Jaswant Singh

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Rana Jaswant Singh (r.1690 - 1702) , Rana of Gohad, son of Rana Gaj Singh (1654 - 1690), Rana of Gohad, educ. privately. He d. 1702, having had issue, one son: Rana Bhim Singh, Rana of Gohad, (1702-1755), successor of Jaswant Singh.

Successor

His successor was Maharaja Bhim Singh Rana (1702-1755).

राणा जसवंत सिंह (1690 - 1702)

राणा गज सिंह का ज्येष्ठ पुत्र राणा जसवन्त सिंह सन् 1690 में गोहद के राज सिंहासन पर आसीन हुए. इनका राजतिलक समारोह गोहद दुर्ग में धूमधाम से मनाया गया, जिसमे राज्य की गढियों के सभी प्रमुख जाट सरदार, प्रमुख सावंत, तथा उमराव उपस्थित हुए. वे बड़े वीर और साहसी थे. [1] (Ojha,p.55)


स्वतंत्र सत्ता की स्थापना : इस समय दिल्ली की केंद्रीय सत्ता पतन की ओर जा रही थी, औरंगजेब की वृद्धावस्ता एवं दक्षिण भारत के युद्धों में उलझे होने के कारण भारत की छोटी-छोटी रियासतें मुग़ल सत्ता के नियंत्रण से बाहर हो रही थी. यही समय जाटों के उत्कर्ष था. इस समय जाट विशेषतः मथुरा, आगरा, दक्षिण में चम्बल और सिंध नदियों के मध्य ग्वालियर गोहद आदि में विशेष शक्ति के रूप में उभर रहे रहे थे. कमजोर हो रही मुगल सत्ता का लाभ उठकर राणा जसवंत सिंह ने अपने को स्वतंत्र घोषित कर दिया.[2] वह बड़ा दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी शासक था. अपने 12 वर्षों की अल्पावधि में गोहद राज्य का पर्याप्त विस्तार किया.(Ojha,p.5556)

External links

References

  1. Jagaon Ki Pothi
  2. Rana Jai Singh: Gohad Ki Dayari

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