Kalanaur Rohtak

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Note - Please click → Kalanaur for details of similarly named villages at other places.

Kalanaur (कलानौर) is a tahsil town of Rohtak district in Haryana.

History

It was a small state (Riyasat) of Muslims who migrated to Pakistan in 1947. Now, people of different communities reside here.

Jat Gotras

Now, people of different communities reside here, including some Punjabi settlers who came from Pakistan. One of the Jat gotra is Deshwal -

  • Deshwal : कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं - यह गाँव पहले मुसलमानों का गाँव था। आज यह रोहतक की तहसील है। यहाँ का नवाब होता था। यह गाँव रोहतक से भिवानी रोड पर आबाद है। यहाँ पर भी देशवाल गौत्र के गाँव से आकर कई लोगों ने जमीन खरीद रखी है। ये सब अलग-अलग रहते हैं। अगर एक जगह पर बस्ती हो जाये तो 40-50 परिवार हो सकते हैं।[1]

मुसलमान नवाब के अत्याचार

लल्ल गठवाला मलिकों ने मन्दहार (मिडाण) के राजपूतों, करनाल के पठानों और जि० रोहतक में कलानौर के पंवार गोत्री मुसलमान नवाब के अत्याचारों, के विरुद्ध उनके साथ युद्ध करके विजय प्राप्त करके जाटवीरों की इस विशेषता को प्रमाणित कर दिया कि “जाट किसी के द्वारा किये गए अत्याचारों को सहन नहीं कर सकता और इन के विरुद्ध अपनी जान की परवाह न करते हुए तलवार उठाता है।” कलानौर के नवाब के साथ मलिकों के युद्ध के कारण की मनघड़न्त प्रचलित दन्तकथा की आवश्यकता इसलिए है ताकि लोग असत्य बात को भूलकर सत्य को मानें। [2]

दन्तकथा - एक समय कलानौर के राजपूत रांघड़ नवाब के आदेश अनुसार कलानौर के चारों ओर दूर-दूर तक के हिन्दू अपनी नवीन विवाहित पत्नी को अपने घर ले जाने से पहले कलानौर का ‘कौला’ पूजते थे। इसका अर्थ है कि वर वधू वहां नवाब को कुछ भेंट देते थे और वधू को एक रात नवाब के घर ठहरना पड़ता था। एक बार डबरपुर गांव के चौ० बिछाराम मलिक की पुत्री समाकौर अपने पति जिसका गांव गांगटान (डीघल के समीप) था, के साथ अपनी ससुराल को जा रही थी। अपने पति की कलानौर जाने की आज्ञा को न मानकर अपने गांव डबरपुर पहुंची और अपने पिता व भाइयों को सारा हाल सुनाकर कहा कि “तुम्हें लज्जा नहीं आती कि तुम क्षत्रिय होते हुये अपने बहू-बेटियों को मुसलमान रांघड़ों के पास भेजते हो।” उसका पिता घोड़े पर चढकर जाटों की सब खापों में गया और नवाब को मारने की मदद मांगी। जाटों की सब खापों ने मलिकों के नेतृत्व में नवाब पर आक्रमण किया और उसे मार दिया।[3]

Villages in Kalanaur tahsil

Anwal, Ballab, Baniyani, Basana, Bhali Anandpur, Garhi Ballab, Garnawathi, Gudhan, Jindran, Kakrana, Kalanaur, Katesra, Kahnaur, Kherari, Lahli, Manjha Marodhi Jattan, Marodhi Rangran, Masoodpur, Nigana, Patwapur, Pilana, Sample, Sanghera, Sundana, Tamurpur,

Notable Persons

Abdul Hafiz VC.jpg
  • Abdul Hafiz VC (4 September 1925 – 6 April 1944) was an Indian Muslim recipient of the Victoria Cross, the highest and most prestigious award for gallantry in the face of the enemy that can be awarded to British and Commonwealth forces. He was from Kalanaur, district Rohtak Haryana, India. He became martyr during World War II on 6 April 1944 north of Imphal, India.

External Links

References