Pratapgarh U.P.

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ratapgarh district map
Note - Please click → Pratapgarh for details of similarly named villages at other places.


Pratapgarh (Hindi: प्रतापगढ़), also called Belha, Bela, Bela Pratapgarh, Partapgarh or Partabgarh, is a city and municipality of Uttar Pradesh. It is the administrative headquarters of Pratapgarh district, part of the Allahabad Division. Pratapgarh is the birthplace of the national poet Harivansh Rai Bachchan. It is one of the older districts of Uttar Pradesh, that came into existence in the year 1858.

Tahsils in Pratapgarh district

जिले में 5 तहसील हैं जिनके नाम क्रमशः रानीगंज, कुण्डा, लालगंज, पट्टी और सदर हैं। Page to be expanded

Short History

The district is named after its headquarter town Belha Pratapgarh, commonly known as Pratapgarh. Raja Pratap Singh, a local raja between 1628–1682, located his capital at Rampur near the old town of Aror. There, he built a garh (fort) and called it Pratapgarh after himself. Subsequently, the area around the fort became known as Pratapgarh. When the district was constituted in 1858, its headquarters was established at Belha, which came to be known as Belha Pratapgarh, the name Belha presumably being derived from the temple of Belha Bhawani on the bank of River Sai. It is popularly known as "Belha Mai" – meaning Mother Goddess Belha.

प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश के 70 वां जिले के रूप में जाना जाता है, इसे लोग बेल्हा भी कहते हैं, क्योंकि यहां बेल्हा देवी मंदिर है जो कि सई नहीं के किनारे बना है। इस जिले को ऐतिहासिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है।

ये जिला फैजाबाद डिवीजन का एक हिस्सा है जिसका नाम इसके मुख्यालय शहर बेल्हा-प्रतापगढ़ के नाम पर रखा गया है। एक स्थानीय राजा, राजा प्रताप बहादुर, जिनका कार्यकाल सन् 1628 से लेकर 1682 के मध्य था, उन्होने अपना मुख्यालय रामपुर के निकट एक पुराने कस्बे अरोर में स्थापित किया। जहाँ उन्होने एक किले का निर्माण कराया और अपने नाम पर ही उसका नाम प्रतापगढ़ (प्रताप का किला) रखा। धीरे-धीरे उस किले के आसपास का स्थान भी उस किले के नाम से ही जाना जाने लगा यानि प्रतापगढ़ के नाम से। जब 1858 मे जिले का पुनर्गठन किया गया तब इसका मुख्यालय बेल्हा में स्थापित किया गया जो अब बेल्हा-प्रतापगढ़ के नाम से विख्यात है। बेल्हा नाम वस्तुतः सई नदी के तट पर स्थित बेल्हा देवी के मंदिर से लिया गया था।

यहां के विधानसभा क्षेत्र पट्टी से ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने पदयात्रा के माध्यम से अपना राजनैतिक करियर शुरू किया था। इस धरती को राष्ट्रीय कवि हरिवंश राय बच्चन की जन्म -स्थली के नाम से भी जाना जाता है।

आंवले के लिए पूरे देश में मशहूर प्रतापगढ़ के विधानसभा क्षेत्रों के नाम हैं रानीगंज, कुंडा, विश्वनाथगंज, पट्टी, वीरापुर, गढ़वारा, सदर, बाबागंज, बिहार, प्रतापगढ़ और रामपुर खास है। जिले में 5 तहसील हैं जिनके नाम क्रमशः रानीगंज, कुण्डा, लालगंज, पट्टी और सदर हैं।

प्रतापगढ़ की राजनीति में यहाँ के तीन मुख्य राजघरानों का नाम हमेशा रहा। इनमे से पहला नाम है विश्वसेन राजपूत राय बजरंग बहादुर सिंह का परिवार है जिनके वंशज रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) हैं, राय बजरंग बहादुर सिंह हिमांचल प्रदेश के गवर्नर थे तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। दूसरा परिवार सोमवंशी राजपूत राजा प्रताप बहादुर सिंह का है और तीसरा परिवार राजा दिनेश सिंह का है जो पूर्व में भारत के वाणिज्य मंत्री और विदेश मंत्री जैसे पदों पर सुशोभित रहे। इनकी रियासत कालाकांकर क्षेत्र है। दिनेश सिंह की पुत्री राजकुमारी रत्ना सिंह भी राजनीति में हैं तथा प्रतापगढ़ की मौजूदा सांसद हैं।[1]

Villages in Pratapgarh

To be added

External Links

References


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