Jai Prakash Joon

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Jai Prakash Joon

Jai Prakash Joon (Hav) (13.11.1960 - 08.05.1999) is a Martyr of Kargil war from Haryana. He was from Desalpur village in Badli tahsil in Jhajjar district of Haryana. He became martyr on 08.05.1999 during Operation Vijay in Kargil War. Unit: 16 Grenadier Regiment.

हवलदार जय प्रकाश सिंह जून का परिचय

हवलदार जय प्रकाश सिंह जून

13-11-1960 - 08-05-1999

वीरांगना - श्रीमती कमलेश देवी

यूनिट - 16 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

हवलदार जय प्रकाश सिंह का जन्म 13 नवंबर 1960 को हरियाणा के झज्जर जिले की बादली तहसील के देशलपुर गांव में स्व. हवलदार रण सिंह जून एवं स्व. श्रीमती प्यारी देवी के परिवार में हुआ था। 23 सितंबर 1980 को वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में ग्रेनेडियर के पद पर भर्ती हुए थे।

वर्ष 1999 में 16 ग्रेनेडियर्स को कारगिल के द्रास सेक्टर में तैनात किया गया था। यूनिट के सैनिक सेक्टर में नियंत्रण रेखा के साथ अग्रिम चौकियों पर तैनात थे। नियंत्रण रेखा पर कई बार बिना किसी चेतावनी के युद्धविराम का उल्लंघन होता रहता है। 16 ग्रेनेडियर्स पिछले दो वर्षों से द्रास में तैनात थी, यह बटालियन क्षेत्र के दो छोरों पर कंपनी के दो पोस्ट पर तैनात थी। दोनों कंपनियों के बीच 20 किमी तक फैला खाली क्षेत्र था। पूर्व की ओर 10 किमी का एक और खाली क्षेत्र था जबकि पश्चिम में 50 किमी का खाली क्षेत्र था।

गर्मी के महीनों में किसी आतंकवाद विरोधी आकस्मिक घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए शेष दो कंपनियों को द्रास में रखा गया था। यूनिट के सैनिक नियमित रूप से घुसपैठ विरोधी अभियानों में लगे हुए थे क्योंकि इस क्षेत्र में सदैव सीमा पार से घुसपैठ का खतरा रहता है। मई 1999 की शुरुआत में, बटालिक-याल्दोर सेक्टर में दुश्मन की असामान्य गतिविधियां देखी गईं और इनके परिणामस्वरूप भारतीय सेना की UNITS ने अपने AOR (Area of Responsibility) क्षेत्र में आक्रामक गश्त आरंभ कर दी थी।

08 मई 1999 को हवलदार जय प्रकाश सिंह द्रास सेक्टर में ऐसे ही एक गश्ती दल का हिस्सा थे। हवलदार जय प्रकाश सिंह के गश्ती दल को घुसपैठियों की उपस्थिति की जांच करने व यह भी देखने का काम सौंपा गया था कि गर्मियों में फिर से कब्जा करने के लिए पर्याप्त रूप से बर्फ हट गई है या नहीं। जब यह टुकड़ी गश्त कर रही थी, तब इस क्षेत्र में घुसपैठ कर चुके दुश्मन सैनिकों ने इस पर हमला कर दिया। हवलदार जय प्रकाश सिंह और उनके साथियों ने जवाबी हमले के लिए मोर्चा संभाला और वहां भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई। आगामी गोलीबारी में हवलदार जय प्रकाश सिंह दृढ़ निश्चय एवं वीरता से लड़ते हुए बलिदान हुए।

हवलदार जय प्रकाश सिंह जून एक वीर व प्रतिबद्ध सैनिक थे जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन लगा दिया। उनके बलिदान को देश युगों युगों तक याद करेगा।

शहीद को सम्मान

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


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