Malsisar Sujangarh

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Note - Please click → Malsisar for details of similarly named villages at other places.



Location of Malsisar in Sujangarh tahasil Churu district

Malsisar (मलसीसर) is a large village in Sujangarh tahsil of Churu district in Rajasthan. It was a district under Mohil Jat rulers with capital at Chhapar prior to the rule of Rathores. [1]

Location

Origin

The Founders

History

इतिहास

कर्नल जेम्स टोड ने लेख किया है कि इनके अलावा तीन और विभाग थे - बागौर, खारी पट्टी और मोहिल। इन पर भी राठौड़ों का प्रभुत्व कायम हो गया था। राजपूत शाखाओं से छिने गए तीन विभाग राज्य के दक्षिण और पश्चिम में थे जिनका विवरण नीचे दिया गया है. [2]

अनुक्रमांक नाम जनपद नाम मुखिया गाँवों की संख्या राजधानी अधिकार में प्रमुख कस्बे
7. बागौर 300 बीकानेर, नाल, किला, राजासर, सतासर, छतरगढ़, रणधीसर, बीठनोक, भवानीपुर, जयमलसर इत्यादि।
8. मोहिल 140 छापर छापर, सांडण, हीरासर, गोपालपुर, चारवास, बीदासर, लाडनूँ, मलसीसर, खरबूजा कोट आदि
9. खारी पट्टी 30 नमक का जिला

मोहिल-महला-माहिल जाटवंश का इतिहास

दलीप सिंह अहलावत[3] लिखते हैं कि मोहिल जाटवंश राज्य के अधीन छापर राजधानी के अंतर्गत हीरासर एक परगना था।

मोहिल जाटवंश राज्य - मोहिल जाटवंश ने बीकानेर राज्य स्थापना से पूर्व छापर में जो बीकानेर से 70 मील पूर्व में है और सुजानगढ़ के उत्तर में द्रोणपुर में अपनी राजधानियां स्थापित कीं। इनकी ‘राणा’ पदवी थी। छापर नामक झील भी मोहिलों के राज्य में थी जहां काफी नमक बनता है। कर्नल जेम्स टॉड ने अपने इतिहास के पृ० 1126 खण्ड 2 में लिखा है कि “मोहिल वंश का 140 गांवों पर शासन था।

मोहिल वंश के अधीन 140 गांवों के जिले (परगने) - छापर (मोहिलों की राजधानी), हीरासर, गोपालपुर, चारवास, सांडण, बीदासर. लाडनू, मलसीसर, खरबूजाराकोट आदि। जोधा जी के पुत्र बीदा (बीका का भाई) ने मोहिलों पर आक्रमण किया और उनके राज्य को जीत लिया। मोहिल लोग बहुत प्राचीनकाल से अपने राज्य में रहा करते थे। पृ० 1123.


जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-250


मोहिलों के अधीश्वर की यह भूमि माहिलवाटी कहलाती थी।” जोधपुर के इतिहास के अनुसार राव जोधा जी राठौर ने माहिलवाटी पर आक्रमण कर दिया। राणा अजीत माहिल और राणा बछुराज माहिल और उनके 145 साथी इस युद्ध में मारे गये। राव जोधा जी राठौर की विजय हुई। उसी समय मोहिल फतेहपुर, झुंझुनू, भटनेर और मेवाड़ की ओर चले गये। नरवद माहिल ने दिल्ली के बादशाह बहलोल लोधी (1451-89) से मदद मांगी। उधर जोधा जी के भाई कांधल के पुत्र बाघा के समर्थन का आश्वासन प्राप्त होने पर दिल्ली के बादशाह ने हिसार के सूबेदार सारंगखां को आदेश दिया कि वह माहिलों की मदद में द्रोणपुर पर आक्रमण कर दे। जोधपुर इतिहास के अनुसार कांधलपुत्र बाघा सभी गुप्त भेद जोधा जी को भेजता रहा। युद्ध होने पर 555 पठानों सहित सारंगखां परास्त हुआ और जोधा जी विजयी बने। कर्नल टॉड के अनुसार जोधा के पुत्र बीदा ने मोहिलवाटी पर विजय प्राप्त की। राव बीदा के पुत्र तेजसिंह ने इस विजय की स्मृतिस्वरूप बीदासर नामक नवीन राठौर राजधानी स्थापित की। तदन्तर यह ‘मोहिलवाटी’ ‘बीदावाटी’ के नाम से प्रसिद्ध की गई। इस प्रदेश पर बीदावत राजपूतों का पूर्ण अधिकार हो गया। राजपूतों ने इस प्राचीनकालीन मोहिलवंश को अल्पकालीन चौहानवंश की शाखा लिखने का प्रयत्न किया।[4] किन्तु इस वंश के जाट इस पराजय से बीकानेर को ही छोड़ गये।

Jat Gotras

Population

According to Census-2011 information: With total 823 families residing, Malsisar village has the population of 4845 (of which 2417 are males while 2428 are females).[5]

Notable Persons

  • लखूराम खिलेरी, ठा . बाघ सिंह, जसूराम बिशु, गणेशराम बिशु नि. मलसीसर::स्वतंत्रता सेनानी, प्रजा परिषद् की गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया.[6]

External Links

References

  1. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III, p. 250
  2. कर्नल जेम्स टोड कृत राजस्थान का इतिहास, अनुवाद कालूराम शर्मा,श्याम प्रकाशन, जयपुर, 2013, पृ.402-403
  3. जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ-250,251
  4. जाटों का उत्कर्ष, 337-338 लेखक योगेन्द्रपाल शास्त्री; जाट इतिहास उर्दू पृ० 378-380, लेखक ठा० संसारसिंह।
  5. http://www.census2011.co.in/data/village/70809-malsisar-rajasthan.html
  6. भीमसिंह आर्य:जुल्म की कहानी किसान की जबानी (2006),p.40

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