Pradhan

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Pradhan (प्रधान)[1][2] is a surname of Jats.

Origin

It was the word used for Ishwara in Vedas, later for the chiefs of groups of people or assemblies. Of late it was used for Vanshas.

History

प्रधान शब्द वेदों में ईश्वर के लिए आया है। शिवजी महाराज ने गणराज्यों की स्थापना की। उन गणों के नेता को गणपति या प्रधान कहते थे। जाटों के बड़े-बड़े गणराज्य रहे हैं जिनका संचालक प्रधान कहलाता था। आजकल खापों की पंचायत के मुखिया को या किसी समूह-समारोह के प्रमुख व्यक्ति को प्रधान नाम से पुकारा जाता है । चुनी हुई ग्राम पंचायत के मुखिया को 'सरपंच' और कई जगह 'प्रधान' भी कहते हैं। प्रधान शब्द का प्रयोग प्रमुख वंशों के लिए भी होता आया है। मुरादाबाद, बिजनौर में (12 गांवों के चौधरियों को छोड़कर), सभी जाटों को 'प्रधान' के नाम से पुकारा जाता है।

मुजफ्फरनगर का पूर्वी भाग (भोकरहेड़ी को छोड़कर), मेरठ में मवाना की सारी तहसील, दौराला के अहलावत, ढकौली के ढाका, छपरौली के खोखर, बृज के डागुर, टीकरी (मेरठ) के राठियों का चौगांवा, गांवों के जाट 'प्रधान' की उपाधि से सम्बोधित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त जाटों में प्रधान उपाधि का कहीं प्रचलन नहीं।[3]

Distribution

Notable persons

  • M.C.Pradhan (a Canadian Professor): Author of the book 1. The Political System of the Jats of Northern India, Oxford. 2. Pradhan, Dr. M.C. et al.: Anthropology and Archeology, Oxford University Press, 1969. He has done commendable work on the Khaap Panchayats.

Population

Reference


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