Mahendra Singh Tomar

Mahendra Singh Tomar (Sep) from village Jadaupur, tahsil Mahaban, district Mathura, Uttar Pradesh, became martyr in Indo-Pak War-1971 on 22.12.1971 fighting on the border of Jammu and Kashmir. His brother Sonpal Singh Tomar also became martyr on 16.12.1971. He was in 9 Jat Regiment.
जीवन परिचय
सिपाही महेंद्र सिंह तोमर
3158939Y
यूनिट - 9 जाट रेजिमेंट
ऑपरेशन कैक्टस लिली
भारत-पाक युद्ध 1971
सिपाही महेंद्र सिंह तोमर का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की महाबन तहसील के जादोपुर गांव में में श्री मान सिंह तोमर एवं श्रीमती हरदेवी के परिवार में हुआ था। महेंद्र सिंह अपने बड़े सोनपाल सिंह व छोटे भाई लाल सिंह के साथ भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 9 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। 22 दिसंबर 1971 को अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय एवं वीरता से युद्ध करते सिपाही महेंद्र सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे। इनके बलिदान के 7 दिन पूर्व 16 दिसंबर को इनके बड़े भाई सौनपाल सिंह बलिदान हुए थे। विचित्र संयोग था का तीनों भाई एक साथ सेना में भर्ती हुए थे और दो भाईयों ने युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
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सिपाही महेन्द्र सिंह की प्रतिमा
References
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