Jat History Dalip Singh Ahlawat/Wiki editor note
विकि-संपादक की ओर से
10 फरवरी 1989 को छपे इस पुस्तक के पहले संस्करण की कुल 1100 प्रतियां छपी थीं। इसके बाद 13 अप्रैल 1992 को दूसरा संस्करण छपा जिसकी 2000 कापियां मुद्रित हुईं। इनका कागज अच्छी गुणवत्ता का नहीं है और पुस्तक पुरानी होने पर पन्ने फटने लगते हैं। शायद आजकल किसी बुकस्टाल में यह गौरवग्रंथ मुश्किल से ही मिले। इतनी जल्दी कोई इतिहास की पुस्तक अप्राप्य हो जाये, यह बहुत दुःख की बात है और यह इस बात का द्योतक है कि आज भी जाट जाति अपने इतिहास की धरोहर को संभाल कर रखने में कम ही रुचि रखती है। ठीक ही कहा है कि जो इतिहास को भुला देते हैं, इतिहास भी उनको भुला देता है।
जब मैंने यह पुस्तक पढ़ी तो विचार किया कि क्यों नहीं कंप्यूटर पर इसका डिजिटल संस्करण तैयार करके इंटरनेट पर डाला जाए ताकि यह सबके लिए सरलता से ऑन-लाइन उपलब्ध हो सके।
इस पुस्तक में विषय-सूची और परिशिष्ट के अतिरिक्त 1032 पृष्ठ हैं। मैंने मई 2013 में इसका विकि संस्करण करना आरम्भ किया था। व्यावसायिक और घरेलू व्यस्तताओं के बाद जो थोड़ा समय मिलता था, उसी में मैं यह कार्य, धीरे-धीरे करता रहा। अन्ततः लगभग अढ़ाई वर्ष में यह काम पूरा हो ही गया। मुझे प्रसन्नता है कि अब यह ग्रन्थ जाटलैंड वेबसाइट के Jatland Library भाग में ऑन-लाइन उपलब्ध है जिसे सभी पढ़ सकते हैं। सुगमता से इसको कॉपी किया जा सकता है और प्रिंट भी आसानी से हो सकता है।
यदि आपको कोई अशुद्धि नजर आये तो अवश्य सूचित करें। मुझसे इस ई-मेल पर सम्पर्क किया जा सकता है - dndeswal@gmail.com
- दिल्ली
- 12 जनवरी 2016