Kharta Ram Jakhar

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Kharta Ram Jakhar
Kharta Ram Jakhar
Kharta Ram Jakhar

Chaudhari Kharta Ram Jakhar (चौधरी खरताराम जाखड़), born in year 1925, death 21/7/2017, is a freedom fighter. He was born at village Bhaniyana (भणियाणा), in Pokaran tehsil of Jaisalmer district in Rajasthan. His father's name was Shri Revidan Ram Jakhar. His father died at the age of two years.

Social Service

He has been the Sarpanch of the village since Independence. He came in contact with Baldev Ram Mirdha in 1939 and joined Indian National Congress. He is a freedom fighter and a devoted social worker. He stopped paying taxes to the Jagirdars since 1943 in villages Bhaniyana and Ratadia. Both these villages are Jat dominated. He has contributed maximum for the wealth of the village. Looking to his devotion and social services he was awarded ‘Jat Sri’ title in the Pushkar Jat Sammelan.

समाज सेवा

जैसलमेर जिले का भणियाणा गांव के जाट समाज मे बाबा नाम से प्रसिस्द श्री खरताराम जी जाखड़ का पर्याय है। सदैव दूसरों की सेवा और कमजोर वर्ग के हितैषी, विराट व्यक्तित्व के धनी खरताराम ने सर्वप्रथम पोकरण ठिकाने को लगान देना बंद किया और इस हेतु आपको सर्वोच्च न्यायालय तक मुकदमा लड़ना पड़ा। सामंतवाद पर विजय पाकर क्षेत्र के किसानों को राहत दिलायी। डकैत ओमपुरी के गिरोह को खत्म करवाने में खरताराम जी की महत्वपूरण योगदान रहा। खरता राम जी की चलाई गोली से ही डकैत ओमपुरी की मौत हुई थी ! समाज सेवी रेवीदान चौधरी के यहां जन्मे खरताराम जी भणियाणा के पैतीस साल तक सरपंच रहे। आप भणियाणा ग्राम सेवा सहकारी समिति और जैसलमेर क्रय विक्रय सहकारी संघ के लम्बे समय तक अध्यक्ष रहे। मात्र अक्षर ज्ञान प्राप्त एवं पेशे से पशुपालक व किसान खरताराम जी ने भणियाणा में साठ के दशक में किसान छात्रावास की स्थापना की। सादा रहन सहन, ग्रामीण वेशभूषा में खरताराम जी जाखड़ समाज सेवा की अलख जगाई

चौधरी खरताराम जाखड़ का निधन

चौधरी खरताराम जाखड़ का पैतृक गांव भणियाणा में हुआ अंतिम संस्कार
चौधरी खरताराम जाखड़ का पैतृक गांव भणियाणा में हुआ अंतिम संस्कार

भणियाणा निवासी चौधरी खरताराम जाखड़ का निधन दिनांक 21/7/2017 को हुआ और उनका 22/7/2017 को पैतृक गांव भणियाणा में अंतिम संस्कार किया गया। उपस्थित हजारों लोगों ने नम आंखों से "बाबा" को विदा किया ।

- पूरे प्रदेश में जाटों के चहेते नेता रहे चौधरी
- चौधरी खरताराम जाखड़ का निधन
- शव यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
- दिग्गज, जनप्रतिनिधि, अधिकारी हुए शामिल
- पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद ने दिया कंधा

जाट समाज के प्रदेश में ख्याति प्राप्त पोकरण के भणियाणा निवासी चौधरी खरताराम जाखड़ को आज हजारों लोगों ने नम आँखों से विदा किया शव यात्रा में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व सांसद हरिश चौधरी, जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, पूर्व विधायक शाले मोहम्मद, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी सहित भाजपा व कांग्रेस सहित कई संगठनों के जोधपुर संभाग सहित कई जिलों के जाट सहित अन्य समुदायों के लोग शामिल हुए। बाबा के शव पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और श्रद्धांजलि अर्पित करने लोगों की भीड़ जमा हो गई। जैसलमेर सहित पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में अपना दबदबा कायम रखने वाले "बाबा" नाम से प्रसिद्ध चौधरी खरताराम जाखड़ का निधन होना कांग्रेस पार्टी को कहीं न कहीं नुकसान महसूस हो रहा है। भणियाणा के किसान छात्रावास में स्वर्गीय चौधरी का शव अंतिम दर्शन के लिए रखा गया जहां हजारों लोगों के साथ साथ महिलाओं ने श्रद्धांजलि देकर नमन किया। पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी व पूर्व सांसद हरिश चौधरी ने कंधा देकर श्मशान घाट तक स्वर्गीय जाट रत्न "बाबा" का शव पहुंचाया।


शव यात्रा बैंकुटी प्रथा के अनुसार चौधरी निवास से निकाली गई जिसमें स्थानीय हजारों लोगों के साथ साथ दिग्गज, प्रशासनिक अधिकारी , जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।भणियाणा के किसान छात्रावास परिसर में शव रखकर श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई जहां हजारों लोगों ने नम आँखों से पुष्प अर्पितकर "बाबा" को श्रद्धांजलि दी । हजारों लोगों की संख्या में भीड़ द्वारा लगाए समाज रत्न चौधरी खरताराम जाखड़ अमर के नारों से गूंजा भणियाणा कस्बां । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, किसान नेता, जाट समाज के चर्चित हितकारी नेता, आम समाज में विशेष प्रेम रखने वाले चौधरी खरताराम जाखड़ का निधन शुक्रवार को जोधपुर के डऊकिया अस्पताल में हुआ वो लम्बे समय से बीमार चल रहे थे "बाबा" नाम से प्रसिद्ध चौधरी खरताराम जाखड़ के निधन की खबर सुनते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। स्वर्गीय चौधरी खरताराम जाखड़ के हर समय साथी रहे जैसलमेर के पूर्व जिला प्रमुख नैनदान रतनू व माडवा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच शंभूदान चारण सहित परिजनों को दिग्गजों, जाट समुदाय के लोगों ने गले लगाकर ढांढस बंधाकर हिम्मत बढाई और समाज सहित अन्य जातियों में मददगार रहे जाट रत्न को नमन किया। स्वर्गीय चौधरी खरताराम पंचायतीराज चुनाव में मुख्य भूमिका निभाई भणियाणा के कई बार सरपंच रहे उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली में सम्मानित किया वहीं वर्तमान भी स्वर्गीय खरताराम की पुत्रवधू भणियाणा सरपंच पद पर सेवा दे रही है। शव यात्रा में आईजी महेन्द्रसिंह चौधरी, बीकानेर एसपी सवाईसिंह गोदारा, पाली पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, सहित हजारों लोग "बाबा" के अंतिम दर्शन के साक्षी बने।

खरताराम जाखड़ पर पुस्तक

खरताराम जाखड़ । भणियाणा का शेर , चौधरी साहब के नाम से प्रसिद्ध, किसानों के बाबा, मारवाड़ में किसान जागृति के अग्रदूत। ऐसी शख्सियत के व्यक्तित्व व कृतित्व को शब्दों में पिरोने का मुझे अवसर मिला, पुस्तक लिखने का सौभाग्य मिला। अत्यंत साधारण परिवार में जन्म लिया। किसानों के लिये गांव से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष किया और लगान के खिलाफ किसानों की पैरवी कर जीत दिलाई। डकैत ओमपुरी के आंतक का अंत कर किसानों को राहत दिलवाई। किसान छात्रावास भणियाणा की स्थापना कर जैसलमेर, बाडमेर, जोधपुर जिले के किसानों के बेटों को पढा़या। साठ के दशक में भणियाणा में कला, सांईस व वाणिज्य तीनों संकायों की हाई स्कूल अपने आप में एक अजूबा था। आजीवन पंचायती राज के प्रतिनिधि रहे। जब किसान सरपंच का चुनाव लड़ना ही नहीं समझते थे तब बड़ली-भणियाणा के सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये। दैनिक डायरी व रोकड़ बही का संधारण करते थे बाबा। आज पुण्य तिथि पर सादर नमन @ जोगाराम सारण श्री किसान शोध संस्थान लाईब्रेरी गरल बाडमेर

Ref - Facebook Post of Jogaram Saran, 21.7.2021

बाबा खरथाराम चौधरी काव्य

वीर प्रसूता मारवाड़ की धरा।

एक फ़रिश्ता धरती पर उतरा।।

गाँव भणियाणा में बाबा ने जन्म लिया।

जन सेवार्थ जीवन समर्पित किया।।


सन् 1939 बलदेवराम से हुई मुलाकात ।

शिक्षा,समाज हित की हुई बात।।

बाबा ने किया सामन्तों का सामना।

मन में थी किसान हित की कामना।।


चरम सीमा पर था सामंती अत्याचार।

बाबा ने किया किसानों का उद्धार।।

जागीरी प्रथा का विरोध और बंद किया लगान।

शपथ ली, नहीँ होने दूँगा किसानों का अपमान।।


उनके इस फैसले से सामन्त हुए नाराज ।

किसानों का भला नहीं चाहता था सामंती राज।।

किसानों और सामन्तों का केस सुप्रीम कोर्ट तक चला।

किसानों को न्याय मिला,बाबा का जादू चला।।


किसान जीत गए और हारा सामंत राज।

बाबा के सर सजा जीत का ताज।।

किसानों का दमन और अत्याचार।

बाबा खरथाराम को नहीं था स्वीकार।।


हाथ ले चले बदलाव और संघर्ष की मशाल।

असफल होता गया सामंती जाल।।

बलदेवराम जी जागृति हेतु तारातरा आए।

विरोध में सामंतों में जाटों के घर जलाए।।


निष्ठुर होकर सामन्त कर रहे थे दमन।

बाबा का अभियान था जागे जन-जन।।

खुद अनपढ़ लेकिन गाँव-गाँव अलख जगाई।

उन्हीं की बदौलत शैक्षिक क्रांति आई।।


उन्होंने जगह-जगह स्कूल खुलवाए।

ताउम्र जनहित के कार्य करवाए।।

35 साल तक रहे भणियाणा के सरपंच।

बाबा की बदौलत खत्म हुआ सामंती दंश।।


डाकू ओमपुरी से जनता को छुटकारा दिलाया।

जनसेवार्थप्रधानमंत्री से सम्मान पाया।।

21 जुलाई 2017 को हुआ निधन।

नम आँखों से विदाई दे रहा था जन-जन।।


खड़ा था हर कोई आँखे नम लिए।

श्रद्धासुमन अर्पित किए दिलों में गम लिए।।

कोई उनके संघर्ष को शब्दों में बांध न पाए।

रामलाल जाणी बाबा की महिमा सुनाए।।


बाबा की जीवनी लिखी सारण जोगाराम।

हम करते हैं उनको लेखनी से सलाम।।

सदैव याद करता रहेगा किसान-जवान।

जीवनी में है बाबा का संघर्ष गान।।


रचनाकार Author:Ram Lal Jani, Barmer सम्पर्क= Ram Lal Jani MO. 8003041770 Gmail. ramlaljani51@gmail.com facebook =[Ram Lal Jani]

Also see Jatland Forums thread - https://www.jatland.com/forums/showthread.php/41040-बाबा-खरथाराम-जाखड़

जीवन परिचय

External links

Gallery

References

  • Jat Samaj, Agra, March 2005
  • Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihasa (The modern history of Jats), Agra 1998, Section 9 pp. 12-15

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