Pawan Kumar Khichar

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Major Pawan Kumar Khichar, from Hansiyawas, Churu, Rajasthan, was awarded with Shaurya Chakra for his act of bravery in killing terrorist in September 2017 at Shrinagar.

मेजर पवन कुमार खीचड़ का परिचय

मेमेजर पवन कुमार खीचड़

शौर्य चक्र

यूनिट - 16 जाट रेजिमेंट/34 राष्ट्रीय राइफल्स

आतंकवाद विरोधी अभियान

मेजर पवन कुमार खीचड़ का जन्म राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के हांसियावास गांव में श्री सत्यवीर सिंह खीचड़ एवं श्रीमती सुमित्रा देवी के परिवार में हुआ था। इनकी सैकेंडरी तक की शिक्षा न्यांगल बड़ी गांव के बी.आर.जे.डी. पब्लिक स्कूल में हुई।

तत्पश्चात उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए इंग्लिश लिटरेचर से एम.ए. किया। अध्ययन काल से ही वह सैन्य सेवा में जाने की अभिलाषा रखते थे। अंततः सी.डी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उन्हें भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट की 16 बटालियन में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ था।

वर्ष 2017 में वह जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तैनात थे। 26 सितंबर 2017 की रात्रि में लगभग 3:00 बजे जोरावर पोस्ट के क्षेत्र में अंधेरे, घनी झाड़ियों, चट्टानों और असमतल भूभाग की आड़ लेकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) से घुसपैठ करते समय एक आतंकवादी ने हमारे गश्त कर रहे सैनिकों पर प्रचंड गोलीवर्षा आरंभ कर दी।

इस आतंकवादी से मात्र सधी हुई और अप्रत्यक्ष गोलीवर्षा से ही संघर्ष किया जा सकता था। स्थिति की गंभीरता और अपने सैनिकों पर आसन्न संकट को देखते हुए, तीव्र गोलीवर्षा से अभीत व अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए, असमतल भूभाग का उपयोग कर मेजर पवन कुमार रेंगते हुए उस आतंकवादी के निकट पहुंचे।

मेजर पवन कुमार ने उस आतंकवादी पर राइफल ग्रेनेड फायर किया, जिससे विवश हो कर उसे अपने छिपने के स्थान से बाहर आना पड़ा, तत्पश्चात एक भयानक मुठभेड़ में अति निकट से गोलियां चला कर मेजर पवन कुमार ने उस आतंकवादी को मार दिया। यह आतंकवादी हिजबुल का अति वांक्षित (MOST WANTED) आतंकवादी था। वर्ष 2015 से वह पाक अधिकृत कश्मीर में रह रहा था।

उस पर 10 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित था। वह 90 के दशक के आरंभ में मात्र 16 वर्ष की आयु में ही कश्मीरी आतंकवाद में सम्मिलित हो गया था। वह 50 से अधिक हत्याओं, आईईडी विस्फोटों, शस्त्र छीनने और मोबाइल टावर ऑपरेटरों पर आक्रमण की घटनाओं का मास्टरमाइंड था। जब कश्मीर में एक-एक करके हिजबुल के समस्त कथित कमांडर मारे गए तो वह पुनः कश्मीर में संगठन की कमान संभालने आ रहा था।

मेजर पवन कुमार ने एक अति वांछित और कट्टर आतंकवादी को मार गिराने में अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय, कर्तव्य के प्रति समर्पण, एवं असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। 15 अगस्त 2018 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

स्रोत: रमेश शर्मा

सादुलपुर का नाम रोशन किया

सादुलपुर का नाम रोशन किया मेजर पवन कुमार खीचङ ने. राजगढ़ सादुलपुर तहसील के गांव हांसियावास के जांबाज वीर मेजर पवन कुमार खीचड़ को शौर्य-चक्र पुरस्कार से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई और भविष्य के लिए अनन्त शुभकामनाएं...... 22 अगस्त को मिली जानकारी के अनुसार भारतीय सेना में बहादुरी भरे कार्य के लिए प्रदान किए जाने वाला शौर्य चक्र पुरस्कार भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा नवाजा गया है।

प्राप्त जानकारी अनुसार सितंबर 2017 में श्रीनगर में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में पवन कुमार ने उस खुंखार आतंकवादी तथा एरिया कमांडर को बहादुरी से मुठभेड़ करते हुए मार गिराया था, जो पाक अधिकृत कश्मीर से भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था। मेजर को इसी बहादुरी भरे कार्य के लिए शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

महामहिम राष्ट्रपति से शौर्यचक्र पुरस्कार प्राप्त कराते हुये मेजर पवनकुमार खीचड़

शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ-साथ भारत सरकार की ओर से 25 बीघा नहरी जमीन तथा जयपुर में एक प्लॉट भी प्रदान किया जाएगा। गांव के लाडले सपूत मेजर पवन कुमार की उपलब्धि पर पूरे गाँव में मिठाईयां बांट कर खुशी का इजहार किया गया। ग्रामीणों ने मेजर के घर पहुंचकर उनके माता-पिता का भी मुंह मीठा करवाकर बधाई दी।

वर्तमान समय में मेजर पवन कुमार लखनऊ में तैनात हैं। इनकी धर्मपत्नी ममता खीचड़ भी भारतीय सेना में चिकित्सक है। हांसियाबास के एक साधारण किसान परिवार में जन्मे मेजर पवन कुमार के पिता सत्यवीर सिंह तथा माता सुमित्रा देवी खेती बाड़ी का काम करते हैं। पवन कुमार सेकेंडरी तक की शिक्षा न्यांगल बड़ी के बीआरजेडी पब्लिक स्कूल में हुई। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए इंग्लिश लिट्रेचर से एम.ए. किया। अध्ययन एवं खेलों के साथ साथ साहसिक कार्यों में रूचि रखने वाले पवन कुमार की अध्ययन काल से ही भारतीय सेना में जाने की इच्छा थी। उसी के चलते सी.डी.एस. की परीक्षा देकर सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हो गए।[1]

शौर्य चक्र पुरस्कार से सम्मानित

चूरू जिले के गांव हांसियावास निवासी मेजर पवनकुमार खीचड़ जाट 24 वीं जाट रेजीमेंट को अदम्य साहस और वीरता के लिये महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महोदय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शौर्य_चक्र से नवाजा गया है। मेजर पवन कुमार ने 2017 में कश्मीर में मुठभेड़ में अपनी वीरता और बहादुरी को दिखाते हुए कई आतंकवादियों को ढेर किया था. कृतज्ञ राष्ट्र ने उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए शौर्य चक्र से सम्मानित किया है मेजर पवन कुमार खीचड़ और उनके परिजनों दोस्तों रेजीमेंट के साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं। [2]

चित्र गैलरी

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ

  1. यह जानकारी और फोटो श्री प्रबोध खीचड़ द्वारा उपलब्ध कराये गए हैं.
  2. पत्रकार चौधरी चंद्रप्रकाश डूडी

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