Nand Lal Varma

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Nand Lal Varma
लेखक:लक्ष्मण बुरड़क, IFS, D-4/14 चार इमली. भोपाल

Col. Nand Lal Varma (Dheva) is from Thirpali Chhoti village of Rajgarh tahsil in Churu district in Rajasthan.

नन्दलाल वर्मा का जीवन परिचय

आप का जन्म राजगढ़ तहसील जिला चूरू के गाँव थिरपाली छोटी में दिनांक 10 अगस्त 1938 को चौधरी लादूराम जी ढेवा के घर हुआ।

शिक्षा

आपकी प्रारंभिक शिक्षा थिरपाली में हुई। पिलानी में माध्यमिक शिक्षा तथा स्नातकोत्तर पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से अंग्रेजी विषय में पास की।

भारतीय सेना में

आपने भारतीय सेना में 1964 में कमीशन प्राप्त किया। आपने सन 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया। रूस में मिसायल की शिक्षा के लिए चुने गए। एकीकृत मिसायल के विकास निदेशक पद पर रहने के पश्चात सन 1990 में सेवानिवृत।

समाज सेवा

चूरू जिला प्रशासन द्वारा सन 2008 में सैनिकों के लिए प्रशासनिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। चूरू में सैनिक कालोनी के शहीद स्मारक का निर्माण करने, राजगढ़ शहीद स्मारक निर्माण, चूरू जिला मुख्यालय पर कैंटीन की व्यवस्था करवाई। चूरू जिला सैनिक संघ का सन 1996 में निर्विरोध अद्यक्ष चुने गए जिस पर आज तक विधिवत कार्यरत हैं। सन 2005 और 2008 में अखिल भारतीय सैनिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए।

तेजा मंदिर का मामला जब न्यायलय में चल रहा था तब आपने निष्पक्ष गवाही देकर जाट समाज की कीर्ति को बढाया तथा तेजा मंदिर चूरू का निर्माण जाट विकास संसथान चूरू के पक्ष में होने से निर्माण कार्य सम्भव हो पाया।

आपकी रूचियां

आपकी रूचि किताबें पढना, पेड़ लगाना, योग करना एवं सैनिक समाज के लिए कार्य करना हैं।

संपर्क

Mob:9414080071

सन्दर्भ

उद्देश्य:जाट कीर्ति संस्थान चूरू द्वारा आयोजित सर्व समाज बौधिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह, स्मारिका जून 2013,p.138

चूरू जिले की राजगढ तहसील के थिरपाली छोटी गांव में साधारण किसान स्व. लादूराम जी ढेवा के परिवार में जन्में मेरे आदरणीय परममित्र कर्नल नंदलाल वर्मा एक अनुकरणीय व्यक्तित्व हैं। मेरे मित्र व पड़ौसी कर्नल साहब ने पिलानी में शिक्षा के बाद भारतीय थल सेना में 6 फील्ड रेजिमेंट में कमीशंड रेंक पर कार्यग्रहण किया। सत्ताईस साल की सैन्य सेवा से सेवा निवृत्ति के बाद आप चाहते तो परिवार के कार्यों में, व्यवसाय में सलंग्न हो सकते थे, परंतु आप के अंदर का सैनिक अभी थकने को तैयार नहीं था। लंबी लड़ाई लड़नी थी। देश को सबसे अधिक शहीद देने वाले जिलों में शामिल चूरू जिला मुख्यालय पर शहीदों की चिर स्मृति बनी रहे, इस हेतु आपके ही समवेत प्रयासों से सैनिक बस्ती में दर्शनीय और वंदनीय शहीद स्मारक का निर्माण संभव हुआ। आज भी जब शहीद दिवस पर यहाँ लोग देश के शहीदों को नमन करने आते हैं, तो कहीं न कहीं वे आपके प्रयासों को भी याद कर रहे होते हैं। सैनिको के लिए चलने वाली कैंटीन की स्थापना और उसके स्तरीय निर्माण के लिए आपका संघर्ष और प्रयास विशेष उल्लेखनीय है।

          अपनी जन्मभूमि के लिए लड़ने और कुछ कर गुजरने की तमन्ना ही एक सैनिक को औरों से अलग बनाती है। अपनी जन्मभूमि, सैनिकों की भूमि और शहीदों की पर्याय राजगढ़ में चूरू की तरफ से प्रवेश करते ही अहसास होता है कि वीर सैनिको की भूमि पर आ गए हैं। राजगढ़ में भी शहीद स्मारक का निर्माण व स्मारक के साथ साथ तीन कमरे व दो पानी के कुंड सहित कैंटीन का निर्माण आपके संघर्ष,संकल्प व सहयोग से ही संभव हो पाए। चूरू जिले की तारानगर तहसील में सैनिको के आवास की सैनिक बस्ती के लिए जमीन अलॉट करवाना भी आपकी उल्लेखनीय उपलब्धि रही।

इन उपलब्धियों के बाद आप आराम कर सकते थे पर आपके अंदर का सैनिक अभी भी थका नहीं था। अखिल भारतीय स्तर पर "इंडियन एक्स सर्विसमेन लीग" के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट के नौ वर्ष के लगातार दो कार्यकालों के दौरान पूरे भारत को आपके जज्बे और अनुभव का लाभ सराहनीय कार्यों के माध्यम से मिला। इसी दौरान तमिलनाडु में बहुत बड़े पैमाने पर निर्मित सैनिक सुविधा केंद्र का मुआयना करने के बाद ऐसा ही कुछ अपने यहाँ करने की भावना जागी। हमारा सौभाग्य है कि पूरे भारत में तमिलनाडु के बाद दूसरा केंद्र हमारे चूरू जिले की राजगढ तहसील में आपके प्रयासों से संभव हो पाया। राजगढ़ में 14 बीघा 7 बिस्वा जमीन पर रक्षा मंत्रालय से रजिस्ट्रेशन करवा कर "सप्त सुविधा सैनिक सेवा केंद्र " प्रारम्भ किया जो आज सैनिकों के स्वाभिमान का प्रतीक बन चुका है। लगभग दस करोड़ रुपये संभावित लागत वाले इस सप्तसुविधा केंद्र में कैंटीन, बैंक, चिल्ड्रेन स्कूल , स्विमिंग पूल सहित पार्क, सामुदायिक भवन,एटीएम, और 52 बेड युक्त हॉस्पिटल सहित , आधुनिक सुविधाओं से युक्त आठ कमरों का निर्माण पूरी गति से चल रहा है। आपके अंदर के सैनिक को और आपके जज्बे को सौ सौ सलाम। आपके बाद ये कारवाँ रुके नहीं, इस जिम्मेदारी को भी शिद्दत से महसूस करते हुए आपने चूरू जिले के सैनिकों की बैठक में अपने सहयोगी और मेरे प्रिय परममित्र पंड्रेऊ टिब्बा(तारानगर) में जन्मे और जिम्मेदार कन्धों के धनी मेजर रामकुमार कस्वां को निर्विरोध "जिला एक्स-सर्विसमेन लीग" के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी। Just retired.....Not tired की संकल्पना को सजीव करने वाले सैनिकों को बीरबल सिंह लाम्बा का सेल्यूट......॥

बीरबल सिंह लाम्बा

  एडवोकेट

चूरू(राजस्थान)


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