Pakistan in Poonch sector of Jammu and Kashmir.

The Incidence

The Indian Army on Monday paid tributes to Late Grenadier Hemraj Jat who died on the Line of Control (LoC) in Pooch Sector on Sunday. In a solemn ceremony at BB Cantt, Lt Gen KJS Dhillon, Chinar Corps Commander, and all ranks paid homage to the martyr on behalf of the nation.

In a show of solidarity, representatives from other security agencies also joined in to pay last respects to the martyr.

Late Grenadier Hemraj Jat, who was manning a forward post in the line of duty, sustained bullet injuries during the unprovoked ceasefire violation by Pakistan in Poonch sector.

The soldier was provided immediate first aid and evacuated to 92 Base Hospital at Badami Bagh Cantonment in Srinagar but unfortunately succumbed to his injuries.

The martyr was 23 years old and had joined the Army in 2017. He belonged to village Bhadoon of Roopangarh Tehsil in Ajmer district, Rajasthan and is survived by his parents.

The mortal remains of Hemraj Jat were taken for last rites to his native place, where he laid to rest with full military honours.

ग्रेनेडियर हेमराज निठारवाल का जीवन परिचय

ग्रेनेडियर हेमराज निठारवाल

05-07-1996 - 01-09-2019

सेना मेडल (मरणोपरांत)

यूनिट - 4 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट

ऑपरेशन रक्षक

ग्रेनेडियर हेमराज का जन्म 5 जुलाई 1996 को राजस्थान के अजमेर जिले की रूपनगढ़ तहसील के भदूण गांव की सामली ढाणी में श्री भोलूराम निठारवाल एवं श्रीमती दाखा देवी के परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की सबसे छोटी संतान थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई, उसके बाद आगे की शिक्षा उन्होंने किशनगढ़ व अजमेर में प्राप्त की। 22 मार्च 2017 को वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में ग्रेनेडियर के पद पर भर्ती हुए थे।

वर्ष 2019 में वह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर स्थित अग्रिम चौकी पर तैनात थे। 1 सितंबर 2019 को दोपहर लगभग 1:00 बजे पाकिस्तान ने पुंछ सेक्टर में अचानक, अकारण छोटे हथियारों से गोलीबारी आरंभ कर दी। ग्रेनेडियर हेमराज ने मशीनगन फायर से दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया और उसे नुकसान पहुंचाया। इस गोलीबारी में उनकी गर्दन पर घातक रूप से एक स्पिलंटर आकर लगा। उन्हें त्वरित अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के समय वह वीरगति को प्राप्त हुए।

ग्रेनेडियर हेमराज को उनके अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय एवं वीरता प्रदर्शन के लिए 19 फरवरी 2020 को अलवर के ईटाराणा सैनिक छावनी में आयोजित सम्मान समारोह में मरणोपरांत सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी माता दाखा देवी ने ग्रहण किया।

ग्रेनेडियर हेमराज निठारवाल के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

स्रोत: Ramesh Sharma

हेमराज जाट हुये

शहीद हेमराज जाट का जन्म 5 जुलाई 1996 को हुआ था। जाट की प्रारंभिक पढ़ाई गांव में ही हुई थी। उसके बाद किशनगढ़ व अजमेर में आगे की पढ़ाई की। वह 22 मार्च 2017 को सेना में भर्ती हुए थे। 23 वर्षीय हेमराज जाट 4 बटालियन में ग्रेनेडियर के तौर पर पुंछ में तैनात थे. आप की प्रारंभिक पढ़ाई गांव भदूण में ही हुई थी, उसके बाद किशनगढ़ व अजमेर में आगे की पढ़ाई की.

जम्मू कश्मीर में पुंछ जिले में एलओसी पर गोलाबारी में शहीद हुए हेमराज जाट का पार्थिव शरीर मंगलवार 3.9.2019 को उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के भतीजे चेतन ने उन्हे मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद हेमराज को श्रद्धांजली देने पहुंचे। जिसमें विधायक सतीश पूनिया भी शामिल रहे। अंतिम संस्कार से पहले हेमराज जाट को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान आर्मी के कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।

इससे पहले जयपुर पहुंचने पर भी शहीद को एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान सैना के अधिकारी, विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास मौजूद रहे। बता दें कि रविवार 1.9.2019 को एलओसी पर मोर्टार के गोले दागे गए, जिसमें जवान हेमराज जाट शहीद हो गए थे। वे 4 बटालियन में ग्रेनेडियर के तौर पर पुंछ में तैनात थे।

गांव में शोक की लहर: हेमराज की बहन की शादी हो चुकी है। वहीं हेमराज की अभी तक शादी नहीं हुई है। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही भदूण सहित आसपास के गांव में शोक की लहर दौड़ गई। सवा 2 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे |

हेमराज पुंछ की अग्रिम चौकी पर तैनात थे। इस दौरान पुछ सेक्टर के शाहपुरा-केरनी में पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी की। जिसका भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। दुश्मनों का सामना करने के दौरान हेमराज को गोली लग गई और वह शहीद हो गए। शहीद हेमराज की माता का नाम दाखा देवी है। उनकी 5 भाई और एक बहन है जिसमें हेमराज सबसे छोटा है। शहीद के 3 भाई माइंस पर और एक भाई खेतीबाड़ी करता है।

शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी क्षेत्र में सरहद की रक्षा करते हुए शहीद हुए भारतीय सेना के ग्रेनेडियर हेमराज जाट को मंगलवार को उनके पैतृक गांव भदूण, जिला अजमेर में हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी । इस अवसर पर ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, हेमराज तेरा नाम रहेगा’’ जैसे नारों से गांव का आसमान गूंजता रहा। राजस्थान के चिकित्सा एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। डॉ. शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से शहीद को पुष्प चक्र अर्पित किया। शहीद हेमराज जाट का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव रूपनगढ़ के भदूण लाया गया। रूपनगढ़ से भदूण तक जांबाज सैनिक की अंतिम यात्रा में हजारों लोग उमड़ पड़े। अंत्येष्टि स्थल पर ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, हेमराज तेरा नाम रहेगा’, ‘शहीद हेमराज अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं पर शहादत देकर शहीद हेमराज जाट ने परिवार, प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। राष्ट्र उनकी वीरता की हमेशा मिसाल देगा। हम शहीद के परिवार की पूरी सहायता करेंगे। इस अवसर पर डॉ. शर्मा, सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक सुरेश टांक, पूर्व विधायक नसीम अख्तर इंसाफ, जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सहित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और आमजन ने अंतिम यात्रा में भाग लेकर वीर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। ग्रामीणों ने चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से गांव के स्कूल का नाम शहीद के नाम करने, अस्पताल को उन्नत करने और अन्य सुविधाओं की मांग की।[1]

लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर द्वारा सेना मेडल (वीरता) सम्मान

लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर द्वारा सेना मेडल (वीरता) सम्मान

दक्षिणी पश्चिमी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह क्लेर (Alok Singh Kler) शुक्रवार को अलवर (Alwar) पहुंचे. यहां इटाराना में आयोजित अलंकरण समारोह के समापन के दौरान उन्होंने सेना के शूरवीरों को पदक देकर सम्मानित किया.[2]

दक्षिणी पश्चिमी कमान के द्वारा अलवर के ईटारता छावनी में लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर द्वारा ग्रेनेडियर हेमराज निठारवाल का सेना मेडल (वीरता) सम्मान उनकी माताजी श्रीमती दाखा देवी को दिया गया। इस दौरान विशेष बात यह रही कि ले. जनरल आलोक क्लेर ने हेमराज की माताजी को दो बार सेल्यूट किया। समारोह में मौजूद लोगों की आंखें उस समय नम हो गयीं, जब शहीद हेमराज की मां ढाका देवी मंच पर सम्मान के लिए पहुंची.[3]

बाहरी कड़ियाँ

चित्र गैलरी

References

Back to The Brave People/Back to The Martyrs