Jaton Ke Vishva Samrajya aur Unake Yug Purush
प्रकाशक: मरुधरा प्रकाशन, आर्य टाईप सेन्टर, पुरानी तह्सील के पास, सुजानगढ (चुरु)
क्र.सं...... अध्याय...... पृष्ठ सं.
- 1 जाटों की उत्पति...... 9
- 2 प्राचीन जाट साम्राज्य...... 23
- 3 मरुप्रदेश के जाट गणराज्य...... 32
- 4 जाटों के विश्व साम्राज्य...... 36
- 5 जाटों का पंचायती राज...... 59
- 6 गोरा हट जा...... 67
- 7 जाट रियासतें...... 73
- 8 ऐसे बनी आजाद हिन्द फौज...... 84
- 9 राष्ट्र रक्षा में जाट रेजिमेंट का योगदान...... 87
- 10 स्वाधीनता संग्राम में सीकर के किसान...... 93
- 11 बलिदान डाबड़ा के वीरों का...... 95
- 1 वीर गोकुल...... 101
- 2 वीरवर राजाराम...... 108
- 3 युग निर्माता वीर चूड़ामन...... 110
- 4 राजा बदनसिंह 117
- 5 पराक्रमी महाराजा सूरजमल...... 119
- 6 महाराजा जवाहरसिंह...... 160
- 7 महाराजा रणजीतसिंह...... 165
- 8 गोहद के राणा...... 168
- 9 नाहरसिंह...... 170
- 10 वीर शाहमल...... 175
- 11 शहीद भगतसिंह...... 176
- 12 अजीतसिंह...... 181
- 13 राजा महेंद्र प्रताप...... 184
- 14 परमवीर होशियार सिंह...... 193
- 15 सर छोटूराम......195
- 16 चौ. छाजूराम लांबा...... 201
- 17 स्वामी केशवानन्द...... 206
- 18 चौ. चरण सिंह...... 209
- 19 महेंद्र चौधरी......213
- 20 चौधरी देवीलाल......215
- 21 चौ. कुम्भाराम आर्य...... 217
- 22 राजा मानसिंह...... 219
- 23 बलदेवराम मिर्धा...... 221
- 24 वीर तेजाजी...... 223
- 25 वीर बिग्गाजी...... 227
- 26 धन्ना भक्त...... 231
- 27 अमर वीरांगनाएँ...... 233
This Book in Hindi titled 'Jaton Ke Vishva Samrajya aur Unake Yug Purush' (2004), Published by Marudhara Prakashan, Arya Type Centre, Purani Tahsil Ke Pas, Sujangarh, Churu, Rajasthan. Author: Mahavir Singh Jakhar
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