Khichron Ki Dhani

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Note - Please click → Kheechdo Ki Dhani for similarly named village in Laxmangarh tahsil (Sikar district)


Location of Danta Ramgarh in Sikar district

Khichron Ki Dhani (खीचड़ों की ढाणी) or Khichdon Ki Dhani is a small village in Danta Ramgarh tahsil in Sikar district of Rajasthan.

Jat Gotras

Population

As per Census-2011 statistics, Khichron Ki Dhani village has the total population of 757 only (of which 383 are males while 374 are females).[1]

History

खीचड़ों की ढाणी वर्तमान दान्तारामगढ़ तहसील जिला सीकर के ग्राम सुलियावास (जिसे सुला जाटों ने बसाया था) के दक्षिण-पश्चिम में केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर भी है इसी के नजदीक करीर जाटों द्वारा बसाई हुयी ढ़ाणी "करीरों की ढ़ाणी" भी है जिसे "जाटलेण्ड" पर मौजूद नक्शों में खूड़ नामक गाँव से दाँता रामगढ़ को जोड़ने वाले मार्ग पर बताया गया है और इस मार्ग को पक्की सड़क से जुड़ा भी अंकित किया गया है जबकि यह मार्ग केवल खीचड़ों की ढ़ाणी तक ही दाँता से पक्की सड़क से जुड़ा है और उस ढ़ाणी से खूड़ तक पूरा 5-6 किलोमीटर का मार्ग आज अक्टूबर-2013 तक भी कच्चा ही है। सीकर जिले में और भी कई खीचड़ों की ढ़ाणी मौजूद हैं।

जाट जागृति में योगदान

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है....खीचड़ों की ढाणी में पंडित हुक्मचन्द्र जी भरतपुर ने एक पाठशाला कायम करके खूड़ ठिकाने के पिसे हुए किसानों में जीवन संचार किया था और उन लोगों ने आगे टक्कर भी ली किंतु फिर भी ठिकाना नर्म नहीं हुआ।


ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है....[पृ.445]: शिक्षा और सुधार के कामों को भी ठिकानेदारों ने शांति से नहीं होने दिया। जो जो अड़चन उन्होंने डाली और लोगों के साथ शख्तियां की उस समय के इस पत्र से ज्ञात होती हैं।

कुंवरपुरा, दिनांक 6 जनवरी 1934

मान्यवर ठाकुर साहब,

इधर पाठशालाओं के तीव्रता से खुलने और समाज सुधार के लिए मीटिंगें होने से ठिकानेदार बेतरह बेचैन हो रहे हैं। वे कहते हैं कि जब खोतले पढ जाएंगे तब घोड़ों को कौन पूछेगा। जिन लोगों ने जनेऊ पहने हैं उनमें से कई को गढ़ों में बुलाकर ठिकानेदारों ने जलेऊ उतरवा दिए। तोरावाटी में तो इस पर मारपीट हुई है। चौकड़ी का गोपाल सिंह तो मनमानी कर रहा है। अभी कुछ दिन पहले त्रिलोकपुरा की ढाणी से उसके आदमी एक नंगी सोती हुई स्त्री को ऊंट पर बांधकर चुरा कर ले गए

हमारे उपदेशक जहां भी जाते हैं उनके साथ ठिकाने के लोग उलझ बैठते हैं । किशनगढ़ रेनवाल में उस दिन की मीटिंग में ठिकाने के आदमियों ने शराब पीकर नंगा नाच नाचा।

आप जब इधर आवे तो इन दिक्कतों के बारे में जरूर सोचे। अपने लोग भी कुरीतियों को छोड़ने में हिचकते हैं।

.....आपका भाई नैनसिंह

xxxxx

मान्यवर ठाकुर देशराज जी, नमस्ते !

मैं यहां पर राजी खुशी हूं। आपकी राजी खुशी श्री परमब्रम्ह परमात्मा से नेक चाहता हूं। हाल यह है कि यहां के जाट अपने पंचायत काम करना चाहते हैं इसमें आपकी


[पृ.446]: क्या सलाह है और यहां का ठिकाना खूड़ का है। इसके 12 गांव हैं। ठाकुर का नाम मंगलसिंह है और महाराज जयपुर की अरदली में रहता है। इसलिए यहां के कारिंदा जाट किसानों को बहुत सताते हैं। जनेऊ पहनने में लोगों से इनकार करते हैं। अगर कोई जाट अपने नाम के आगे सिंह बोलता है तो उसे भला बुरा कहते हैं।

अब हाल ढाणी का लिखता हूं। जब से मैं यहां आया हूं तब से ठिकानेदार यहां के लोगों से भी नाराज हो गए हैं और गांव में अशांति मचा रखी है। हर रोज उन पर एक न एक झगड़ा करते रहते हैं और कहते हैं कि तुम मास्टर को क्यों बुला कर लाए हो। किंतु गांव में खूब संगठन है। इसलिए उनकी एक नहीं चलती।

एक गांव के जाटों को तो खूब सताते हैं। उसका नाम जीनवास है। उनमें और ठिकानेदारों में मुकदमेबाजी हो रही है। मुकदमे का विवरण इस तरह है। गांव के जाट अपने कष्ट पुकारने जयपुर गए थे। इससे ठिकानेदार ने उनको काठ में दे दिया था और पांच आदमियों पर 21 रुपए जुर्माना किया। पर उन्होंने जुर्माना नहीं दिया और उन्होंने निजामत सांभर में दरख्वास्त दी है। और काठ में देने और पीटने की भी लिखी है। मुकदमा चला रहा है। अगर आप जब इधर आने की कृपा करें। तब मुझ को पत्र लिख देना। मैं भदाना की ढाणी में आकर सब बात बता दूंगा। आप कृपा करके एक पत्र भिजवाने की कोशिश करना। अगर हो सके तो जाटवीर भिजवाना। बड़ी कृपा होगी और सब कुशल है। मेरा पता यह है खीचड़ों की ढाणी, पोस्ट घाटवा, रियासत जोधपुर, मास्टर हुकुमचंद को मिले, खींचना की ढाणी, रियासत जयपुर में है।

....आपका सेवक हुकुमचंद

Notable persons

  • Hari Kishan Khichar - RHJS, ADJ. Kishangarh , Date of birth : 6-March-1955, Vill.- Khichron Ki Dhani, Po - Ajabpura, teh.- Dantaramgarh, distt.- Sikar, Raj. Present Address : 1/1298, Malviya Nagar, Jaipur, Phone Number : 0141-2751446, Mob: 9414912382, Email: khichar_84@yahoo.co.in
  • श्री महावीर प्रसाद जी खीचड़, एडवोकेट, खीचडों की ढाणी, निकट मियां की ढाणी, निकट शिश्यूँ-रानोली(सीकर), Mob:8104588852 और इनके ही भाई श्री हरिकिशन जी खीचड़ जो जिला जज से होकर अभी कुछ माह पूर्व ही RPSC सदस्य से सेवा निवृत्त हुए हैं।
  • Vikram Singh Khichar - s/o Kesar Singh Khichar, Khichron Ki Dhani, Banuda, Sikar. जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक “कैनेडियन जियोटेक्निकल जर्नल” में पीएचडी के दौरान विकसित एक नवीन तकनीक पर डॉ विक्रम सिंह का शोध पत्र प्रकाशित हुआ है। "मानव कल्याण हेतु शोध और आविष्कार के क्षेत्र में निरंतर अथक प्रयत्नशील रहो"। डॉक्टर विक्रम सिंह को विशिष्ट सेवा (engineering research) के क्षेत्र में नये कृतित्व को अंजाम देकर सम्पूर्ण समाज की गति विकसित करने के लिए श्री रामेश्वर डूडी पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं डॉ मनोज कुड़ी प्राचार्य गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर द्वारा सम्मानित किया गया [4]

Gallery

External Links

References


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