Mrida
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Mrida (मृड) is name of a people mentioned by Panini in Ashtadhyayi.[1]
Contents
Origin
List of Shiva's thousand names includes - Mrida
Mention by Panini
Mrida (मृडा) is mentioned by Panini in Ashtadhyayi. [2]
Jat clans
History
Chittor Inscription of Kumarapala (Solanki) V. 1207 (1150 AD)
चित्तौड़ का कुमारपाल का शिलालेख 1150 ई.
यह लेख कुमारपाल सोलंकी के समय का चित्तौड़ के समिधेश्वर के मंदिर में लगा है. [3]इसमें २८ पंक्तियां हैं. इनके बीच 17वीं से 24वीं पंक्ति के मध्य एक यन्त्र भी उत्कीर्ण है. इस लेखमें शिव, शर्व, मृड, समिद्धेश्वर तथा सरस्वती की वन्दना की गई है. इसके बाद कवियों की रचना तथा चालुक्य वंश का यशोगान किया गया है. इसके अनन्तर मूलराज और सिद्धराज का वर्णन आता है. कुमारपाल के वर्णन में शाकंभरी विजय का उल्लेख है. प्रशस्ति से ऐसा आभास होता है कि चौहानों को परास्त करने के बाद कुमारपाल शालिपुरा गांव से चित्तौड़ जाता है. यहां प्रशस्तिकार चित्तौड़ के राजप्रासादों, झील, वापिका तथा जंगली भाग का बड़ा सुन्दर वर्णन करता है. यह स्पष्ट लगता है कि चित्तौड़ पर कुछ समय चालुक्यों का शासन रहा.
In Mahabharata
External links
References
- ↑ V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.356
- ↑ V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.356
- ↑ डॉ गोपीनाथ शर्मा: 'राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत', 1983, पृ.85. E.I.Vol.II, Indian Antiquary Vol. II