Nana Pali

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(Redirected from Nanaka Tirtha)
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Location of Nana in Pali District

Nana (नाना) is a village in Bali Tahsil of Pali district in Rajasthan.

Variants

History

Its ancient name was Nanaka (नाणक). {See:Nadol Inscription of year V.S. 1233 (1176 AD)}.

Nana or Nanaka has been mentioned Jaina literature Tirtha-Mala Chaityavandana as - 'वन्दे श्री करणावती शिवपुरे नागद्रहे (नागह्रद) नाणके'. [1]

Nadol Inscription of year V.S. 1233 (1176 AD)

Sanskrit Text
संवत 1233 ज्येष्ठ बदी 13 गुरौ अघेहं श्री नदूल महाराजाधिराज श्री केल्हण देवराज्ये वर्तमान श्री कीर्तिपाल देववुत्रै सिनाणकं भोक्ता राजपुत्र लषण पाल राजपुत्र अभयपाल राज्ञी श्री महिबल देवी सहितै: श्री शांतिनाथ देव यात्रा निमित्तं भड़िया उवअरघट उरहरि मध्यात् गूजर तुहार १ जय ग्राम पंचकुल समक्षि एतद् दानं कृतं पुण्याय.
Nadol Inscription of year V.S. 1233 (1176 AD)[2]

डॉ. गोपीनाथ शर्मा [3]लिखते हैं कि यह लेख कल्हण के राज्य में नाणक भोक्ता राजपुत्र लषण आदि परिवार द्वारा प्रत्येक रहट से पैदावार का कुछ भाग शांतिनाथ की यात्रा निमित्त अनुदान दिया, ये ग्राम पंचकुल समक्ष दिया गया. इससे पंचकुल जैसी संस्था की विशेषता का परिचय मिलाता है. इसका मूल पाठ इस प्रकार है:

नाणक तीर्थ

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...नाणक तीर्थ (AS, p.492) एक प्राचीन जैन तीर्थ है. इसका उल्लेख जैन ग्रंथ 'तीर्थमाला चैत्यवंदन' में हुआ है- 'वंदे श्री करणावती शिवपुरे नागद्रहे (नागह्रदे) नाणके।'. यह वर्तमान 'नाना' नामक स्थान है, जो ज़िला पाली, राजस्थान में स्थित है।

Notable persons

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.492
  2. डॉ गोपीनाथ शर्मा: 'राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत', 1983, पृ.96
  3. राजस्थान के इतिहास के स्तोत्र, प. 96
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.492

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